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कोई भी पीछे ना छूटे, इसमें कॉरपोरेट कम्पनियाँ सहयोग करें: राव इंद्रजीत

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कोई भी पीछे ना छूटे, इसमें कॉरपोरेट कम्पनियाँ सहयोग करें: राव इंद्रजीत

आईआईसीए मानेसर में सीएसआर को प्रोत्साहित करने और गुड गर्वेनेंस पर कार्यक्रम

राव इंद्रजीत सिंह ने विडियो संदेश में कहा सभी अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी निभाए

राव इंद्रजीत बोले तभी देश सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है

अमृत काल में कॉरपोरेट के स्वरूप पर मंथन, इसमें विख्यात विशेषज्ञ हुए शामिल

इस प्रदर्शनी का उद्धाटन कॉर्पाेरेट मामले मंत्रालय के सचिव राजेश वर्मा ने किया

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। 
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कारपोरेट अफेयर्स  में ‘प्रभावशाली सीएसआर को प्रोत्साहित करने और गुड गर्वनेंस ‘ विषय पर एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 30 कारपोरेट कंपनियों ने अपनी इनोवेटिव तकनीक की बेस्ट प्रैक्टिसिज का प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी का उद्धाटन कॉर्पाेरेट मामले मंत्रालय के सचिव राजेश वर्मा ने किया।इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपनी व्यस्तताओं के कारण व्यक्तिगत रूप से कार्यक्रम में नहीं   पहुँच पाए, उन्होंने अपना रिकार्ड किया हुआ विडियो संदेश भेजा था जिसमें उन्होंने कहा कि ग्रोथ अर्थात् उन्नति समावेशी हो , कोई भी पीछे ना छूटे, इसमें कॉरपोरेट कम्पनियाँ भी सहयोग करें। हर व्यक्ति अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाएगा तभी देश सस्टेनेबल डेवलपमेंट अर्थात् सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है । उन्होंने कम से कम शासन, अधिकतम सुशासनश्, को सुदृढ़ करते हुए जनता को बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास, कॉरपोरेट्स से सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए आगे बढ़ने की केंद्रीय मंत्री ने दी सलाह’

व्यक्तिगत तौर पर हम सब के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी
केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य  में वर्ष 2047 तक अमृत काल की घोषणा की गई है। इस दौरान विकास के साथ-साथ समावेशी कल्याण, तकनीकी विकास, एनर्जी ट्रांजिशन और क्लाइमेट एक्शन पर ध्यान केंद्रित करते हुए देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि श्कम से कम शासन, अधिकतम सुशासनश्, को सुदृढ़ करते हुए जनता को बेहतर सुविधाएं मिले। इसी उद्देश्य को लेकर सरकार ने 2500 से अधिक अनुपालन और लगभग 1500 संघीय कानूनो को निरस्त कर दिया है। अमृत काल में सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी 2.0) व ईज ऑफ लिविंग के अगले चरण और पूंजी व मानव संसाधनों की उत्पादक दक्षता में सुधार के लिए श्ट्रस्ट-बेस्ड गवर्नेंसश् के लक्ष्य का पालन कर रही है। उन्होंने कहा कि सतत विकास को अब लोगों के मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी गई है। भारत के सर्वाेच्च न्यायालय ने माना है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सतत विकास को जीवन का एक अभिन्न अंग माना जाना चाहिए इसलिए, सतत विकास के सिद्धांत का पालन करना एक संवैधानिक जनादेश है। उन्होंने इंडिविजुअल सोशल रेस्पोन्सीबिलीटी  (व्यक्तिगत सामाजिक जिम्मेदारी ) पर जोर देते हुए कहा कि व्यक्तिगत तौर पर हम सब के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है। जब तक व्यक्तिगत सोच में बदलाव नहीं होगा, बड़ी क्रांति नहीं आ सकती। उन्होंने इस अवसर पर आईआईसीए द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और कहा कि आज आयोजित प्रदर्शनी के माध्यम से कॉरपोरेट्स द्वारा सीएसआर के तहत किए गए कार्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेज को दर्शाया गया है जिससे अन्य उद्योगों को भी सीखने को अवसर मिला है । उन्होंने कहा कि स्थिरता, पर्यावरणीय सामाजिक गवर्नेस (ईएसजी), सीएसआर का बदलाव कॉर्पाेरेट जगत में क्रांति ला सकता है ।

