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एनएसजी में ठेके के नाम पर सवा सौ करोङ़ के चार ठग दबोचे

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एनएसजी में ठेके के नाम पर सवा सौ करोङ़ के चार ठग दबोचे

मास्टरमाईण्ड प्रवीण यादव बी.एस.एफ. में डिप्टी कमान्डेन्ट पद पर कार्यरतवर्तमान में मास्टरमाईण्ड प्रवीण मानेसर एनएसजी में डेपुटेशन पर आया13 करोङ 81 लाख 26 हजार नगदी तथा 06 लग्जरी गाङियां भी बरामद

फतह सिंह उजाला
गुरूगाम। 
एनएसजी कैम्पस में कन्सट्रक्शन का ठेका दिलवाने के नाम पर करीब सवा सौ करोङो की ठगी करने वाले मुख्य आरोपी/डिप्टी कमाण्डेन्ट सहित कुल चार आरोपियों को गुरुग्राम पुलिस के द्वारा काबू किया गया है। पुलिस टीम द्वारा आरोपियों के कब्जा से कुल 13 करोङ 81 लाख 26 हजार रुपयों की नगदी तथा 06 लग्जरी गाङियां (हरियर, रेन्जरोवर, जीप कम्पास, बी.एम.ड्बल्यू, सफारी व वोलवो) भी बरामद की गई है। आरोपियों को रिमाण्ड पर लेकर गहनता से आगे की पूछताछ की जाएगी ।

एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने जानकारी देते बताया कि 8 जनवरी शनिवार को पुलिस उपायुक्त मानेसर की ई-मेल पर एक लिखित शिकायत मोनेश इसरानी द्वारा भेजी गई।  इस शिकायत में शिकायतकर्ता मोनेश इसरानी के द्वारा प्रवीन यादव पुत्र कमल सिंह, दिनेश मोहन सोरखी, कमल सिंह द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ साँठगाँठ करके इसको एन.एस.जी. मानेसर में हाऊसिंग कन्सट्रक्शन का टेन्डर दिलाने के नाम पर इसके साथ 64.49 करोङ रुपयों की ठगी करने के सम्बन्ध में दी गई। इसके अतिरिक्त देवीन्द्र यादव,डारेक्टर ऑफ वाईएफसी प्रोजेक्ट प्रा. लिमिटेड एंड डीकेवाई प्रोजेक्ट प्रा. लितिटेड श्रीमति विशाली जैन,डारेक्टर ऋषभ फार्मस एंड इंडस्टीज प्रा. लिमिटेड-अरूण प्रोजेक्ट प्रा. लिमिटेड वर्किंग ऑफिस 647 सेक्टर 15-दो गुरूग्राम तथा किरणपाल यादव पुत्र  फकीर चन्द यादव निवासी गुरावडा, जिला रेवाडी, संचालन 1. मंगला स्पन पाईप इण्डस्ट्रीज 2. श्री श्याम इण्डस्टीज 3. सी हॉक सर्विस फर्म से इसी प्रकार से लगभग 125 करोङ रुपए की ठगी करने के सम्बन्ध में दी गई।

प्राप्त इन सभी अलग-अलग चार शिकायतों पर थाना मानेसर, गुरुग्राम में भादस के तहत कुल चार मुकदमे दर्ज किए गए। उपरोक्त अभियोग में के.के.राव पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम ने निर्देशानुसार प्रीतपाल सांगवान, सहायक पुलिस आयुक्त अपराध, गुरुग्राम की देखरेख में एक एस.आई.टी. का गठन किया गया।  गठित की गई गुरुग्राम पुलिस की आई.आई.टी. पुलिस टीम ने उपरोक्त मामलों में तत्परता से कार्यवाही करते हुए अपनी समझबुझ व पुलिस तकनीकी की सहायता से  उपरोक्त अभियोगों के मुख्य मास्टरमाईन्ड आरोपी सहित कुल चार आरोपियों को गुरूवार को काबू करने में बङी सफलता हासिल की है । इनकी पहचानप्रवीण यादव पुत्र कमल यादव निवासी खुरमपुर खेडा, जिला गुरुग्राम, हाल निवासी वाटिका सिटी, गुरुग्राम, ममता यादव पत्नी प्रवीण यादव निवासी खुरमपुर खेडा, जिला गुरुग्राम, हाल निवासी वाटिका सिटी, गुरुग्राम, रितुराज यादव(बहन) प्रवीण यादव एव ॅ/व नवीन खातोदिया डवइ. छव. 9873891309 निवासी छैळ ब्ंउचने मानेसर गुरुग्राम एयूआइएस बैंक शाखा मैनेजर और दिनेश निवासी गाँव सोरखी, जिला हिसार के रूप् में की गई है।

