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आस्था
जीवन का राममय हो जाना ही रामनवमी पर्व की सार्थकता है-
मेरे राम तेरे राम शबरीजीवन का राममय हो जाना ही रामनवमी पर्व की सार्थकता है- के राम सब एक है ,गतिशीलता का नाम राम है-गौप्रेमी आचार्य मनीष
जीवन का राममय हो जाना ही रामनवमी पर्व की सार्थकता है-राम!-->!-->!-->…
प्रणाम का महत्व
प्रणाम का महत्व 🙏💎💎💎💎💎💎💎💎
महाभारत का युद्ध चल रहा था -
एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर "भीष्म पितामह" घोषणा कर देते हैं कि -
"मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा"
उनकी घोषणा का पता!-->!-->!-->…
इक्यावन शक्तिपीठों में प्रमुख,माँ कामाख्या देवी के मासिक धर्म के दौरान कैसे लाल हो जाती है…
इक्यावन शक्तिपीठों में प्रमुख,माँ कामाख्या देवी के मासिक धर्म के दौरान कैसे लाल हो जाती है ब्रह्मपुत्र नदी?
रजस्वला स्त्री मासिक धर्म, एक स्त्री की पहचान है, यह उसे पूर्ण स्त्रीत्व प्रदान करता है।!-->!-->!-->…
महाराज दशरथ की अंतर्व्यथा
महाराज दशरथ की अंतर्व्यथा
महारानी कैकेयी द्वारा दो वर - १. अपने पुत्र भरत का राज्याभिषेक एवं २. श्रीराम को १४ वर्षों के लिए वनवास - मांगने के पश्चात् महाराज दशरथ की शोकाकुल मन:स्थिति का बहुत ही!-->!-->!-->…
भूलोक के देवता
भूलोक के देवता🌻
जो दूसरों को कष्ट में देखकर दया से द्रवित हो जाता है, जो असहायों की सहायता के लिए सदा तत्पर रहता है,जो संसार के सुख में अपना सुख अनुभव करता है, दूसरों को हानि पहुँचाने की जिसे कभी!-->!-->!-->…
ब्रह्म गायत्री क्या हैं
ब्रह्म गायत्री क्या हैं !!
परमपूज्य गुरुदेव गायत्री महाविज्ञान में लिखते हैं -गायत्री ईश्वरीय दिव्य शक्तियों का एक पुंज है। उस पुंज में कितनी शक्तियां निहित हैं,इसकी कोई संख्या नहीं बतायी जा सकती।!-->!-->!-->…
कन्या पूजन के विषय में सम्पूर्ण जानकारी
कन्या पूजन के विषय में सम्पूर्ण जानकारी !!
🌹🙏 कन्या पूजन से सभी तरह के वास्तु दोष,विघ्न,भय और शत्रुओं का नाश होता है।🙏🌹
⚱ नवरात्रि में कन्या पूजन में ध्यान रखे कि कन्याओ की उम्र दो वर्ष से कम!-->!-->!-->!-->!-->…
धर्म का असली मर्म
धर्म का असली मर्म
👉धर्म और अधर्म की व्याख्या करते हुए पंचाध्यायी में बहुत महत्वपूर्ण श्लोक कहा गया है-- शक्ति: पुण्यं पुण्य फलं संपच्च संपद: सुखम्।अताहि चयनं शक्तेर्यतो धर्म: सुखावह: ॥
शक्ति!-->!-->!-->!-->!-->…
गायत्री के नौ शब्द ही महाकाली की नौ प्रतिमाएँ हैं, जिन्हें आश्विन और चैत्र की नवदुर्गाओं में विभिन्न…
गायत्री के नौ शब्द ही महाकाली की नौ प्रतिमाएँ हैं, जिन्हें आश्विन और चैत्र की नवदुर्गाओं में विभिन्न उपचारों के साथ पूजा जाता है।
देवी भागवत् में गायत्री की तीन शक्तियों का- ब्राह्मी,वैष्णवी,!-->!-->!-->…
साधना की सफलता के दस लक्षण !!
साधना की सफलता के दस लक्षण !!
गायत्री साधना से साधक में एक सूक्ष्म दैवी चेतना का आविर्भाव होता है। प्रत्यक्ष रूप से उसके शरीर या आकृति में कोई विशेष अन्तर नहीं आता पर भीतर ही भीतर भारी हेर−फेर हो!-->!-->!-->…
गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी ।
गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी ।
गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है । वहां वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं ।गौ माता में तैंतीस कोटी देवी देवताओं का वास है ।जिस जगह गौ माता खुशी!-->!-->!-->…
रावण विद्वान था जबकि हनुमान जी, बिद्यावान थे
रावण विद्वान था जबकि हनुमान जी, बिद्यावान थे।विद्वान एवम विद्या वान में क्या अंतर है ?🌲रामचरितमानस के अदभुद प्रसंग से जानिये🌲
बरसहिं जलद भूमि नियराये ।जथा नवहिं वुध विद्या पाये ॥🍀
जैसे बादल जल!-->!-->!-->!-->!-->…
वैश्य महासम्मेलन की कलश यात्रा में ढाई हजार
वैश्य महासम्मेलन की कलश यात्रा में ढाई हजारमहिलाओं की भीड़ देख शहरवासी हैरान
प्रधान संपादक योगेश
अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की जिला शाखा के तत्वावधान में आयोजित कलश एवं शोभा यात्रा में शामिल!-->!-->!-->!-->!-->…
हिन्दू कालगणना के वैज्ञानिक तथ्य
11.हिन्दू कालगणना के वैज्ञानिक तथ्य-1
स्वतंत्र भारत की सरकार ने राष्ट्रीय पंचांग निश्चित करने के लिए 1952 में प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ मेघनाथ साहा की अध्यक्षता में “कलेंडर रिफार्म कमेटी” का गठन किया!-->!-->!-->…
भूलते जा रहे हैं वैदिक कैलेंडर, अंग्रेजी मीडियम वाले खास ध्यान दें ।
भूलते जा रहे हैं वैदिक कैलेंडर, अंग्रेजी मीडियम वाले खास ध्यान दें ।
चैत्रवैशाखज्येष्ठआषाढ़श्रावणभाद्रपदअश्विनकार्तिकमार्गशीर्षपौषमाघफाल्गुन
चैत्र मास ही हमारा प्रथम मास होता है, जिस दिन ये मास!-->!-->!-->!-->!-->…
हनुमानजी समुद्र लाँघ गये।
हनुमानजी समुद्र लाँघ गये।किसी ने तुलसीदास जी से कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि हनुमानजी सौ योजन का समुद्र लाँघ गये ।
तुलसीदास जी बोले, आश्चर्य बिल्कुल नहीं।
क्यों?हनुमानजी पार जाते हुए दिखाई!-->!-->!-->!-->!-->…
अप्रैल फूल” किसी को कहने से पहले इसकी वास्तविक सत्यता जरुर जान ले.!!
विक्रमी संवत 2079 हिन्दू नववर्ष की बहुत-बहुत बधाईंया एवं हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार हो।
👉"अप्रैल फूल" किसी को कहने से पहले इसकी वास्तविक सत्यता जरुर जान ले.!!
पावन महीने की शुरुआत को मूर्खता!-->!-->!-->!-->!-->…
आनंदित जीवन के सूत्र
आनंदित जीवन के सूत्र !!