नेशनल सीएसआर अवार्ड की घोषणा जल्द
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कॉर्पाेरेट मामले मंत्रालय के सचिव  राजेश वर्मा ने कहा कि सीएसआर इको सिस्टम को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से नेशनल सीएसआर अवार्ड की घोषणा जल्द ही की जाएगी  ताकि कॉरपोरेट्स को सीएसआर में और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि सीएसआर में कॉर्पाेरेट की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में जरूरी है कि  इको सिस्टम को मजबूत करने के लिए इससे जुड़े हित धारकों को भी शामिल करते हुए काम करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि कॉर्पाेरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी अधिनियम के तहत कॉर्पाेरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) जनादेश और व्यवसाय की सामाजिक, पर्यावरण और आर्थिक जिम्मेदारियों पर राष्ट्रीय स्वैच्छिक दिशानिर्देशों को शुरू करके उल्लेखनीय योगदान दिया है। जिम्मेदार व्यापार आचरण (एनजीआरबीसी) पर राष्ट्रीय दिशानिर्देशों का एक अद्यतन संस्करण जारी किया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बाजार पूंजीकरण द्वारा शीर्ष 1000 सूचीबद्ध कंपनियों पर व्यावसायिक उत्तरदायित्व और स्थिरता (बीआरएसआर) रिपोर्टिंग अनिवार्य कर दी है। बीआरएसआर की नींव कॉर्पाेरेट मामलों के मंत्रालय की व्यावसायिक उत्तरदायित्व रिपोर्टिंग (बीआरआर) पर रिपोर्ट और जिम्मेदार व्यावसायिक आचरण पर राष्ट्रीय दिशानिर्देशों से प्रेरित है।

अर्थव्यवस्था राष्ट्र की रीड, कॉरपोरेट की भूमिका अहम
आईआईसीए के महानिदेशक और सीईओ प्रवीण कुमार ने अपने स्वागत भाषण में सभी का स्वागत करते हुए कहा  कि यह सर्वविदित है कि अर्थव्यवस्था किसी भी राष्ट्र की रीढ़ समझी जाती है और इसके प्रमुख चालकों में से एक कॉर्पाेरेट क्षेत्र है जिसने भारतीय विकास गाथा में उल्लेखनीय  व महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट जगत को यह सुनिश्चित करने के लिए अपना असाधारण योगदान जारी रखना होगा कि अर्थव्यवस्था अधिक से अधिक ऊंचाइयों को प्राप्त करती रहे। कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (एमसीए) कॉरपोरेट्स को राष्ट्रीय विकास में प्रभावी योगदानकर्ता बनाने के लिए सक्षम ढांचा प्रदान करता है। आईआईसीए एकमात्र ऐसा संस्थान है जो  देश में कॉर्पाेरेट मामलों को मजबूत करने के कई ट्रेंनिग प्रोग्राम करवाते हुए कॉर्पाेरेट में आ रहे नए नए  व इनोवेटिव  तरीकों से लोगों को अवगत व जागरूक करवाता है।

प्रतियोगिता के विजेता को किया सम्मानित
इस अवसर पर कॉर्पाेरेट मामलों के सचिव श्री राजेश वर्मा ने  ष्बेंचमार्किंग ईएसजी एंड सीएसआरष् नामक एक पुस्तक का विमोचन किया, जो कंपनियों द्वारा उनके ईएसजी और सीएसआर पहलों के माध्यम से सतत विकास परियोजनाओं पर पहचान की गई प्रथाओं पर केस स्टडी का संकलन है। आईआईसीए द्वारा गत दिनों एक निबंध प्रतियोगिता – ‘कॉर्पाेरेट गवर्नेंसरू न्यू इंडिया के लिए विजन’।  तीन विजेताओं को उनके सर्वश्रेष्ठ निबंधों के लिए सचिव, कॉर्पाेरेट मामलों द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गये।इन विजेताओं ने एक सत्र में  अपने निबंधों पर विचार भी रखे  । कार्यक्रम का संचालन आईआईसीए की मिडिया कॉडिनेटर डा लता सुरेश ने किया। इस अवसर पर यूनिसेफ के प्रतिनिधि  आर्यन  वक ने यूनिसेफ द्वारा किए जा रहे सीएसआर के उल्लेखनीय  कार्यों का जिक्र किया । इनके अलावा, कार्यक्रम में कॉर्पाेरेट मामलों के मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री अनीता शाह अकेला, कॉर्पाेरेट मामलों के मंत्रालय में एकनॉमिक अड्वाइज़र सुश्री नंदिता मिश्रा ने भी अपने विचार वयक्त किए। कॉरपोरेट गवर्नेंस पर पैनल चर्चा की अध्यक्षता एमसीए के संयुक्त सचिव  इंद्रदीप सिंह धारीवाल  ने की। इस दौरान एमसीए के संयुक्त सचिव श्री मनोज पांडे भी उपस्थित रहे

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