जीवन एक संग्राम है
जीवन एक संग्राम है…!!
कहते हैं कि मुसीबत कभी अकेले नहीं आती ,उसके बाल-बच्चे भी साथ होते हैं। अभी एक कठिनाई से छूटे नहीं कि दूसरी आ धमकती। जीवन एक संग्राम है। इसे कायरों को भी लड़ना पड़ता है,शूरवीरों को भी। किसी के हाथ शस्त्र पकड़ते काँपते हैं,तो कोई : जान की बाजी लगाकर दुश्मन के साथ चार हाथ दिखाता है।कठिनाइयाँ,दुःख,मुसीबतें ऐसे ही शत्रु हैं,जिसे हमें लड़ना पड़ेगा। इनसे पीछा छुड़ाना असंभव है, फिर इन्हें साहस के साथ क्यों न ललकारें ? क्यों न वीर योद्धाओं के समान इनसे जूझें ? जीवन संग्राम में वही विजय पाता है,जो कठिनाइयों से रक्त की अंतिम बूँद रहने तक,जीवन की अंतिम साँस तक लड़ता है। जीवन का श्रेय भी इसी में है कि मुसीबतों में घबराएँ नहीं,उनके साथ संघर्ष करें।सृष्टि के आदि से मरे हुए व्यक्तियों की सूची बनाना यदि संभव रहा होता तो संसार का सारा कागज इस कार्य के लिए खप जाता,पर जिन्हें आज भी दुनिया जानती है,उनका नाम लिखें तो एक पुस्तक भी पूरी न होगी। यहाँ नाम उन्हीं का अमर रहता है,जो महान संकल्प लेकर आते हैं,जो औरों के हित एवं कल्याण के लिए अपना जीवन होम देते हैं,वे ही युगों तक जीवित रहते हैं,वे ही आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा व प्रकाश देते हैं। दूसरों के लिए अपनी हड्डियाँ दान कर देने वाले परमार्थी पुरुष ही संसार में जीते हैं।
उत्साह हमें जिंदादिल बनाए रखता है।योग्यता से भी अधिक महत्वपूर्ण है आपका उत्साह। उत्साह-आपका जोश, जीवन की ऊर्जा है।जो मंजिल की दिशा में आपकी सहायता करती है। आपका उत्साह, आपकी उमंग ही आपको सफलता के शिखर पर पहुंचा सकता है। उत्साही जीवन के संघर्ष में धन की आवश्यकता नहीं होती है।बल्कि धन के बार-बार नष्ट हो जाने पर भी उत्साही व्यक्ति उसे पैदा कर लेता है। उत्साह वह अग्नि है जो हमारे शरीर रूपी इंजन के लिए भाप तैयार करती है।
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