भारत-पाक सीमा पर तनोत माता का मेला भरा BSF और पुलिस जवान सुरक्षा में तैनात, दूर-दूर से आए भक्त
भारत-पाक सीमा पर तनोत माता का मेला भरा:BSF और पुलिस जवान सुरक्षा में तैनात, दूर-दूर से आए भक्त
चमत्कारी मंदिर के नाम से देश भर में विख्यात शक्ति पीठ मातेश्वरी तनोट राय मंदिर में बुधवार से नौ दिवसीय मेला शुरू हुआ। शारदीय नवरात्रा के मौके पर घट स्थापना के बाद हवन किया गया। दूर-दराज से आए भक्तों ने हवन में आहुतियां दी।
तनोट माता मंदिर भारत-पाक बॉर्डर पर स्थित है। इस मंदिर की सार-संभाल का जिम्मा बीएसएफ के पास है। नवरात्रा के पहले दिन दूर-दूर से मंदिर में भक्त पहुंचे। भक्तों ने माता की आरती के बाद माता के भंडारे में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद के रूप में भोजन लिया। माता तनोट के प्रति बढ़ती आस्था इस बात का प्रमाण है कि दूर-दराज से सैकड़ों श्रद्धालु पैदल यात्रा कर माता के दरबार में पहुंचते हैं।
तनोट माता मंदिर में नवरात्रा के पहले दिन श्रद्धालुओं की भीड़ तनोट माता मंदिर में नवरात्रा के पहले दिन श्रद्धालुओं की भीड़सुरक्षा के लिए सेना और पुलिस के जवान तैनात तनोट में प्रसादी की स्थाई और अस्थाई दुकानें सज गई हैं। सीमावर्ती क्षेत्र होने की वजह से और श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए तनोट में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है। तनोट मंदिर परिसर में सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ पुलिसकर्मी भी तैनात है। तनोट माता मंदिर के साथ साथ घण्टियाली माता मंदिर,रामगढ़ कस्बे में स्थित हिंगलाज माता मंदिर और काले डूंगरराय मंदिर में भी घट कलश स्थापना के साथ हवन किया गया।
भारत-पाकिस्तान युद्ध से प्रसिद्ध हुआ मंदिर
सरहद पर स्थित तनोट माता मंदिर भारत-पाकिस्तान के 1971 में लड़े गए लोंगेवाला युद्ध से प्रसिद्ध हुआ। इस युद्ध के दौरान पाकिस्तानी फौज ने 3 हजार से भी ज्यादा बम बरसाए मगर मान्यता है कि माता कि कृपा और आशीर्वाद से एक भी बम नहीं फटा। आज भी कुछ बम मंदिर परिसर में रखे गए हैं। गृह मंत्री अमित शाह से लेकर सीएम अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की भी तनोट माता मंदिर में प्रबल आस्था हैं।
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