अवनी चतुर्वेदी (पायलट)
अवनी चतुर्वेदी (पायलट)
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- अवनी चतुर्वेदी भारत की पहली महिला लड़ाकू पायलट है
- अवनी चतुर्वेदी का जन्म 27 अक्टूबर 1993 को मध्य प्रदेश के सतना जिले के कोठीकंचन गांव में हुआ था
- वर्तमान में अवनी चतुर्वेदी का परिवार रीवा जिले में रहता है
- अवनी चतुर्वेदी का शुरुआती पढ़ाई मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में हुई
- अवनी चतुर्वेदी ने राजस्थान के वनस्थली विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की है
- अवनी चतुर्वेदी के पिता मध्य प्रदेश के जल संसाधन विभाग में इंजीनियर और मां गृहणी है
- अवनी चतुर्वेदी के मामा सेना में रिटायर्ड कर्नल है और भाई सेना में कैप्टन है
- अवनी चतुर्वेदी कहती है कि उन्हें सेना में काम करने की प्रेरणा उनके भाई से मिली
- अवनी चतुर्वेदी का बचपन एक सामान्य लड़की की तरह ही बिता वह पढ़ाई में अव्वल थी
- पिता उनके सबसे अच्छे शिक्षक थे वह उन्हें सोचने खेलने कूदने और करियर का पूरा आजादी दिए
- अवनी चतुर्वेदी शुरू से ही सेना में जाने का लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ती गई इसलिए वह स्कूल में ही NCC में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया
- वनस्थली में पढ़ाई के वक्त ही अवनी ने वायुसेना में जाने के प्रयास शुरू कर दिए थे
- ईमानदारी और लगन का नतीजा यह रहा कि अवनी ने आसानी से वायुसेना सेना की परीक्षा पास कर ली
- हैदराबाद में एक वार्षिक कठिन प्रशिक्षण के बाद जून 2016 में लड़ाकू विमान के पायलट बन गई
- अवनी चतुर्वेदी के साथ-साथ बिहार की भावना कांत और राजस्थान की मोहना सिंह को भी यह गौरव प्राप्त हुआ
- कर्नाटक में प्रशिक्षण के बाद वह सुखोई और तेजस जैसे उन्नत विमान उड़ाने में सफल हुई
- अवनी चतुर्वेदी ने 19 फरवरी 2018 को मिग-21 फाइटर जेट खुले आसमान में अकेले ही उड़ा कर इतिहास रची
- अवनी चतुर्वेदी बताती है कि वह कल्पना चावला से प्रभावित थी
- अवनी चतुर्वेदी अपने भाई की तरह कविताएं भी लिखती है
- अवनी चतुर्वेदी को पेंटिंग शतरंज टेबल टेनिस स्केचिंग और इनडोर खेल का भी शौक है
- अभी भी अवनी चतुर्वेदी का ट्रेनिंग आगे भी जारी है वह सुखोई और तेजस उड़ाना चाहती है
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