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स्ट्रोक का इलाज,  आर्टेमिस अस्पताल बना दुनिया का बेस्ट अस्पताल 

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स्ट्रोक का इलाज,  आर्टेमिस अस्पताल बना दुनिया का बेस्ट अस्पताल 

आर्टेमिस अस्पताल की स्ट्रोक और वैस्कुलर-इंटरवेंशन यूनिट को सर्वश्रेष्ठ अवार्ड                                                                                            आर्टेमिस अस्पताल को स्ट्रोक उपचार के लिए डायमंड स्टेटस अवॉर्ड मिला                                                                                                  हरियाणा के किसी भी प्राइवेट अस्पताल को पहली बार पुरस्कार                                                                                                                        हमारी खराब जीवनशैली के कारण स्ट्रोक के मामलों में हो रही वृद्धि

फतह सिंह उजाला                                        गुरुग्राम । गुरुग्राम स्थित आर्टेमिस अस्पताल के स्ट्रोक एंड वैस्कुलर-इंटरवेंशन  यूनिट को वर्ल्ड स्ट्रोक ऑर्गनाइजेशन  द्वारा डायमंड अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है । ऐसा पहली बार है जब हरियाणा के किसी अस्पताल को इस क्षेत्र में अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ये पुरस्कार मिला हो । इसके साथ ही ये अस्पताल स्ट्रोक का सर्वोत्तम इलाज करने वाला देश का अग्रणी अस्पताल बन गया ।

वर्ल्ड स्ट्रोक ऑर्गनाइजेशन ने कड़ी गुणवत्ता मूल्यांकन प्रक्रिया के तहत इस अस्पताल का चयन किया गया । सर्वोत्तम इकाई चुनने के लिए डब्ल्यूएसओ पैरामीटर डोर टू नीडल टाइम के तहत घर-घर जाकर 60 मिनट के अंदर इलाज किए गए मरीजों की संख्या, 120 मिनट के अंदर इलाज किए गए मरीजों की संख्या, 45 मिनट के अंदर इलाज किए गए मरीजों की संख्या पर विचार करता है । डोर टू नीडल टाइम, स्ट्रोक के मरीजों का इलाज करने वाली यूनिट या आईसीयू में किया जाता है ।

आर्टेमिस अस्पताल में न्यूरो इंटरवेंशन, स्ट्रोक और वैस्कुलर-इंटरवेंशन (एसवीआईएन) यूनिट के निदेशक, डॉ विपुल गुप्ता ने कहा, ”हम यह पुरस्कार पाकर खुश हैं क्योंकि सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का हमारा उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है । इस अवसर पर मैं पूरी टीम को बधाई देता हूं जिन्होंने ऐसे कठिन समय में उच्च स्तरीय गुणवत्ता उपायों को हासिल करने की दिशा में काम किया है । हम जान बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं , चूंकि स्ट्रोक के रोगियों के इलाज में समय का बहुत अधिक महत्व है और टीम समन्वय बहुत जरूरी है और प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता के साथ, हमारे पास रोगियों के इलाज के लिए ऐसी टीम है । 

टीम ने हाल ही में हरियाणा और उसके आसपास एक ‘ड्रिप एंड शिप’ मॉडल भी विकसित किया है । ताकि आसपास के अस्पताल में कम से कम समय के अंदर प्राथमिक उपचार देकर ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके । जल्द ही इस मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर तक लाने की योजना है , असल में आर्टेमिस अस्पताल इस इलाके का एकमात्र अस्पताल है जिसके पास स्ट्रोक न्यूरोलॉजी टीम है । जो सिर्फ स्ट्रोक के मरीजों के लिए ही काम करती है और चौबीसों घंटे न्यूरो इंटरवेंशन सेवाएं देती है । बता दें कि स्ट्रोक उपचार में बेहतर गुणवत्ता के लिए डब्ल्यूएसओ डायमंड पुरस्कार दुनिया भर के अस्पतालों या स्ट्रोक इकाइयों को दिया जाता है। ये अवॉर्ड टीमों और व्यक्तियों को प्रभावी और समय पर इलाज के लिए प्रोत्साहित करता है । जिसमें तुरंत इलाज कर जान बताना और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं के जोखिम को कम करना शामिल है.

आर्टेमिस अस्पताल के डॉ राज श्रीनिवास पार्थसारथी ने कहा,* ”स्ट्रोक के मामलों में अचानक वृद्धि कई कारणों से हो सकती है । लेकिन एक प्रमुख कारण खराब जीवनशैली को अपनाना है, यही कारण है कि कम से कम समय में सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना समय की ज़रूरत बन गया है । ज्यादातर रोगी को परिवहन उपलब्धता न होने की वजह से प्रारंभिक और उचित उपचार नहीं मिल पाता है, जिसकी वजह से मौत हो जाती है । स्ट्रोक के मरीजों को पास के अस्पताल में इलाज देने में हमारी ड्रिप एंड शिप मॉडल का भी ख़ास महत्व रहा है, और हमारी टीम का उनके साथ समन्वय समय पर पर एक्शन लेने में मदद करता है, जल्दी और सही इलाज रोगी के दिमाग को होने वाले नुकसान को उलटने या रोकने में मदद कर सकता है । एक डॉक्टर और प्रीमियम स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाला होने के नाते, मरीजों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है। 

बता दें कि स्ट्रोक पिछले कुछ सालों में भारत में रुग्णता और मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक बन गया है । हालांकि समय पर इलाज दिमाग को होने वाले नुकसान को रोक सकता है ।  अनुमान है कि हर साल लगभग 1.8 मिलियन लोग स्ट्रोक से पीड़ित होते हैं, लेकिन सिर्फ 1 प्रतिशत ही सही उपचार के लिए समय पर अस्पताल पहुंच पाते हैं।

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