Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.
Rajni

श्रद्धा भाव से मनाया स्नेह और पवित्रता का प्रतीक रक्षा बंधन

19

श्रद्धा भाव से मनाया स्नेह और पवित्रता का प्रतीक रक्षा बंधन

रक्षा बंधन का अर्थ ही है – स्व-रक्षक बन विश्व-रक्षक बनना

आत्म शुद्धि की प्रतिज्ञा करना ही सच्चा रक्षासूत्र बांधना

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । 
ब्रह्माकुमारीज के बोहड़ाकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट में स्नेह और पवित्रता का सूचक रक्षा बंधन बड़ी ही श्रद्धा भावना से मनाया गया। इस अवसर पर संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने कहा कि रक्षा बंधन एक अलौकिक पर्व है। रक्षा बंधन हमें स्व-रक्षक बन विश्व-रक्षक बनने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि रक्षासूत्र बांधने से पहले तिलक लगाना वास्तव में आत्म स्मृति का प्रतीक है। आत्म शुद्धि की प्रतिज्ञा करना ही सच्चा रक्षासूत्र बांधना है। रक्षा बंधन सच्चे स्नेह की भावना पैदा करता है। उन्होंने कहा की रक्षा बंधन विश्व बंधुत्व की भावना का संचार करता है।
ओआरसी की निदेशिका बीके आशा दीदी ने श्रेष्ठ गुणों को धारण करने की प्रतिज्ञा कराई। उन्होंने कहा सर्व आत्माओं के प्रति कल्याण एवं सुख देने की भावना रखना ही राखी का मूल उद्देश्य है। इस अवसर पर विशेष रूप से बीके आशा दीदी एवं अन्य बहनों ने बीके बृजमोहन जी को राखी बांधी। कार्यक्रम में बीके गीता दीदी, बीके विजय दीदी, बीके संतोष एवं बीके मधु ने संस्था के सदस्यों को तिलक लगाकर राखी बांधी। साथ ही सबका मुख भी मीठा कराया।

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading