2013 के बाद नहीं हुई सेट परीक्षा, बेरोजगारों की टूट रही नौकरी की उम्मीद
2013 के बाद नहीं हुई सेट परीक्षा, बेरोजगारों की टूट रही नौकरी की उम्मीद
तैयारी में जुटे युवाओं की परेशानी बढ़ी
सीकर.
राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से नौ साल से सेट परीक्षा नहीं कराई जा रही, इससे बेरोजगारों के नौकरी के अरमान टूट रहे हैं। जबकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से एक साल में दो बार नेट की परीक्षा कराई जाती है। इस वजह से सहायक आचार्य की भर्ती की तैयारी में जुटे युवाओं की परेशानी बढ़ रही है। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए नेट या सेट परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही पात्र हैं। प्रदेश में सहायक आचार्य के फिलहाल 1600 पद रिक्त हैं। सरकार इन पदों पर भर्ती करने की तैयारी कर रही है। ऐसे में युवाओं की ओर से सेट परीक्षा की मांग की जा रही है। आरपीएससी ने आखिरी बार सेट परीक्षा 2013 में कराई थी। इस परीक्षा में 40,216 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जबकि 6235 अभ्यर्थी कॉलेज व्याख्याता परीक्षा देने के लिए पात्र घोषित हुए। ऐसे में राज्य के हजारों विद्यार्थी, जो यूजीसी की ओर से आयोजित नेट परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पा रहे, वे सेट परीक्षा नहीं होने से कॉलेज व्याख्याता के काबिल नहीं बन पा रहे हैं। दूसरी तरफ विवि और सरकार निजी कॉलेजों में योग्य व्याख्याता रखने के लिए कॉलेजों को आदेश जारी कर रही है, लेकिन सेट परीक्षा नहीं होने से योग्य व्याख्याताओं की कमी है। राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से वर्ष 1992 से सेट परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।
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