10 साल में आवेदक दोगुने, इस अनुपात में नहीं बढ़ी वैकेंसी, साढ़े पांच लाख से 11.5 लाख हुई एप्लीकेंट्स की संख्या
सिविल सर्विसेज: 10 साल में आवेदक दोगुने, इस अनुपात में नहीं बढ़ी वैकेंसी, साढ़े पांच लाख से 11.5 लाख हुई एप्लीकेंट्स की संख्या
जयपुर
नोट 2012 से 2017 के बीच न्यूनतम वैकेंसी 990(2017 में) व अधिकतम 1364(2014 में) रही। इसी दौरान न्यूनतम आवेदक 2012 में 550080 व अधिकतम 2016 में 1128262 रहे।
नोट 2012 से 2017 के बीच न्यूनतम वैकेंसी 990(2017 में) व अधिकतम 1364(2014 में) रही। इसी दौरान न्यूनतम आवेदक 2012 में 550080 व अधिकतम 2016 में 1128262 रहे।
यूपीएससी सिविल सर्विसेस 2023 एग्जाम के लिए नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। आयोग ने 1105 पदों के लिए वैकेंसी जारी की है, जो कि पिछले सात साल में सर्वाधिक है। हालांकि वास्तविकता में 10 सालों में आवेदक दोगुने हो चुके हैं लेकिन इस अनुपात में वैकेंसी नहीं बढ़ी। वर्ष 2012 में जहां आवेदक साढ़े पांच लाख थे, वहीं 2022 में इनकी संख्या साढ़े 11 लाख पार कर गई। 2012 में वैकेंसी की संख्या 1091 थी जो इस साल 1105 है।
गौरतलब है कि 2006 से 2014 के बीच वैकेंसी की संख्या बढ़ी। 2006 में वैकेंसीज की संख्या 553 थी जो 2014 में 1364 रही। इस दौरान परीक्षा देने वालों की संख्या भी बढ़ी है। 2012 में पौने तीन लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी वहीं 2021 में यह संख्या पांच लाख रही।
हर साल इस परीक्षा के जरिए 180 आईएएस ऑफिसर्स की नियुक्ति होती है। लेकिन खाली पदों को भरने के लिए यह संख्या पर्याप्त नहीं है। यही वजह है कि 112वीं रिपोर्ट ऑफ द डिपार्टमेंट रिलेटेड पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी ने डीओपीटी को आईएएस अधिकारियों की वार्षिक भर्ती में बढ़ोतरी की अनुशंसा भी की है।
22 फीसदी अधिकारी कम
पिछले वर्ष लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया गया कि 1 जनवरी 2021 तक देश में 5,231 आईएएस ऑफिसर्स थे। जबकि स्वीकृत पद 6,746 थे। यानि स्वीकृत पदों की तुलना में 22 प्रतिशत अधिकारियों की कमी थी।
112 रिपोर्ट ऑफ द डिपार्टमेंट रिलेटेड पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी के मुताबिक देश में 1500 आईएएस अफसरों की कमी है। स्वीकृत कार्मिक संख्या और पदस्थ में यूपी कैडर में 104, बिहार में 94 और एजीएमयूटी कैडर में 87 का अंतर है।
सबसे अधिक कमी जम्मू कश्मीर (57%), त्रिपुरा (40%), नागालैंड (37.2%), केरल(32%) और झारखंड (31%) है। जिन राज्यों में आईएएस के सबसे कम पद खाली हैं उनमें तमिलनाडु (14.3%), मध्यप्रदेश (14.7%), हरियाणा (15.8%) शामिल हैं। प्रशासनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कमेटी ने डीओपीटी को को आईएएस अधिकारियों की वार्षिक भर्ती में बढ़ोतरी की अनुशंसा की है।
2012 की तुलना में अब आवेदक दोगुने से अधिक हो गए हैं। पिछले 15 साल में प्री परीक्षा में 8 लाख नए आवेदकों की बढ़ोतरी हुई है वहीं 24 सेवाओं की कंबाइंड वैकेंसीज में मात्र 100 से 200 की वृद्धि हुई है। ऐसे में प्रतिस्पर्धा अब काफी मुश्किल हो गई है। -एलेक्स एंड्रू जॉर्ज, सीएसई एग्जाम एक्सपर्ट
सीएसई में आवेदकों व वैकेंसीज की संख्या
वर्ष आवेदक अपीयर्ड(प्री) वैकेंसी
2012 550080 271442 1091
2018 1041775 493972 812
2019 1135261 568282 927
2020 1057948 482770 836
2021 1093984 508619 749
2022 11.52000 — 1022
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