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आस्था

मृत्यु के पश्चात मनुष्य के साथ मनुष्य की पाँच वस्तुएँ साथ जाती हैं।

मृत्यु के पश्चात मनुष्य के साथ मनुष्य की पाँच वस्तुएँ साथ जाती हैं। कामना-यदि मृत्य के समय हमारे मन मे किसी वस्तु विशेष के प्रति कोई आसक्ति शेष रह जाती है,कोई इक्षा अधूरी रह जाती है,कोई अपूर्ण

मैं न होता, तो क्या होता

,मैं न होता, तो क्या होता?,,, ,जिस समय रावण क्रोध में भरकर, तलवार लेकर, सीता माँ को मारने के लिए दौड़ पड़ा, तब हनुमान जी को लगा कि इसकी तलवार छीन कर, इसका सर काट लेना चाहिये। किन्तु, अगले ही

नवरात्र में गोश्त की तमाम दुकानें पूर्णता बंद रखवाई जाएं

नवरात्र में गोश्त की तमाम दुकानें पूर्णता बंद रखवाई जाएं विभिन्न संगठनों के द्वारा सौंपा नया एसडीएम-एसीपी को ज्ञापननवरात्र में होते हैं माता के जागरण, कन्या पूजन, धार्मिक अनुष्ठानफतह सिंह उजालापटौदी

यज्ञ सम्राट श्री श्री 1008  हरिओम जी महाराज  के द्वारा परशुराम वाटिका में भव्य  महाआरती करवाई

यज्ञ सम्राट श्री श्री 1008  हरिओम जी महाराज  के द्वारा परशुराम वाटिका में भव्य  महाआरती करवाई प्रधान संपादक योगेश कुरुक्षेत्र में 22 अक्टूबर से होगा लक्षचंडी महायज्ञ, तैयारियां जोरों पर:

भगवान भोलेनाथ की उपासना के उपाय

भगवान भोलेनाथ की उपासना के उपायभगवान भोलेनाथ को देवों के देव महादेव कहे जाते हैं। पुराणों में उल्लेख है कि जब ब्रम्हांड की संपूर्ण शक्ति या सारे देवता हार मान जाते हैं तो भोले बाबा ही उसका उपाय

मां दुर्गा से जुडे रहस्य

मां दुर्गा से जुडे रहस्यहिन्दू धर्म में मां दुर्गा का अपना एक खास महत्व है। नवरात्रि आते ही हर जगह मां के मंदिर सज जाते हैं और भक्त कतारों में खड़े होकर माता के दर्शन की प्रतीक्षा करते हैं। मां दुर्गा

जितना धैर्य होगा , उतना ही बेहतर निर्णय लेंगे: बी.के. बृजमोहन

जितना धैर्य होगा , उतना ही बेहतर निर्णय लेंगे: बी.के. बृजमोहन हमारे श्रेठ संकल्प और बोल हीलिंग का कार्य करते हैंदूसरों को सम्मान देना ही सम्मान के पात्र बनना हैभावनात्मक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही खुश

बुजुर्ग संस्कृति के वाहक, अनुभव का अनमोल खजाना: धर्मदेव

बुजुर्ग संस्कृति के वाहक, अनुभव का अनमोल खजाना: धर्मदेवआश्रम हरी मंदिर वृद्धाआश्रम में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय वृद्धावस्था दिवसपटौदी अस्पताल की एसएमओ व एमओ ने की बुजुर्गों के स्वास्थ्य की जांचसभी

साधु समाज मंडल के अध्यक्ष श्रीमंहत तारा गिरी व संगठन मंत्री राज गिरि

साधु समाज मंडल के अध्यक्ष श्रीमंहत तारा गिरी व संगठन मंत्री राज गिरिगांव राजपुरा स्थित बाबा बलदेव दास उदासिन आश्रम में हुई अहम बैठकअहम बैठक की अध्यक्षता आश्रम धानावास के श्रीमंहत समुंद्र गिरि ने

विवाह के गठबंधन में क्यों डालते हैं 5 चीजें?

विवाह के गठबंधन में क्यों डालते हैं 5 चीजें? गठबंधन करते समय वधू के पल्लू और वर के दुपट्टे या धोती में सिक्का (पैसा), पुष्प, हल्दी, दूर्वा और अक्षत, पांच चीजें बांधी जाती हैं, जिनका अपना-अपना

एक दुर्लभ कथा लक्ष्मण जी की

एक दुर्लभ कथा लक्ष्मण जी की -हनुमानजी की रामभक्ति की गाथा संसार में भर में गाई जाती है। लक्ष्मणजी की भक्ति भी अद्भुत थी. लक्ष्मणजी की कथा के बिना श्री रामकथा पूर्ण नहीं है । अगस्त्य मुनि

गायत्री मंत्र की महिमा

गायत्री मंत्र की महिमा एक बार अकबर ने एक ब्राह्मण को दयनीय हालत में जब भिक्षाटन करते देखा तो बीरबल की ओर व्यंग्य कसकर बोले - 'बीरबल ! ये हैं तुम्हारे ब्राह्मण !! जिन्हें ब्रह्म देवता के रुप में

