Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.
Rajni

प्रभावित रेजीडेंट्स को वैकल्पिक आवास व्यवस्था के लिए तीन विकल्प

40

प्रभावित रेजीडेंट्स को वैकल्पिक आवास व्यवस्था के लिए तीन विकल्प

डीसी निशांत पहुंचे सोसायटी, प्रभावित परिवारों से किया विचार-विमर्श

मरम्मत या पुर्ननिर्माण होने तक प्रभावित परिवार रह सकते हैं निःशुल्क

चिंटल पैराडिसो आवासीय सोसायटी टॉवर डी में 64 परिवार रह रहे

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। 
गुरुग्राम में सैक्टर-109 स्थित चिंटल पैराडिसो आवासीय सोसायटी के टॉवर डी में रहने वाले परिवारों की वैकल्पिक आवासीय व्यवस्था करवाने के लिए शुक्रवार को डीसी निशंात कुमार यादव स्वयं आवासीय सोसायटी में पहुंचे। उन्होंने प्रभावित परिवारों के साथ विचार विमर्श किया। टॉवर डी में 64 परिवार रह रहे थे, जिनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी है।

प्रभावितो को अन्य फलैट में शिफट की छूट
बीते दिन 10 फरवरी को इस सोसायटी में हादसा होने के बाद वहां रह रहे लोगों में डर और भय का माहौल बना है। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन ने उनके लिए वैकल्पिक आवासीय व्यवस्था करवाई है। डीसी निशांत कुमार यादव ने टॉवर डी के प्रभावित परिवारों से बातचीत करने के बाद शुक्रवार को उन्हें तीन विकल्प दिए हैं। पहला यह है कि जहां वर्तमान मंे वे परिवार वैकल्पिक व्यवस्था में रह रहे हैं, जब तक उनके फलैटों का सेफटी ऑडिट हो और आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों की टीम द्वारा सुझाए गए मरम्मत या पुर्ननिर्माण का कार्य पूरा हो, तब तक वे उस व्यवस्था में निःशुल्क रहते रहें। उन्हें इसके लिए कोई किराया नहीं देना होगा और उस अवधि के लिए उनका मेन्टेनेन्स शुल्क भी माफ रहेगा। दूसरा विकल्प यह दिया गया है कि कोई भी प्रभावित परिवार कहीं और अपनी पसंद के फलैट में शिफट कर सकता है। ऐसी अवस्था में जितने आकार के फलैट में अब वह परिवार रह रहा है, उतने आकार के फलैट के किराए का भुगतान बिल्डर या डवलेपर द्वारा किया जाएगा।

रिफंड का निकालेंगे कोई तरीका निकालेगा
डीसी ने प्रभावित रेजीडेंट्स को तीसरा विकल्प यह दिया है कि जो परिवार किसी भी सूरत में यहां नहीं रहना चाहते और रिफंड चाहते हैं, उनके द्वारा फलैट की जो कीमत डवलेपर को अदा की गई है, वह राशि साधारण ब्याज, जो कानून के हिसाब से वाजिब बनता है, के साथ उन्हंे डवलेपर द्वारा रिफंड कर दी जाएगी। इसके अलावा, फलैट में करवाए गए इंटीरियर का थर्ड पार्टी अस्समेंट करवाकर वह राशि भी अलाटियों को दी जाएगी। परंतु इसमें यह सामने आया कि कई परिवारों ने फलैट री-सेल में खरीदे हुए हैं। ऐसे मामले में डीसी ने यही आश्वासन दिया है कि जिला प्रशासन उनके लिए रिफंड का कोई ना कोई तरीका निकालेगा।

स्ट्रक्चरल सेफटी ऑडिट को आईआईटी दिल्ली से आग्रह
इसी बीच डीसी ने बताया कि जिला प्रशासन ने इस सोसायटी में रिहायशी टॉवरों का स्ट्रक्चरल सेफटी ऑडिट करवाने के लिए आईआईटी दिल्ली से आग्रह किया था। आमतौर पर इस प्रकार के ऑडिट के लिए टीम को आने में एक महीना लग जाता है लेकिन प्रशासन के आग्रह पर आईआईटी दिल्ली की टीम शुक्रवार को  मौके पर पहुंच गई और उन्हांेने अपना काम भी शुरू कर दिया। अपने चिंटल पैराडिसो सोसायटी के दौरे के दौरान उपायुक्त निशांत कुमार यादव इस टीम से भी मिले और उन्होंने टीम के सदस्यों से सेफटी ऑडिट का कार्य जल्द पूरा करने का आग्रह किया। इस मौके पर एडीसी विश्राम कुमार मीणा तथा डीटीपी आर एस भाट भी उनके साथ उपस्थित थे।

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading