एसजीटी विश्वविद्यालय, गुड़गांव में आयोजित होगी जीनोम एडिटिंग विषयक कार्यशाला
एसजीटी विश्वविद्यालय, गुड़गांव में आयोजित होगी जीनोम एडिटिंग विषयक कार्यशाला
प्रधान संपादक योगेश
एसजीटी यूनिवर्सिटी, गुड़गांव- जिओमी एडिटिंग विषयक पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है, जो कि एलायंस ऑफ बायोसिटी इंटरनेशनल और CIAT, नई दिल्ली के तत्वाधान में आयोजित होगी। यह कार्यशाला ICAR इंस्टिट्यूट, NRRI कटक व NIPB, नई दिल्ली एवं DBT-NABI, मोहाली के सहयोग से 23-27 मार्च, 2021 के बीच आयोजित होगी। प्रो केसी बंसल, प्रसिद्ध प्लांट बायोटेक्नोलॉजिस्ट एवं पूर्व निदेशक, नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज (आईसीएआर), नई दिल्ली इसके कोर्स निदेशक होंगे। इसमें भारत और विदेशों के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक भी शामिल हो रहे हैं।
भारतीय कृषि ने बढ़ती मानव आबादी के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हालाँकि खाद्य उत्पादन को और बढ़ाने के लिए कई चुनौतियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इनमें जलवायु परिवर्तन और कृषि पर पड़ता प्रतिकूल प्रभाव, भूमि और पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों का ह्रास, कीटों और रोगजनकों की वृद्धि आदि कारक शामिल हैं। हाल के दिनों में एक नई तकनीक तेजी से उभरी है, जिसका नाम जीनोम एडिटिंग है। यह फसलों के आनुवंशिक सुधार के लिए एक गेम चेंजर तकनीक साबित हो रही है। उल्लेखनीय योगदान के लिए इस बहुमुखी प्रौद्योगिकी को रसायन विज्ञान का 2020 का नोबेल पुरस्कार भी प्रदान किया गया है।
जीनोम एडिटिंग तकनीक विशेष रूप से लगातार बदलते जलवायु के बीच फसलों को विकसित करने के लिए प्रयोग की जाती है। यह उत्पादन की विषम परिस्थितियों में भी कम से कम संसाधनों से अधिकतम उत्पादन करने में सहायक है।
एसजीटी विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाली इस कार्यशाला में प्रतिभागी युवा वैज्ञानिक और स्कॉलर ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सकते हैं। इस कोर्स को वर्तमान में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों व विद्वानों के सहयोग से तैयार किया गया है।
इस तरह की कार्यशाला कृषि, पर्यावरण और स्वास्थ्य क्षेत्र के विभिन्न अनुप्रयोगों में तकनीक के उपयोग की बुनियादी अवधारणाओं को समझने के लिए प्रतिभागियों को एक मंच प्रदान करेगी। वैश्विक ढांचे और एक सक्षम वातावरण में विज्ञान-आधारित विनियामक दिशा-निर्देश छोटे किसानों और बड़े पैमाने पर समाज के लाभ के लिए एक शक्तिशाली प्रौद्योगिकी के उपयोग से सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने में निश्चय ही मदद मिलेगी ।
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