क्यों कहते हैं श्री राधा रानी को ” किशोरी जू”

क्यों कहते हैं श्री राधा रानी को " किशोरी जू"? आप सभी ने ऋषि अष्टावक्र का नाम तो सुना ही होगा। एक समय की बात है जब राधा रानी ऋषि अष्टावक्र से मिली तो राधा रानी के मुख पर एक मुस्कान थी। उसको देखते

भगवान को सारथी बनाकर जीवन की महाभारत में चलते रहो: स्वामी ज्ञानानंद

भगवान को सारथी बनाकर जीवन की महाभारत में चलते रहो: स्वामी ज्ञानानंद-गुरुग्राम में तीन दिवसीय दिव्य गीता सत्संग का तीसरा एवं अंतिम दिन प्रधान संपादक योगेश गुरुग्राम। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद

मन, काया, वचन से हुई गल्तियों की क्षमावाणी पर्व पर मांगी माफी

मन, काया, वचन से हुई गल्तियों की क्षमावाणी पर्व पर मांगी माफी-श्री दिगम्बर जैन मुनि सेवा समिति ने किया क्षमा वाणी पर्व का आयोजन-मेयर मधु आजाद, संयुक्त आयुक्त संजीव सिंगला भी पहुंचे प्रधान संपादक

अनजाने में किये हुये पाप का प्रायश्चित कैसे? होता है।

अनजाने में किये हुये पाप का प्रायश्चित कैसे? होता है।~~बहुत सुन्दर प्रश्न है ,यदि हमसे अनजाने में कोई पाप हो जाए तो क्या उस पाप से मुक्ती का कोई उपाय है। श्रीमद्भागवत जी के षष्ठम स्कन्ध में ,

आत्मविश्वास में ही सफलता के मंत्र छिपा रहता है।

आत्मविश्वास में ही सफलता के मंत्र छिपा रहता है। "सठ सेवक" की प्रीति रूचि रखिहहिं राम कृपालु।उपल किए जलजान जेहिं सचिव सुमति कपि भालु।। गोस्वामी जी स्वयं को "सठ सेवक" कहते हैं । सठ अर्थात स्वयं

सुंदरकांड के इस प्रसंग को अवश्य जानें!

सुंदरकांड के इस प्रसंग को अवश्य जानें!💐 "मैं न होता, तो क्या होता?” "अशोक वाटिका" में जिस समय रावण क्रोध में भरकर, तलवार लेकर, सीता माँ को मारने के लिए दौड़ पड़ा, तब हनुमान जी को लगा, कि इसकी तलवार

ऐसी व्याकुलता होते ही भगवान मिल जाते है…….

ऐसी व्याकुलता होते ही भगवान मिल जाते है……. हनुमान जी महाराज भगवान के परम् भक्त हैं. उनमे तीन बात विशेष हैं- 1.- भगवान के चरणों में रहते हैं. भगवान को छोड़कर एक क्षण भी अलग नहीं होना चाहते हैं.

भरोसे का दिया

भरोसे का दिया रात का समय था। चारों ओर घुप्प अंधेरा छाया हुआ था। पहाड़ी पर एक बुढ़े बाबा की कूटिया में उजाला था। वहाँ चार दिपक जल रहे थे। चारों दिपक एकांत देख आपस में बातें करने लगे। पहला

श्राद्ध करते समय ध्यान रखने योग्य छब्बीस बातें ?

श्राद्ध करते समय ध्यान रखने योग्य छब्बीस बातें ? धर्म ग्रंथों के अनुसार #श्राद्ध के सोलह दिनों में लोग अपने पितरों को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर श्राद्ध करते हैं। ऐसी मान्यता है कि पितरों

श्री कृष्ण लीलामृत

श्री कृष्ण लीलामृतजब भगवान श्री कृष्ण द्वारिका के राजा थे. उस समय की बात है। भगवान श्री कृष्ण से मिलने अनेक देवता आया करते थे।एक बार विधाता ब्रह्मा जी उनसे मिलने आए, और दरबान तुरंत ब्रह्मा जी के आगमन

एक दुर्लभ कथा लक्ष्मण जी की

एक दुर्लभ कथा लक्ष्मण जी की लक्ष्मण जी के त्याग की अदभुत कथा एक बार अगस्त्य मुनि अयोध्या आए और लंका युद्ध का प्रसंग छिड़ गया -भगवान श्रीराम ने बताया कि उन्होंने कैसे रावण और कुंभकर्ण जैसे

माता सीताजी को किसके शाप के कारण श्रीराम का वियोग सहना पड़ा ?

माता सीताजी को किसके शाप के कारण श्रीराम का वियोग सहना पड़ा ? प्राचीनकाल में मिथिला में सीरध्वज जनक नाम से प्रसिद्ध धर्मात्मा राजा राज्य करते थे । एक बार राजा जनक यज्ञ के लिए पृथ्वी जोत रहे थे ।

संबंधों को विश्वसनीयता देने का ग्रंथ है गीता: स्वामी ज्ञानानंद

संबंधों को विश्वसनीयता देने का ग्रंथ है गीता: स्वामी ज्ञानानंद -गीता के सातवें अध्याय के दूसरे श्लोक को मंत्र बनाएं-गुरुग्राम में तीन दिवसीय दिव्य गीता सत्संग का दूसरा दिन प्रधान संपादक योगेश

विश्वभर में गीता के जीवन मूल्यों को फैलाना है: स्वामी ज्ञानानंद

विश्वभर में गीता के जीवन मूल्यों को फैलाना है: स्वामी ज्ञानानंद-गुरुग्राम में शुरू हुआ तीन दिवसीय दिव्य गीता सत्संग प्रधान संपादक योगेश गुरुग्राम। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के मुखारबिंद से

एमएलए जरावता ने फरुखनगर गौशाला को दिए एक लाख रूपए भेंट

एमएलए जरावता ने फरुखनगर गौशाला को दिए एक लाख रूपए भेंट दो दिन में रिकॉर्ड तोड़ तीन करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास उद्घाटनएमएलए बोले मूलभूत सुविधाएं व ढांचागत विकास प्राथमिकता में शामिलफतह सिंह

भरोसे का दिया

भरोसे का दिया रात का समय था। चारों ओर घुप्प अंधेरा छाया हुआ था। पहाड़ी पर एक बुढ़े बाबा की कूटिया में उजाला था। वहाँ चार दिपक जल रहे थे। चारों दिपक एकांत देख आपस में बातें करने लगे। पहला

कामधेनू गोधाम एवं आरोगय संस्थान का वार्षिकोत्सव 19 को

कामधेनू गोधाम एवं आरोगय संस्थान का वार्षिकोत्सव 19 को-कामधेनु योग साधना केंद्र का उद्घाटन भी होगा-कई प्रतिष्ठित अतिथि समारोह में करेंगे शिरकत प्रधान संपादक योगेश गुरुग्राम। कामधेनू गोधाम एवं

भगवान विश्वकर्मा ने हमें हर कार्य सिखाया: कुलदीप

भगवान विश्वकर्मा ने हमें हर कार्य सिखाया: कुलदीपअपने औजारों की पूजा पूरी निष्ठा से करनी चाहिएहमारे औजार ही हम गरीबों की जीविका चलाते हैंफतह सिह उजालागुरुग्राम। विश्व के निर्माता भगवान विश्वकर्मा

अनजाने में किये हुये पाप का प्रायश्चित कैसे? होता है।

अनजाने में किये हुये पाप का प्रायश्चित कैसे? होता है।~~बहुत सुन्दर प्रश्न है ,यदि हमसे अनजाने में कोई पाप हो जाए तो क्या उस पाप से मुक्ती का कोई उपाय है। श्रीमद्भागवत जी के षष्ठम स्कन्ध में ,

निरंतर कृष्ण नाम के जाप का प्रभाव

निरंतर कृष्ण नाम के जाप का प्रभाव‼ किसी गांव में एक आदमी के पास बहुत सारी बकरियां थी वह बकरियों का दूध बेचकर ही अपना गुजारा करता था। एक दिन उसके गांव में बहुत से महात्मा आकर यज्ञ कर रहे थे और वह

क्या आप सनातन हिन्दू धर्म की आचरण संहिता जानते है

क्या आप सनातन हिन्दू धर्म की आचरण संहिता जानते है हिन्दू धर्म में आचरण के सख्त नियम हैं जिनका उसके अनुयायी को प्रतिदिन जीवन में पालन करना चाहिए। इस आचरण संहिता में मुख्यत: दस प्रतिबंध हैं और दस

महामृत्युंजय मंत्र की रचना कैसे हुई

महामृत्युंजय मंत्र की रचना कैसे हुईकिसने की महामृत्युंजय मंत्र की रचना और जाने इसकी शक्ति शिवजी के अनन्य भक्त मृकण्ड ऋषि संतानहीन होने के कारण दुखी थे. विधाता ने उन्हें संतान योग नहीं दिया था.

ॐ त्र्यंबकम् मंत्र के 33 अक्षर हैं

ॐ त्र्यंबकम् मंत्र के 33 अक्षर हैंजो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 देवताआं के घोतक हैं।उन तैंतीस देवताओं में 8 वसु 11 रुद्र और 12 आदित्यठ 1 प्रजापति तथा 1 षटकार हैं।इन तैंतीस देवताओं की सम्पूर्ण

शहीद हरपाल चौहान की शाहदत को कभी नहीं भुलाया जा सकता

शहीद हरपाल चौहान की शाहदत को कभी नहीं भुलाया जा सकताशहीद स्मारक बनाकर 50 फीट उंचा तिरंगा ध्वज फहरा दी श्रद्धांजलिस्मारक का उदघाटन पूर्व बिरगेडियर करतार सिंह के द्वारा किया गयाकारौला का हर तीसरा

भक्ति मे ही शक्ति है

भक्ति मे ही शक्ति है           विचारम्-परम्-ज्ञानम् स्वयं-विचार-करे चाहे गलती स्वयं की हो मगर दूसरों को दोष देना हर हर महादेव यही आज के आदमी की

जीवन का सत्य

जीवन का सत्य ब्लेड की धार तेज होती है, लेकिन पेड़ को नही काट सकता। कुल्हाड़ी मजबूत होती है, लेकिन बाल नहीं काट सकती। वैसे ही हर इंसान अपनी अपनी काबिलियत के अनुसार सर्वश्रेष्ठ होता है। असली

गुरु और भगवान में एक अंतर है

गुरु और भगवान में एक अंतर है…..�� एक आदमी के घर भगवान और गुरु दोनो पहुंच गये।वह बाहर आया और चरणों में गिरने लगा।वह भगवान के चरणों में गिरा तो भगवान बोले रुको रुको पहले गुरुके चरणों में जाओ।वह दौड़ कर

पृथ्वी की ये 9 प्रकार की जानकारी आपको कहीं और न मिलेगा न कोई बताएगा

पृथ्वी की ये 9 प्रकार की जानकारी आपको कहीं और न मिलेगा न कोई बताएगा xxxxxxxxxx 01 xxxxxxxxxxदो लिंग : नर और नारी ।दो पक्ष : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।दो पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)।दो

सत्संग बड़ा है या तप

सत्संग बड़ा है या तप एक बार विश्वामित्र जी और वशिष्ठ जी में इस बात‌ पर बहस हो गई,कि सत्संग बड़ा है या तप? विश्वामित्र जी ने कठोर तपस्या करके ऋध्दी-सिध्दियों को प्राप्त किया था,इसीलिए वे तप को

गलत तरीके से पैसा कमाकर कोई फल फूल रहा है तो समझो –

गलत तरीके से पैसा कमाकर कोई फल फूल रहा है तो समझो - एक बार एक ऋषि ने सोचा कि लोग गंगा में पाप धोने जाते है, तो इसका मतलब हुआ कि सारे पाप गंगा में समा गए और गंगा भी पापी हो गयी। अब यह जानने के लिए

रामायण” क्या है??

रामायण” क्या है??अगर कभी पढ़ो और समझो तो आंसुओ पे काबू रखना…….रामायण का एक छोटा सा वृतांत है, उसी से शायद कुछ समझा सकूँ… 😊एक रात की बात हैं, माता कौशल्या जी को सोते में अपने महल की छत पर किसी के चलने

रामभक्त काकभुशुंडी :-

रामभक्त काकभुशुंडी :-.इंद्रजीत ने श्रीराम पर नागपाश चलाया। श्रीराम नागपाश में इसलिए बंध गए क्योंकि उन्होंने नागराज वासुकी को वरदान दिया था कि वह उनके सम्मान की रक्षा करेंगे। श्रीहरि के वाहन गरूड़ ने

गायत्री मन्त्र की विलक्षण शक्ति और लाभ

गायत्री मन्त्र की विलक्षण शक्ति और लाभ: मन्त्र में अद्भुत शक्ति होती है । लेकिन मेरी यह बात केवल वही लोग समझ सकेंगे जिन्होंने मन्त्र शक्ति की विलक्षणता का या तो अपने जीवन में अनुभव किया है

शिव जी द्वारा बताया गया पार्वती माँ को प्रेम का रहस्य

शिव जी द्वारा बताया गया पार्वती माँ को प्रेम का रहस्य पार्वती शिव की केवल अर्धांगिनी ही नहीं अपितु शिष्या भी बनी, वे नित्य ही अपनी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए शिव से अनेकों प्रश्न पूछती और उनपर

कालनेमि की रोचक कथा‼️

कालनेमि की रोचक कथा‼️ एक ऐसा दैत्य जिसने कलियुग तक भगवान विष्णु का पीछा नहीं छोड़ा… सतयुग में दो महाशक्तिशाली दैत्य हुए - हिरण्यकशिपु एवं हिरण्याक्ष। ये इतने शक्तिशाली थे कि इनका वध करने को

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर ली सैकड़ो लोगो ने “माता पिता ही भगवान है।” मुहिम की शपथ

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर ली सैकड़ो लोगो ने "माता पिता ही भगवान है।" मुहिम की शपथ । प्रधान संपादक योगेश गुरुग्राम में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष में विभिन्न क्षेत्रों में श्रद्धालुओं द्वारा

खाटू नरेश श्याम बाबा की भक्ति में डूबी हेलीमंडी

खाटू नरेश श्याम बाबा की भक्ति में डूबी हेलीमंडीश्री कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर श्याम बाबा की नगर परिक्रमालड्डू गोपाल के साथ श्रद्धा से महिलाएं परिक्रमा में शामिल रहीतीन बाण धारी तेरी लीला है न्यारी,

भगवान श्रीकृष्ण की गीता है जीवन का सार: आशा गोयल

भगवान श्रीकृष्ण की गीता है जीवन का सार: आशा गोयल-श्रीकृष्णाष्टमी पर गौशाला में जाकर की गऊओं की सेवाप्रधान संपादक योगेश गुरुग्राम। श्रीकृष्णाष्टमी (जन्माष्टमी) के अवसर पर अखिल भारतीय अग्रवाल महिला

