घंटी अथवा घंटा बजते सामान्य ज्ञान बढ़ोतरी के लिए.
आपने मंदिर, चर्च, स्तूप जैसे धार्मिक स्थानों पर घंटी अथवा घंटा बजते देखा होगा । ये कई तरह के होते है यहां चार के बारे में सामान्य जानकारी रख्खि हुई है. सामान्य ज्ञान बढ़ोतरी के लिए.
1.गरूड़ घंटी, 2.द्वार घंटी (डींग डांग), 3. हाथ घंटी और 4.घंटा (चर्च को छत पर लगता है मंदिर के प्रांगण में)
- गरूड़ घंटी : गरूड़ घंटी छोटी-सी होती है जिसे एक हाथ से बजाया जा सकता है। पूजा आरती में बजाई जाती है ।
- द्वार घंटी : यह द्वार पर लटकी होती है। यह बड़ी और छोटी दोनों ही आकार की होती है। वर्तमान में बिजली से चलने वाली डींग डांग भी आती है ।
- हाथ घंटी : पीतल की ठोस एक गोल प्लेट की तरह होती है जिसको लकड़ी के एक गद्दे से ठोककर बजाते हैं। रात्रि चौकीदार अथवा सुबह जगाने वाले, स्कूल में सेवादार द्वारा बजाई जाती थी । झालर भी कहा जाता है जिसे मंदिर में आरती के वक्त बजाते है ।
- घंटा : यह बहुत बड़ा होता है। कम से कम 5 फुट लंबा और चौड़ा। इसको बजाने के बाद आवाज कई किलोमीटर तक चली जाती है। चर्च मंदिर बौद्ध स्तूप में लगा होता है ।
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