रीट : 86 फीसदी अभ्यर्थियों को इस बार जिलों में ही सेंटर
रीट : 86 फीसदी अभ्यर्थियों को इस बार जिलों में ही सेंटर
इस बार नहीं होगी माइनस मार्र्किंग, संशय वाले सवालों में भी ले सकते हैं रिस्क
बीकानेर.
पिछली रीट परीक्षा में बेरोजगारों को दूर-दराज के जिलों में सेंटर देने के बाद पेपर आऊट के मामले सामने आने से इस बार बोर्ड ने रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। रीट में शामिल होने वाले 86 फीसदी अभ्यर्थियों को अपने ही जिले यानि पहली वरीयता वाले ऑप्शन में सेंटर अलॉट किए जाने की संभावना है। इसके अलावा अन्य अभ्यर्थियों को उस जिले में सेंटर नहीं मिलने पर नजदीक के जिलों में सेंटर अलॉट किए गए हैं। इससे बेरोजगारों को पूरी तरह राहत मिल सकेगी। वहीं रोडवेज भी रीट अभ्यर्थियों को छह दिन निशुल्क सफर कराएंगी। इसके लिए सभी जिलों में अभ्यर्थियों के हिसाब से बसों के इंतजाम करने में राजस्थान राज्य परिवहन निगम जुट गया है। बेरोजगारों के लिए दूसरी राहत यह है कि परीक्षा में इस बार भी माइनस मार्र्किंग नहीं होगी। ऐसे में अभ्यर्थी कुछ संशय वाले सवालों में भी रिस्क ले सकते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार रीट परीक्षा महज पात्रता है। इसके बाद तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के दोनों लेवल के लिए अलग से भर्ती कराई जाएगी।
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