साँची स्तूप (मध्य प्रदेश)
साँची स्तूप (मध्य प्रदेश)
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- साँची का बौद्ध विहार, महान स्तूप के लिये प्रसिद्ध है
- यह भारत के मध्यप्रदेश राज्य के रायसेन जिले के साँची शहर में स्थित है
- यह भोपाल से उत्तर-पूर्व में 46 किलोमीटर दूर है
- साँची स्तूप के निर्माण कार्य का कारोबार अशोक महान की पत्नी देवी को सौपा गया था, जो विदिशा के व्यापारी की ही बेटी थी
- साँची उनका जन्मस्थान और उनके और सम्राट अशोक महान के विवाह का स्थान भी था
- पहली शताब्दी में वहाँ चार आभूषित द्वार बनाये गए थे
- साँची के स्तूप का निर्माण मौर्य के समय में ईंटो से किया गया था
- साँची का महान स्तूप भारत की सबसे प्राचीन संरचनाओ में से एक है
- असल में तीसरी शताब्दी में सम्राट अशोक महान ने इसे बनवाया था
- इसका नाभिक अर्धगोल ईट संरचना में बौद्ध के अवशेषों के आधार पर बनाया गया है
- इसे छत्र का ताज भी पहनाया गया है, यह छत्र बुद्धा की उच्चता को दर्शाता है
- यहाँ रत्नों से आभूषित एक पिल्लर भी स्थापित किया गया है
- पिल्लर के उपरी भाग को पास ही के चंदवा में भी रखा गया है
- यह पिल्लर अशोक का ही शिलालेख था और गुप्त के समय में शंख लिपि से बनने वाले आभूषण भी इसमें शामिल है
- ऐसा कहा जाता है की साँची के द्वार और कटघरों का निर्माण 180-160 सदी से भी पहले बनाये गए थे
- साँची के स्तूप और आस-पास के दुसरे स्तूप की देखभाल के लिये स्थानिक लोग पैसो की सहायता भी करते है
- साँची के स्तूप में बहुत से ब्राह्मी शिलालेख है उनमे से कुछ छोटे है और कुछ लोगो के डोनेशन से भी बनाये गए है
- वहाँ बने सभी शिलालेख इतिहासिक वास्तुकला को दर्शाते है 1837 में जेम्स प्रिन्सेप ने इसका वर्णन अपने लेखो में भी किया था
- भारत में साँची का स्तूप ही बेहद प्राचीन माना जाता है
- बौद्ध धर्म के लोगो के लिये यह एक पावन तीर्थ के ही समान है
- साँची के स्तूप शांति, पवित्रतम, धर्म और साहस के प्रतिक माने जाते है
- सम्राट अशोक ने इसका निर्माण बौद्ध धर्म के प्रसार-प्रचार के लिये किया था
- आज भी इस स्थान का मुख्य आकर्षण बौद्ध धर्म और भगवान गौतम बुद्धा से जुडी चीजे ही है
- बौद्ध धर्म का प्रचार करने वालो के लिये यह एक मुख्य जगह है
- भारत में सभी धर्म के लोग इस स्तूप का काफी सम्मान करते है
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