दूसरों के हित में ही अपना हित है !!
दूसरों के हित में ही अपना हित है !!
एक चूहा एक कसाई के घर में बिल बना कर रहता था।एक दिन चूहे ने देखा कि उस कसाई और उसकी पत्नी एक थैले से कुछ निकाल रहे हैं। चूहे ने सोचा कि शायद कुछ खाने का सामान है।
उत्सुकतावश देखने पर उसने पाया कि वो एक चूहेदानी थी।
ख़तरा भाँपने पर उस ने पिछवाड़े में जा कर कबूतर को यह बात बताई कि घर में चूहेदानी आ गयी है।कबूतर ने मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि मुझे क्या? मुझे कौनसा उस में फँसना है?निराश चूहा ये बात मुर्गे को बताने गया।मुर्गे ने खिल्ली उड़ाते हुए कहा :- जा भाई !! ये मेरी समस्या नहीं है।हताश चूहे ने बाड़े में जा कर बकरे को ये बात बताई और बकरा हँसते-हँसते लोटपोट होने लगा।
उसी रात चूहेदानी में खटाक की आवाज़ हुई,जिस में एक ज़हरीला साँप फँस गया था।अँधेरे में उसकी पूँछ को चूहा समझ कर उस कसाई की पत्नी ने उसे निकाला और साँप ने उसे डस लिया।तबीयत बिगड़ने पर उस व्यक्ति ने हकीम को बुलवाया। हकीम ने उसे कबूतर का सूप पिलाने की सलाह दी।
कबूतर अब पतीले में उबल रहा था।खबर सुनकर उस कसाई के कई रिश्तेदार मिलने आ पहुँचे जिनके भोजन प्रबंध हेतु अगले दिन उसी मुर्गे को काटा गया।
कुछ दिनों बाद उस कसाई की पत्नी सही हो गयी, तो खुशी में उस व्यक्ति ने कुछ अपने शुभचिंतकों के लिए एक दावत रखी तो बकरे को काटा गया।
चूहा अब दूर जा चुका था,बहुत दूर !!
👉अगली बार कोई आपको अपनी समस्या बतायेे और आप को लगे कि ये मेरी समस्या नहीं है, तो रुकिए और दुबारा सोचिये।
समाज का एक अंग,एक तबका,एक नागरिक खतरे में है तो पूरा समाज व पूरा देश खतरे में है।अपने-अपने दायरे से बाहर निकलिये। स्वयं तक सीमित मत रहिये।सामाजिक बनिये !!
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