सामायिक चिन्तन
सामायिक चिन्तन
छति,जल,पावक,गगन,समीरा।
पंच तत्व जन बना अधम शरीरा ।।
हम धरती को माता कहते हैं कारण है कि इंसान को जन्म भले ही एक महिला देती है लेकिन उसका पालन पोषण इस पृथ्वी पर होता है पृथ्वी द्वारा प्रदत्त प्राकृतिक चीजों से वह जीवित रहता है इंसान जन्म के बाद अपनी माता के बिना रह सकता है लेकिन पृथ्वी और प्राकृतिक चीजों के बिना वह क्षण भर भी जीवित नहीं रह सकता लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन सब के बदले में इंसान पृथ्वी को क्या देता है? देना तो दूर की बात वह अपनी जरूरतों के लिए प्राकृतिक चीजों को नष्ट कर देता है ऐसे में सीमित प्राकृतिक संसाधनों का बहुत तेजी में दोहन हो रहा है इसके कारण यह प्राकृतिक संसाधन समय से पहले ही नष्ट हो रहे हैं।
अगर ऐसा हुआ तो हमारी आने वाली पीढ़ी को पृथ्वी जीवित रहने के लिए कुछ न दे पाएगी ऐसे में हम इंसानों को ही पृथ्वी और प्राकृतिक संसाधनों को बचाना होगा इसी उद्देश्य से 22 अप्रैल को हर साल पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। अगर आप भी पृथ्वी को बचाना चाहते हैं तो आज से ही ऐसे पांच आसान कामों को करने की शुरुआत करें जो आने वाली पीढ़ी को एक खूबसूरत वातावरण दे सके …
- जल संरक्षण—
‘जल ही जीवन है’ ये मात्र कहने भर की बात नहीं पृथ्वी पर जल का होना वरदान है ऐसे में पृथ्वी को बचाने के लिए जल संरक्षण करना बहुत जरूरी है पानी की बर्बादी के कारण ही भूमण्डल के हालात बिगड़ते जा रहे हैं इसलिए सभी को ज्यादा से ज्यादा पानी बचाना चाहिए इसके लिए पानी के अन्य स्रोतों पर ध्यान दें नल को ठीक से बंद करें पानी बेवजह खर्च न करें बारिश के पानी को स्टोर करके उसका इस्तेमाल करें।
- वायु प्रदूषण कम करें—
वर्तमान में वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ गया है लोगों के लिए खुली हवा में सांस लेना जहर को अपने अंदर लेने जैसा है वाहनों की बढ़ती संख्या और हवाई जहाजों से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण फैलता है ऐसे में गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करके दूर न जाना हो तो साइकिल का इस्तेमाल कर सकते हैं चाहें तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें।
- कचरा प्रबंधन—
धरती पर कचरा भी बढ़ता जा रहा है उसका उचित प्रबंधन और रीसाइक्लिंग न होने के कारण जगह जगह कचरे के ढेर लगे रहते हैं जो वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण का कारण बनते हैं ऐसे में हमारा काम है कि यह प्रयास करें कि घरों से निकलने वाला कचरा गलने वाला हो गीले और सूखे कचरे को अलग अलग फेकें सबसे जरूरी है कि पॉलीथिन बैग के इस्तेमाल में कमी लाएं।
- केमिकल का कम इस्तेमाल—
आधुनिक भारत में लगभग हर काम के लिए वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल होता है ऐसे में केमिकल युक्त चीजों का इस्तेमाल भी बढ़ गया है जैसे खेती के लिए केमिकल पदार्थों का इस्तेमाल, नहाने से लेकर कपड़े और बर्तन धोने के लिए भी केमिकल युक्त चीजों का इस्तेमाल हो रहा है ये केमिकल नाली के रास्ते बड़े नालों से होते हुए नदियों में जाते हैं और उसे प्रदूषित करते हैं नदियों के इसी पानी का इस्तेमाल कई कार्यों में किया जाता है जो पृथ्वी और इंसान दोनों के लिए घातक है।
- बिजली बर्बाद न करें—
बिजली की जरूरत बढ़ रही है लेकिन बिजली बर्बाद करने से भी प्राकृतिकता का दोहन हो रहा है दरअसल बिजली बनाने के लिए कोयले का इस्तेमाल होता है इसके अलावा कई प्राकृतिक गैसों से भी बिजली बनती है ऐसे में पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है प्रदूषण पृथ्वी को धीरे धीरे नष्ट कर रहा है ऐसे में जरूरत होने पर ही बिजली का इस्तेमाल करें बेवजह लाइट,फैन,ए.सी. चलाकर न छोड़ें।
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