डिजिटली होगा श्री कृष्ण जन्माष्टमी महा-महोत्सव-2021

डिजिटली होगा श्री कृष्ण जन्माष्टमी महा-महोत्सव-2021प्रधान संपादक योगेश गुरुग्राम। सेक्टर-45 स्थित इस्कॉन श्रीराधा गोपीनाथ मंदिर में 30 अगस्त 2021 को कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के लिए तैयारियां जोरों

गुरुग्राम में 26 सितम्बर को होगा विराट अग्र महाकुंभ

गुरुग्राम में 26 सितम्बर को होगा विराट अग्र महाकुंभ-अग्र महाकुंभ के जरिये मांगेगे सत्ता में बराबर की भागीदारी-अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन द्वारा किया जा रहा आयोजनप्रधान संपादक योगेश गुरुग्राम।

मधुराष्टकम्

मधुराष्टकम् अधरं मधुरं वदनं मधुरं, नयनं मधुरं हसितं मधुरम्।हृदयं मधुरं गमनं मधुरं, मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥१॥भावार्थ : हे भगवान श्रीकृष्ण! आपके होंठ मधुर हैं, आपका मुख मधुर है, आपकी ऑंखें मधुर

श्रीकृष्ण शयन-कक्ष में कुछ खोज रहे हैं

श्रीकृष्ण शयन-कक्ष में कुछ खोज रहे हैं। बार-बार तकिये को उठाकर देख रहे हैं। नीलाभ वक्षपर रह-रहकर कौस्तुभमणि झूलने लगती है।( रुक्मिणी जी का प्रवेश होता है )रुक्मिणी जी– प्रभो ! आज्ञा करें।दासी के होते

जीवन मे सफलता के लिए भगवान श्रीकृष्ण के ग्यारह सूत्र

जीवन मे सफलता के लिए भगवान श्रीकृष्ण के ग्यारह सूत्र!!!!!!!!" भगवान कृष्ण ने गीता के माध्यम से संसार को जो शिक्षा दी, वह अनुपम है। वेदों का सार है उपनिषद और उपनिषदों का सार है ब्रह्मसूत्र और

क्त के किन गुणों पर रीझते हैं श्रीकृष्ण

क्त के किन गुणों पर रीझते हैं श्रीकृष्ण इन श्लोकों में भगवान ने अपने प्यारे भक्त के 33 लक्षण (पहचान, गुण) बताए हैं, उन्हें पढ़कर मनुष्य को यह विचार करना चाहिए कि मैं किस प्रकार भगवान का प्यारा

जीवन मे सफलता के लिए भगवान श्रीकृष्ण के ग्यारह सूत्र!!!!!!!!" भगवान कृष्ण ने गीता के माध्यम से संसार को जो शिक्षा दी, वह अनुपम है। वेदों का सार है उपनिषद और उपनिषदों का सार है ब्रह्मसूत्र और

जमाना औैर तकनीक बदली, नहीं बदली पर्व की गरिमा

जमाना औैर तकनीक बदली, नहीं बदली पर्व की गरिमा धूमधाम से मनाया भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधनराखी पहुंचाकर इस पवित्र पर्व की गरिमा कोे बनाये रखाफतह सिंह उजालागुरुग्राम। यह रिश्ता

क्षमा कीजिए पिताश्री !

क्षमा कीजिए पिताश्री !एक बार गणेशजी ने भगवान शिवजी से कहा किपिताजी ! आप यह चिताभस्म ,लगाकर, मुण्डमाला धारणकर अच्छे नहीं लगते, मेरी माता गौरी अपूर्व सुंदरी और आप उनके साथ इस भयंकर रूप में !पिताजी ! आप

रोज तीन बार या कम से कम एक बार निम्नलिखित श्लोक पढे :-

रोज तीन बार या कम से कम एक बार निम्नलिखित श्लोक पढे :- गोवर्धनधरं वन्दे गोपालं गोपरुपिणम |गोकुलोत्सवमिशानं गोविन्दं गोपिका प्रियं | | हे प्रभु ! हे गिरीराज धर ! गोवर्धन को अपने हाथ में धारण

ऋषि अष्टावक्र की कथा

ऋषि अष्टावक्र की कथाअष्टावक्र की माता का नाम सुजाता था। उनके पिता कहोड़ वेदपाठी और प्रकांड पंडित थे तथा उद्दालक ऋषि के शिष्य और दामाद थे। राज्य में उनसे कोई शास्त्रार्थ में जीत नहीं सकता था।

गलत तरीके से पैसा कमाकर कोई फल फूल रहा है तो समझो –

गलत तरीके से पैसा कमाकर कोई फल फूल रहा है तो समझो - एक बार एक ऋषि ने सोचा कि लोग गंगा में पाप धोने जाते है, तो इसका मतलब हुआ कि सारे पाप गंगा में समा गए और गंगा भी पापी हो गयी। अब यह जानने के लिए

जानिए रुद्राभिषेक के 18 आश्चर्यजनक लाभ

जानिए रुद्राभिषेक के 18 आश्चर्यजनक लाभरुद्र अर्थात भूतभावन शिव का अभिषेक। शिव और रुद्र परस्पर एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं। शिव को ही 'रुद्र' कहा जाता है, क्योंकि रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र:

मां दुर्गा से जुडे रहस्

मां दुर्गा से जुडे रहस्हिन्दू धर्म में मां दुर्गा का अपना एक खास महत्व है। नवरात्रि आते ही हर जगह मां के मंदिर सज जाते हैं और भक्त कतारों में खड़े होकर माता के दर्शन की प्रतीक्षा करते हैं। मां दुर्गा

रहस्यमई “चूडामणि” का अदभुत रहस्य

रहस्यमई “चूडामणि” का अदभुत रहस्य आज रामायण में वर्णित चूडामणि की कथा बता रहे है। इस कथा में आप जानेंगे कि-१–कहाँ से आई चूडा मणि ?२–किसने दी सीता जी को चूडामणि ?३–क्यों दिया लंका में हनुमानजी को

हनुमान जी का कर्ज़ा

हनुमान जी का कर्ज़ा राम जी लंका पर विजय प्राप्त करके आए तो कुछ दिन पश्चात राम जी ने विभीषण, जामवंत, सुग्रीव और अंगद आदि को अयोध्या से विदा कर दिया। तो सब ने सोचा हनुमान जी को प्रभु बाद में विदा

केबिनेट मिनिस्टर भूपेंद्र यादव के गांव का शिव मंदिर बना तीर्थ

केबिनेट मिनिस्टर भूपेंद्र यादव के गांव का शिव मंदिर बना तीर्थकेंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत, सीपी जोशी, कृषि मंत्री कैलाश चौधरी, गजेंद्र गहलोत पहुंचेेसावन माह में भगवान शिव की आराधना बड़ा सौभाग्यशाली

भगवान शंकर ने ली श्रीराम की मर्यादा की परीक्षा

भगवान शंकर ने ली श्रीराम की मर्यादा की परीक्षा एक बार अयोध्या में राघवेंद्र भगवान श्रीराम ने अपने पितरों का श्राद्ध करने के लिए ब्राह्मण-भोजन का आयोजन किया । ब्राह्मण-भोजन में सम्मिलित होने के लिए

केदारनाथ कथा

केदारनाथ कथा भगवान ब्रह्मा के पुत्र धर्म और उसकी पत्नी मूर्ती के दो पुत्र हुए थे। जिनका नाम नर और नारायण था। इन्ही नर और नारायण ने द्वापर युग में श्री कृष्ण और अर्जुन का अवतार लिया था और धर्म की

ऊँ की ध्वनि का महत्व जानिये

ऊँ की ध्वनि का महत्व जानियेएक घडी,आधी घडी,आधी में पुनि आध,,,,,,,तुलसी चरचा राम की, हरै कोटि अपराध,,,,,,।।1 घड़ी= 24मिनट1/2घडी़=12मिनट1/4घडी़=6 मिनट 🌷क्या ऐसा हो सकता है कि 6 मि. में किसी साधन से

ऐसी व्याकुलता होते ही भगवान मिल जाते है…….

ऐसी व्याकुलता होते ही भगवान मिल जाते है……. हनुमान जी महाराज भगवान के परम् भक्त हैं. उनमे तीन बात विशेष हैं- 1.- भगवान के चरणों में रहते हैं. भगवान को छोड़कर एक क्षण भी अलग नहीं होना चाहते हैं.

चर्चित श्राप और उनकी कहानी.

चर्चित श्राप और उनकी कहानी. पौराणिक ग्रंथो में अनेको अनेक श्रापों का वर्णन मिलता है। हर श्राप के पीछे कोई न कोई घटना मिलती है। 👌युधिष्ठिर का स्त्री जाति को श्राप. महाभारत के शांति पर्व के

आइये चिंतन करें कि “क्यों भूल गए हनुमान जी अपनी शक्ति” !

आइये चिंतन करें कि "क्यों भूल गए हनुमान जी अपनी शक्ति" ! हनुमान जी ने भूख से व्याकुल होकर भगवान सूर्य नारायण को आम समझ कर निगल लिया तो उनको कैद से मुक्त करवाने के लिए इन्द्र ने अपने वज्र से हनुमान

प्रेम के दो रुप हैं; एक प्यास और एक तृप्ति

प्रेम के दो रुप हैं; एक प्यास और एक तृप्ति नन्दनन्दन, श्यामसुन्दर, मुरलीमनोहर,पीताम्बरधारी-जिनके मुखारविन्द पर मन्द-मन्द मुस्कान है, सिर पर मयूर-पिच्छ का मुकुट, गले में पीताम्बर, ठुमुक-ठुमुककर

