इंद्रदेव को प्रसन्न करने कोे बांटी केसर वाली डेढ़ किवंट्ल खीर
इंद्रदेव को प्रसन्न करने कोे बांटी केसर वाली डेढ़ किवंट्ल खीर
पंडित रामरत्न के सान्निध्य में भंडारे का आयोजन किया गया
भगवान एक दाना के बदले आपको कई गुना फल प्रदान करता
किया गया दान भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से फलीभूत होता
फतह सिंह उजाला
पटौदी। अमावस्या के अवसर पर देवराज इंद्र को प्रसन्न करने के लिये राजीव चौक पर शहरवासियों की ओर से पंडित रामरत्न के सान्निध्य में भंडारे का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन प्रमुख समाजसेवी फूलचंद जैन ने नारियल फोड कर किया। शहरवासियों की ओर से फूलचंद जैन का पगड़ी बांधकर सम्मान किया गया।
वेदज्ञाता पं रामरत्न के मंत्रोच्चारण के बाद केसर वाली डेढ़ किवंट्ल खीर का प्रशाद वितरण किया गया। इस मौके पर फूलचंद जैन ने कहा कि देवराज इंद्र को प्रसन्न करने एवं शहर मे सुख शांति के लिए सभी के सहयोग से भंडारे का आयोजन किया गया है। शहरवासियों ने भंडारे मे दिल खोल कर श्रम एवं धन दान दिया है। पं रामरत्न ने कहा कि दान करने से धन घटता नहीं हैं बल्कि और बढ़ता है जिस तरह धान का एक बीज धरती में गिरता है तो भगवान उस एक दाना के बदले आपको कई गुना फल देता है। उसी तरह किए गए दान भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से फलीभूत होते हैं। दान मानवता को बचाता है। यह जीवन में सिद्धि और प्रसिद्धि प्रदान करता है।
सनातन-सस्कृति में अन्नदान, वस्त्रदान, विद्यादान, अभयदान और धनदान, ये सारे दान इंसान को पुण्य का भागी बनाते हैं। किसी भी वस्तु का दान करने से मन को सांसारिक आसक्ति यानी मोह से छुटकारा मिलता है। हर तरह के लगाव और भाव को छोड़ने की शुरुआत दान और क्षमा से ही होती है। भंडारे में हीरा लाल सोनी, मोतीलाल सोनी, मुकेश सलूजा, उमेश कौशिक, जितेंद्र गोयल, गौरीशंकर शर्मा, शरद् कपूर, दीप भार्गव, रणजीतसिंह, हरी नारायण, सुबे बोहरा, नरेश भल्ला, जैना, अनिल रोहिल्ला, ब्रहमप्रकाश, भगवान दास, मदनमोहन, लाला हलवाई, कुलदीप, पवन, सुरेंद्र, राकेश, शिवम एवं लखन आदि ने भी सहयोग दिया।
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