गावो यज्ञस्य हीं फलं गोषु यज्ञ: प्रतिष्ठिता:
महाभारत के अनुसार —
गावो यज्ञस्य हीं फलं गोषु यज्ञ: प्रतिष्ठिता: ।
अर्थात –यज्ञ के फलों का कारण इस सृष्टि में गौमाता ही है ।
दूसरा –धर्मशास्त्र में गाय को वेद लक्ष्णा कहा गया है।
इस प्रकार गौ हत्या होने से वेद और यज्ञ की प्रभाव नष्ट हो जाती है अर्थात सामान्य भाषा में कहें तो गौ हत्या यानी यज्ञ और वेद की हत्या प्रत्यक्ष रूप से किया जाना है । जिससे सनातन धर्म और सनातन संस्कृति नष्ट हो जाती है। इसीलिए गौ रक्षा किया जाना सर्वश्रेष्ठ धर्म है। गोपालन अर्थात अपने घरों में प्रत्यक्ष रूप से वेद और यज्ञ को प्रतिष्ठित किया जाना है ।जिससे उस घर में धर्म और धन दोनों फलीभूत होती है इसीलिए गाय के सानिध्य में बैठकर नियमित वेद का मूल मंत्र गायत्री मंत्र का जाप और उसी मंत्र से नियमित यज्ञ करें तो दोनों की उपासना सिद्ध होकर धर्म के साथ धन की वृद्धि होती है यदि गोपालन सिर्फ दूध के लालच में करते हैं और दूध बेचने के लिए करते हैं तो उससे अंततोगत्वा दरिद्रता ही आती है।
जब तक देश में गौ हत्या बंद नहीं होगी जब तक इस देश का विकास होना असंभव है अनेक बीमारियां अनेक विपदा आना सामान्य बात है इसलिए गौ हत्या बंद पर एक कानून की विशेष आवश्यकता है।
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