श्रीराम की आराधना करें शिव के साथ, जानिए क्यों

श्रीराम की आराधना करें शिव के साथ, जानिए क्यों 'भगवान शिव' राम के इष्ट एवं 'राम' शिव के इष्ट हैं। ऐसा संयोग इतिहास में नहीं मिलता कि उपास्य और उपासक में परस्पर इष्ट भाव हो इसी स्थिति को संतजन

हनुमान जी को 9 भाषाओं का विद्वान् कहा गया है

हनुमान जी को 9 भाषाओं का विद्वान् कहा गया है। पता नहीं उस समय भारत में इतनी भाषा थी या कुल भाषा में केवल 9 जानते थे। #रावण भारत की स्थानीय भाषायें नहीं जानता था। अतः वह सीता जी से शुद्ध #संस्कृत में

रामायण मे एक घास के तिनके का भी रहस्य है

रामायण मे एक घास के तिनके का भी रहस्य है, जो हर किसी को नहीं मालूम क्योंकि आज तक किसी ने हमारे ग्रंथो को समझने की कोशिश नहीं की,सिर्फ पढ़ा है, देखा है,और सुना है,👉 आज आप के समक्षऐसा ही एक रहस्य बताने

राज्यपाल दत्तात्रेय मुख्य अतिथि, फहराएंगे तिरंगा, लेंगे परेड की सलामी

राज्यपाल दत्तात्रेय मुख्य अतिथि, फहराएंगे तिरंगा, लेंगे परेड की सलामीस्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए आयोजित की गई फुलड्रैस रिहर्सलरिहर्सल में उपायुक्त तथा पुलिस आयुक्त ने लिया तैयारियों का

शनि शिंगणापुर में कैसे प्रकट हुयी शनि भगवान की स्वयंभू मूर्ति,की कथा बतायेगें

शनि शिंगणापुर में कैसे प्रकट हुयी शनि भगवान की स्वयंभू मूर्ति,की कथा बतायेगें शनि शिंगणापुर एक ग्राम छोटा-सा है, लेकिन बड़ा वैश्ष्टि्यूपूर्ण बना हुआ है। 4 कुल के लोग शादी-ब्याह में एक-दूसरे की

महादेव जी को एक बार बिना कारण के किसी को प्रणाम करते देखकर पार्वती जी ने पूछा आप किसको प्रणाम करते…

महादेव जी को एक बार बिना कारण के किसी को प्रणाम करते देखकर पार्वती जी ने पूछा आप किसको प्रणाम करते रहते हैं? शिव जी पार्वती जी से कहते हैं कि हे देवी ! जो व्यक्ति एक बार राम कहता है उसे मैं तीन

श्रीराम की आराधना करें शिव के साथ, जानिए क्यों

श्रीराम की आराधना करें शिव के साथ, जानिए क्यों 'भगवान शिव' राम के इष्ट एवं 'राम' शिव के इष्ट हैं। ऐसा संयोग इतिहास में नहीं मिलता कि उपास्य और उपासक में परस्पर इष्ट भाव हो इसी स्थिति को संतजन

भगवान शंकर ने ली श्रीराम की मर्यादा की परीक्षा

भगवान शंकर ने ली श्रीराम की मर्यादा की परीक्षा एक बार अयोध्या में राघवेंद्र भगवान श्रीराम ने अपने पितरों का श्राद्ध करने के लिए ब्राह्मण-भोजन का आयोजन किया । ब्राह्मण-भोजन में सम्मिलित होने के लिए

हनुमान जी का कर्ज़ा

हनुमान जी का कर्ज़ा राम जी लंका पर विजय प्राप्त करके आए तो कुछ दिन पश्चात राम जी ने विभीषण, जामवंत, सुग्रीव और अंगद आदि को अयोध्या से विदा कर दिया। तो सब ने सोचा हनुमान जी को प्रभु बाद में विदा

सुन्दरकाण्ड का इतना माहात्म्य क्यों है?

सुन्दरकाण्ड का इतना माहात्म्य क्यों है? तुलसीदासजी रामकथा लिख रहे थे … हनुमानजी, भगवान श्रीराम को अपने आत्मज से ज़्यादा प्रिय है। प्रभु ने सोचा कि भक्त के मान में मेरा सम्मान है। हनुमानजी के

भगवान विष्णु का नाम नारायण क्यों हैं

भगवान विष्णु का नाम नारायण क्यों हैं:-- भगवान विष्णु के परम भक्त हर समय नारायण-नारायण का ही नाम जपते रहते थेलेकिन बहुत ही कमलोग विष्णु को नारायण कहने के पीछे का कारण जानते हैं. पुराणों के

साष्टांग प्रणाम क्यों और चरण स्पर्श से क्या लाभ ?

साष्टांग प्रणाम क्यों और चरण स्पर्श से क्या लाभ ? जब हम साष्टांग प्रणाम करेंगे, तो हमारा पिंड एक बारगी नीचे से ऊपर तक पृथ्वी पिंड से सपृष्ट होने के कारण पार्थिव विधुत से भरपूर हो जाता है.

गुरु और भगवान में एक अंतर है…..

