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आईटीआई के बाद मिलते हैं कई करियर ऑप्शन

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आईटीआई के बाद मिलते हैं कई करियर ऑप्शन,
अगर आप आईटीआई करने के बाद में आगे पढ़ाई करना चाहते हैं तो आप आईटीआई के बाद पॉलिटेक्निक कर सकते हैं। चलिए जानते हैं ITI में कितने करियर ऑप्शन हैं-

Career Options For ITI Students: अगर आप ITI कोर्स कर रहे हैं या करने जा रहे हैं, तो आपके मन में भी एक सवाल निश्चित रूप से घूम रहा होगा कि आईटीआई करने के बाद हमें किस तरह की जॉब मिलेगी या फिर किस तरह का कोर्स कर सकते हैं। इस आर्टिकल के माध्‍यम से हम आपको करियर के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

जानें ITI डिप्लोमा
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (Industrial Training Institutes) ITI पॉलिटेक्निक की तरह ही एक संस्थान है जहां पर आप किसी विषय से संबंधित डिप्लोमा प्राप्त कर सकते हैं। ITI में 6 महीने से लेकर 2 साल तक के ही डिप्लोमा होते हैं। इसके लिए शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualifications) कम से कम 10वीं कक्षा तक होनी चाहिए। इस कोर्स की सर्व-प्रियता का मुख्य कारण इंजीनियरिंग या गैर-इंजीनियरिंग ट्रेडों में इसके द्वारा डिजाइन स्किल डेवेलपमेंट से जुड़े सिलेबस तथा कोर्सेज पर विशेष रूप से ध्यान देना है। अगर आप आईटीआई करने के बाद में आगे पढ़ाई करना चाहते हैं तो आप आईटीआई के बाद पॉलिटेक्निक कर सकते हैं।

ITI के बाद करियर विकल्प (Career Options After ITI)
आईटीआई के बाद डिप्लोमा धारक चाहे तो हायर स्टडीज करके बेहतर करियर बना सकते है ये फिर किसी सरकारी या प्राइवेट सेक्टर में जॉब कर सकते हैं।

डिप्लोमा कोर्स
आईटीआई के बाद डिप्लोमा कोर्स उन छात्रों के लिए जिन्होंने टेक्निकल बिजनेस या इंजीनियरिंग डोमेन में आईटीआई प्रशिक्षण लिया है, उनके लिए कई इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स उपलब्ध हैं। आईटीआई कोर्स से उलट डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम डोमेन में विषय के सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों ही पहलुओं के विवरण पर जोर दिया जाता है।

ऑल इंडिया ट्रेड टेस्ट
आईटीआई पास छात्रों के लिए ऑल इंडिया ट्रेड टेस्ट एक बेहतर विकल्‍प है। इसका आयोजन एनसीवीटी द्वारा किया जाता है। यह परीक्षा एक तरह का स्किल टेस्ट है जो आईटीआई छात्रों को सर्टिफाइड करता है। एआईटीटी पास करने के बाद, छात्रों को एनसीवीटी द्वारा संबंधित व्यापार में राष्ट्रीय व्यापार प्रमाणपत्र (एनटीसी) से सम्मानित किया जाता है और इसका सर्टिफिकेट बहुत सारे इंजीनियरिंग ट्रेड्स में एनटीसी डिप्लोमा, डिग्री के बराबर है।

आईटीआई के बाद एंटरप्रेन्योरशिप
आईटीआई के बाद छात्र एंटरप्रेन्योरशिप कर सकते हैं। यह एक दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली है, जिसमें छात्रों को औद्योगिक पर्यवेक्षण के अंतर्गत ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण (ओजेटी) और कक्षा संबंधित निर्देश दोनों का नॉलेज दिया जाता है। एंटरप्रेन्योरशिप 1 या 1.5 साल की कुशलता और योग्यता की ट्रेनिंग होती है। इससे आपको उसी आर्गेनाइजेशन में स्थाई नौकरी भी मिल सकती है।

स्पेशलाइज्ड शॉर्ट टर्म कोर्सेज
आईटीआई छात्रों के लिए कुछ संस्‍थान एटीआई जैसे विशेष शॉर्ट टर्म कोर्सेज प्रदान करती है। ये कोर्स छात्रों को अपने स्किल को और अधिक बढ़ाने में मदद करते हैं, इससे संबंधित डोमेन में अपने नौकरी प्रोफाइल या उद्योग की आवश्यकताओं की पूर्ति आसानी से की जा सकती है और उसके बाद जॉब मिलने में आसानी हो जाती है।

सार्वजनिक क्षेत्रों में नौकरी (Job in Public Sectors)
आईटीआई छात्रों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र या सरकारी एजेंसी में करियर बनाने का शानदार विकल्‍प होता है। जिन छात्रों ने ITI की प्रशिक्षण किया है वे रेलवे, टेलीकॉम/बीएसएनएल, IOCL, ONCG, राज्य-वार पीडब्ल्यूडी जैसी विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में रोजगार तलाश सकते हैं, जबकि सरकारी क्षेत्र में वे भारतीय सशस्त्र बलों यानी भारतीय सेना जैसे भारतीय नौसेना, वायु सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और अन्य अर्धसैनिक बल इत्यादि में नौकरी की तलाश कर सकते हैं।

निजी क्षेत्र में नौकरियां (Jobs in Private Sector)
आईटीआई छात्रों को निजी क्षेत्र भी रोजगार के ढेर सारे अवसर मिलते हैं। निजी क्षेत्रों के तहत मुख्य क्षेत्र जहां आईटीआई के छात्र को ज्यादा हायर किया जाता है, उनमें कंस्ट्रक्शन, एग्रीकल्चर, टेक्सटाइल्स, एनर्जी और कुछ निर्दिष्ट जॉब प्रोफाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, वेल्डिंग रेफ्रिजरेशन और एयर-कंडीशनर मैकेनिक शामिल हैं।

स्वरोजगार (Self-Employment)
इन छात्रों के लिए स्वरोजगार शायद सबसे बेहतर विकल्प है। क्योंकि आईटीआई में व्यावहारिक प्रशिक्षण छात्रों को अपना व्यवसाय शुरू करने या स्वरोजगार प्राप्त करने की गुणों को भी प्रशिक्षित करती है। स्वरोजगार अन्य नियोक्ताओं के लिए काम करने के बजाय हमारे स्वयं के लिए काम करने की अवस्था है।

विदेश में नौकरियां (Jobs in Foreign)
आईटीआई करने वाले छात्र विदेश में भी अपना शानदार करियर बना सकते हैं। विदेशों में ब्लू-कॉलर पेशेवरों की कमी है, जो लोग कई विकसित और विकासशील देशों में चीजों को ठीक कर सकते हैं या संबंधित सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। कुछ विशेष ट्रेड्स फ्रिटर्स आदि के लिए अंतरराष्ट्रीय तेल और गैस कारखानों तथा शिपयार्ड इत्यादि में नौकरी के भरपूर अवसर उपलब्ध हैं।

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