मास्टर माइंड डेपुटेशन पर एनएसजी में तैनात
पुलिस के अनुसार सभी आरोपियों को नियमानुसार गिरफ्तार किया गया व ’इनके कब्जा से कुल 13 करोङ 81 लाख 26 हजार रुपए तथा 06 लग्जरी गाङियां (हरियर, रेन्जरोवर, जीप कम्पास, बी.एम.ड्बल्यू, सफारी व वोलवो) आरोपियों के कब्जा से बरामद’ की गई है। पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि इस मामले का मास्टरमाईण्ड प्रवीण यादव बी.एस.एफ. में बतौर डिप्टी कमान्डेन्ट नौकरी करता है और डेपुटेशन पर पिछले वर्ष-2021 तक एन.एस.जी. मानेसर में तैनात रहा था। इसी दौरान यह एन.एस.जी. में होने वाले कन्स्ट्रक्शन के काम भी देखता था। इसी दौरान इसका कोन्ट्रक्टर्स से सम्पर्क हुआ। यह कई वर्षों से यह शेयर मार्केट में रुपए लगाता रहा है और इसको शेयर मार्केट लाखों का नुकसान  हो गया था, जिसकी भरपाई करने के लिए इसन ठगी करने की योजना बनाई। योजना के तहत यह लोगों/कॉन्ट्रक्टर्स को यह कहकर विश्वास में लेता था कि यह एन.एस.जी. में यह रोङ, कन्सट्रेक्शन व सोलर बिजली लगवाने इत्यादि का बङा टैन्डर दिलाला देगा। यह खुद को एक आई.पी.एस. अधिकारी बताता और यह लोगों को प्रभावित करने के लिए मंहगी/लग्जरी गाङियां रखता था तथा टैन्डर दिलाने के नाम पर रुपए ले लेता था।  

आपस में गहरी है रिश्तेदारी
पुलिस पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि उक्त मुख्य आरोपी प्रवीण यादय का जीजा व इसकी बहन रितुराज एन.एस.जी. परिसर में ही रहते है और इसकी बहन सैफायर मॉल स्थित एक्सीस बैंक में नौकरी करती है। इसी की मदद से उक्त आरोपी प्रवीण यादव ने फर्जी नाम से बैंक अकाण्ट खुलवाए और उसी में ठगी के रुपयों का लेने लगा। आरोपी प्रवीण यादव ने फर्जीवाङे के लिए एक कम्पनी भी खुलवा रखी थी, जिसमें प्रवीन यादव, इसकी पत्नी व इसकी बहन बतौर डायरेक्टर नियुक्त थे। जो भी ठगी के रुपए इसके द्वारा खुलवाए गए फर्जी बैंक खातों में आते उन्हें यह इसके द्वारा खुलवाई गई कम्पनी के खाते में ट्रान्सफर कर लेता था। आरोपी प्रवीण यादव उपरोक्त लगातार इसी प्रकार की ठगी करने में सक्रिय था। यह अभी हैदराबाद कॉम्पलैक्स में काम करवाने के नाम पर रुपयों की ठगी करना इसका टारगेट था, किन्तु उससे पहले पुलिस द्वारा इसको काबू कर लिया गया। आरोपियों को अदालत में पेश करके पुलिस रिमाण्ड पर लिया जाएगा। पुलिस हिरासत रिमाण्ड के दौरान आरोपी से उपरोक्त व अन्य फर्जीवाङे/ठगी के बारे में गहनता से पूछताछ की जाएगी। 

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