गुरु और भगवान में एक अंतर है…..�� एक आदमी के घर भगवान और गुरु दोनो पहुंच गये।वह बाहर आया और चरणों में गिरने लगा।वह भगवान के चरणों में गिरा तो भगवान बोले रुको रुको पहले गुरुके चरणों में जाओ।वह दौड़ कर

क्यों भूल गए हनुमान जी अपनी शक्ति” !

क्यों भूल गए हनुमान जी अपनी शक्ति" ! हनुमान जी ने भूख से व्याकुल होकर भगवान सूर्य नारायण को आम समझ कर निगल लिया तो उनको कैद से मुक्त करवाने के लिए इन्द्र ने अपने वज्र से हनुमान जी पर तेज प्रहार

सुन्दरकाण्ड का इतना माहात्म्य क्यों है?

सुन्दरकाण्ड का इतना माहात्म्य क्यों है? तुलसीदासजी रामकथा लिख रहे थे … हनुमानजी, भगवान श्रीराम को अपने आत्मज से ज़्यादा प्रिय है। प्रभु ने सोचा कि भक्त के मान में मेरा सम्मान है। हनुमानजी के

गुरु पूर्णिमा पर्व शिष्यों के लिए एक त्यौहार

गुरु पूर्णिमा पर्व शिष्यों के लिए एक त्यौहारगुरु की व्याख्या किया जाना संभव ही नहींगुरु-शिष्य परंपरा भारतीय सनातन का आधारफतह सिंह उजालापटौदी । गुरु पर्व अथवा गुरु पूर्णिमा महोत्सव शनिवार को

सुंदरकांड के इस प्रसंग को अवश्य जानें!

सुंदरकांड के इस प्रसंग को अवश्य जानें! "मैं न होता, तो क्या होता?” "अशोक वाटिका" में जिस समय रावण क्रोध में भरकर, तलवार लेकर, सीता माँ को मारने के लिए दौड़ पड़ा, तब हनुमान जी को लगा, कि इसकी

भारत विकास परिषद ने मनाया 59वां स्थापना दिवस

भारत विकास परिषद ने मनाया 59वां स्थापना दिवस-स्थापना दिवस पर नई शाखा कल्पना चावला शाखा भी की गई शुरूप्रधान संपादक योगेश गुरुग्राम। भारत विकास परिषद (भाविप) गुरुग्राम द्वारा परिषद का 59वां स्थापना

बेलपत्र की कहानी

बेलपत्र की कहानी स्कंद पुराण के अनुसार, एक बार माता पार्वती के पसीने की बूंद मंदराचल पर्वत पर गिर गई और उससे बेल का पेड़ निकल आया। चुंकि माता पार्वती के पसीने से बेल के पेड़ का उद्भव हुआ। अत: इसमें

जानिए रामायण का एक अनजान सत्य…

जानिए रामायण का एक अनजान सत्य… केवल लक्ष्मण ही मेघनाद का वध कर सकते थे..क्या कारण था ?..पढिये पुरी कथा हनुमानजी की रामभक्ति की गाथा संसार में भर में गाई जाती है। लक्ष्मणजी की भक्ति भी अद्भुत

भक्ति की महिमा

भक्ति की महिमा भक्ति बीज पलटै नहीं, जो जुग जाय अनन्त |ऊँच नीच घर अवतरै, होय सन्त का सन्त || की हुई भक्ति के बीज निष्फल नहीं होते चाहे अनंतो युग बीत जाये | भक्तिमान जीव सन्त का सन्त ही रहता है

श्री कृष्ण लीलामृत

श्री कृष्ण लीलामृतजब भगवान श्री कृष्ण द्वारिका के राजा थे. उस समय की बात है। भगवान श्री कृष्ण से मिलने अनेक देवता आया करते थे।एक बार विधाता ब्रह्मा जी उनसे मिलने आए, और दरबान तुरंत ब्रह्मा जी के आगमन

महामृत्युंजय मंत्र और लघु मृत्‍युंजय मंत्र के जप का लाभ

महामृत्युंजय मंत्र और लघु मृत्‍युंजय मंत्र के जप का लाभ महामृत्युंजय मंत्र ऋग्वेद का एक श्लोक है.शिव को मृत्युंजय के रूप में समर्पित ये महान मंत्र ऋग्वेद में पाया जाता है.स्वयं या परिवार में किसी

जीवन में आए तूफान के बाद भी पहाड़ सी खड़ी है श्यामा

जीवन में आए तूफान के बाद भी पहाड़ सी खड़ी है श्यामा-बेटे का जन्म होते ही पति के देहांत से हो गई थी विचलित-समाजसेवा के क्षेत्र से जुड़कर दीन-दुखियों की सेवा का है ध्येय-रेडक्रॉस सोसायटी गुरुग्राम में

अपनी असली पहचान छिपाना, साजिश या फिर कोई मजबूरी

अपनी असली पहचान छिपाना, साजिश या फिर कोई मजबूरीलव जिहाद और धर्मांतरण पंचायत के बाद मामला गरमायागांव पहाड़ी में गलत नाम पहचान बचाने वाले युवक को दबोचाकथित रूप से पुलिस में संतुष्ट होकर युवक को छोड़