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पोस्ट कोविड मरीजों के लिए कारगर आयुर्वेदिक चिकित्सा: डा. मंजू बांगड़

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पोस्ट कोविड मरीजों के लिए कारगर आयुर्वेदिक चिकित्सा: डा. मंजू बांगड़

पोस्ट कोविड मरीजों के लिए कारगर आयुर्वेदिक चिकित्सा: डा. मंजू बांगड़

इम्युनिटी को पुनः मजबूत बनाने में आयुर्वेदिक उपचार कारगर

सैक्टर-10ए में पोस्ट कोविड क्लीनिक में दो डाक्टर नियुक्त

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम ।
   कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों में आ रही स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान व शरीर की इम्युनिटी को पुनः मजबूत बनाने में आयुर्वेदिक चिकित्सा इन दिनों काफी कारगर भूमिका निभा रहा है। इस चिकित्सा पद्धति का इस्तेमाल करके लोग स्वास्थ्य लाभ लेते हुए अपनी नियमित दिनचर्या पर फिर से लौट रहे हैं।
जिला आयुष अधिकारी मंजू बांगड़ ने बताया कि कोविड से ठीक होने के बाद में लोगों में पोस्ट कोविड के साइड इफेक्ट सामने आ रहे हैं। ऐसे लोगों में कमजोरी, थकावट, नींद न आना, पांव में दर्द , डायरिया आदि सहित कई अन्य परेशानियां देखी जा रही हैं। इन समस्याओं के स्थाई समाधान में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की महत्वपूर्ण भूमिका है। लोगों की इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए नागरिक अस्पताल सैक्टर-10ए में स्थापित किए गए पोस्ट कोविड क्लीनिक में भी आयुष विभाग के दो डाक्टरों को नियुक्त किया गया है जो रोजाना प्रातः 8 बजे से 11 बजे तक लोगों का स्वास्थ्य संबंधी मार्गदर्शन करते हैं।

आयुर्वेदीय मतानुसार शरीर सप्त धातुओं से बना
उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक रसायन चिकित्सा न केवल व्याधि को दूर करती है साथ ही शरीर का रिजूवनेशन (जीर्णोद्धार) भी करती है। आयुर्वेदीय मतानुसार हमारा शरीर रस, रक्त ,मांस, मंद, अस्थि, मज्जा, शुक्र सप्त धातुओं से मिलकर बना होता है और इन सबके सार से ही ओज का निर्माण होता है जो शरीर को मजबूत बनाता है एवम व्याधि से लड़ने में सहायता करता है। ओज ही शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है जिसे कोई व्याधि शरीर में उत्पन्न न हो और यदि किसी कारण से शरीर में व्याधि उत्पन्न हो गई है तो उससे लड़ने की ताकत देता है जिससे व्याधि का असर शरीर में उत्पन्न न हो अथवा असर को कम किया जा सके  उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे उचित डाॅक्टरी परामर्श से ही आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करें। बिना डाॅक्टरी परामर्श के दवाओं का सेवन कर लोग अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ ना करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के शरीर की स्थिति अलग होती है। डाॅक्टर स्वास्थ्य की जांच व लक्षणों आदि के आधार पर दवाईयां देता है, इसलिए जरूरी है कि लोग डाॅक्टरी परामर्श से ही दवाईयों लें।

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