क्रोध / तनाव पर काबू पाने के आसान तरीके
आज के सुविचार 🌷
क्रोध / तनाव पर काबू पाने के आसान तरीके
कल से आगे
- क्रोध की संभावना होते ही एक गिलास ठण्डा पानी पीयें तथा विषय को बदलने की कोशिश करें।
13.“एक ने कही-दूसरे ने मानी “सभी कहें- दोनों ज्ञानी” यह नीति सभी सम्बन्धों के बीच में आने वाली गुस्से की सभी स्थितियों के लिए रामबाण औषधि है।
- जिसे बदला ना जा सके उसे हँसते हँसते स्वीकार करें।
- अपने मन के भावों को विस्तार से लिखें।
- होनी को सहर्ष स्वीकार करें और विचार करें कि परमात्मा जो करता या करवाता उसमे कुछ न कुछ अच्छा अवश्य होता है।
- हंसमुख स्वभाव वाला व्यक्ति क्रोध को सरलता से वश में कर लेता है।
- परिवर्तन को अपनायें क्योंकि परिवर्तन प्रकृति का शाश्वत नियम है।
- क्रोध को जीतने में चुप रहना’ जितना सहायक होता है, उतना कुछ भी नहीं। अतः कुछ समय मौन रहकर आत्मचिंतन और आत्म विश्लेषण कीजिए।
- कामनाओं की तीव्र दौड़ से बचें क्योंकि कामनाओं की पूर्ति में आने वाली बाधाएं क्रोध को बढ़ावा देती है।
- परेशानी में एकदम कोई प्रतिक्रिया ना करें।
- याद रखें कि कहीं शत्रु आपको गुस्सा दिलाकर आपकी शक्ति को क्षीण तो नहीं कर रहा है या आपके किसी रहस्य को उगलवा तो नहीं रहा है।
- कोशिश करें कि नियमित रूप से ऐसा साहित्य पढ़ें जो हमारी शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक उन्नति में सहायक हों।
आज के सुविचार
क्रोध / तनाव पर काबू पाने के आसान तरीके
कल से आगे
- क्रोध की संभावना होते ही एक गिलास ठण्डा पानी पीयें तथा विषय को बदलने की कोशिश करें।
13.“एक ने कही-दूसरे ने मानी “सभी कहें- दोनों ज्ञानी” यह नीति सभी सम्बन्धों के बीच में आने वाली गुस्से की सभी स्थितियों के लिए रामबाण औषधि है।
- जिसे बदला ना जा सके उसे हँसते हँसते स्वीकार करें।
- अपने मन के भावों को विस्तार से लिखें।
- होनी को सहर्ष स्वीकार करें और विचार करें कि परमात्मा जो करता या करवाता उसमे कुछ न कुछ अच्छा अवश्य होता है।
- हंसमुख स्वभाव वाला व्यक्ति क्रोध को सरलता से वश में कर लेता है।
- परिवर्तन को अपनायें क्योंकि परिवर्तन प्रकृति का शाश्वत नियम है।
- क्रोध को जीतने में चुप रहना’ जितना सहायक होता है, उतना कुछ भी नहीं। अतः कुछ समय मौन रहकर आत्मचिंतन और आत्म विश्लेषण कीजिए।
- कामनाओं की तीव्र दौड़ से बचें क्योंकि कामनाओं की पूर्ति में आने वाली बाधाएं क्रोध को बढ़ावा देती है।
- परेशानी में एकदम कोई प्रतिक्रिया ना करें।
- याद रखें कि कहीं शत्रु आपको गुस्सा दिलाकर आपकी शक्ति को क्षीण तो नहीं कर रहा है या आपके किसी रहस्य को उगलवा तो नहीं रहा है।
- कोशिश करें कि नियमित रूप से ऐसा साहित्य पढ़ें जो हमारी शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक उन्नति में सहायक हों।
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