👉 जीवन का आनंद लेने के लिए कुछ थोड़े से ही सूत्र हैं । उन्हें जान लेने मात्र से काम नहीं चल सकता। वे अपना चमत्कार तभी दिखाते हैं,जब व्यवहार में उतारा जाए और!-->!-->!-->…
हिन्दू नववर्ष भाग
हिन्दू नववर्ष भाग - 1
एक जनवरी से प्रारम्भ अंग्रेज़ी नववर्ष को हम इतना महत्व देते हैं पर क्या अपनी महान् एवं सनातन संस्कृति से जुड़े नववर्ष की ओर भी हमारा वही भाव, वही समर्पण बना रहता है? नहीं, पर!-->!-->!-->…
दुर्गा सप्तशती चमत्कार नहीं एक वरदान है
दुर्गा सप्तशती चमत्कार नहीं एक वरदान है
💎जाने दुर्गा सप्तशती पाठ के चमत्कारदुर्गा सप्तशती एक ऐसा वरदान है, एक ऐसा प्रसाद है, जो भी प्राणी इसे ग्रहण कर लेता है। वह प्राणी धन्य हो जाता है। जैसे मछली!-->!-->!-->…
रुद्राक्ष एवं भद्राक्ष
रुद्राक्ष एवं भद्राक्षश्रीमद्- देवीभागवत में लिखा है :रुद्राक्षधारणाद्य श्रेष्ठं न किञ्चिदपि विद्यते।अर्थात संसार में रुद्राक्ष धारण से बढ़कर श्रेष्ठ कोईदूसरी वस्तु नहीं है।रुद्राक्ष की दो जातियां!-->…
कलश एवं शोभा यात्रा के लिए सज-धज कर तैयार बाजार एवं प्रमुख मार्ग
कलश एवं शोभा यात्रा के लिए सज-धज कर तैयार बाजार एवं प्रमुख मार्ग
प्रधान संपादक योगेश
गुरुग्राम। वैश्य दिवस एवं नव संवत्सर के अवसर पर शनिवार को अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की जिला शाखा के!-->!-->!-->!-->!-->…
03 अप्रैल को इस्कॉन मंदिर द्वारा रामघाट रोड पर निकाली जाएगी भव्य रथयात्रा
03 अप्रैल को इस्कॉन मंदिर द्वारा रामघाट रोड पर निकाली जाएगी भव्य रथयात्राअलीगढ़ महानगर में रहने वाले श्रीराधाकृष्ण के प्रेमियों के लिए इस्कॉन गीता ज्ञान मंदिर, हरदुआगंज द्वारा 03 अप्रैल दिन रविवार!-->…
ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी को कुछ ही घटो में पुलिस ने सुलझाया
ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी को कुछ ही घटो में पुलिस ने सुलझायामधुशाला के पीछे झाड़ियों में मृत पड़े होने की सूचना पर हरकत में आई पुलिसआरोपियों ने पैसे के लेनदेन पर पत्थर मारकर हत्या की वारदात को!-->…
सच्चा साधु कौन ?
सच्चा साधु कौन ?🌻
एक साधु को एक नाविक रोज इस पार से उस पार ले जाता था,बदले मैं कुछ नहीं लेता था,वैसे भी साधु के पास पैसा कहां होता था,
नाविक सरल था,पढा-लिखा तो नहीं,पर समझ की कमी नहीं थी। साधु!-->!-->!-->!-->!-->…
शब्द
🌻शब्द🌻
शब्द शहद है तो कटार भी,शब्दों कि ताकत को लेकर यह उक्ति सही है। शब्दों का जीवन में बहुत बड़ा महत्व होता है, जबकि प्रायः हम शब्दों का इस्तेमाल बहुत हल्के अंदाज़ में कर जाते हैं, शब्द!-->!-->!-->…
मालिकी-भाव
मालिकी-भाव🌻
यदि आपके ऑफिस की कुर्सी टूट जाए,तो आपको कष्ट नहीं होता। और यदि आपके घर की बिल्कुल वैसी ही कुर्सी टूट जाए, तो कष्ट होता है। क्यों?क्योंकि आपने अपने ऑफिस की कुर्सी के साथ अपना स्वामित्व!-->!-->!-->…
देवाधिदेव महादेव से जुड़े अदभुत रहस्य
देवाधिदेव महादेव से जुड़े अदभुत रहस्य
१--शिवजी की अष्टमूर्तियों के नाम क्या हैं ?
२--मनुष्य केशरीरमें अष्टमूर्तियाँ कहाँ कहाँ हैं ?
३--अष्ट मूर्तियों के तीर्थ कहाँ - कहाँ हैं ?
(१)!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
अथर्ववेद
घर ,कुटुंब ,परिवार ,समाज ,राष्ट्र , विश्व संसार मेघर : पुरुषार्थ की ज्योति ।
॥ अश्लीला तनूर्भवति रुशती पापयामुया ॥॥ पतिर्यद् वध्योः बारसः स्वड्गमभ्युर्णते ॥
( अथर्ववेद : 14/1/27 )
वैदिककालीन!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
घर माता की युनिवर्सिटी है
घर : कुटुंब , परिवार ,समाज , राष्ट्र , विश्व , संसार मे
घर माता की युनिवर्सिटी है।
॥ सूयवसाद्भगवती हि भूया , अथो वयं भगवन्तः स्याम॥॥ अद्धि तृणमध्य्ने विश्वदानीं , पिब शुद्धमुदकमाचरन्ती ॥(!-->!-->!-->!-->!-->…
दुराचार का परिणाम दुःख
दुराचार का परिणाम दुःख
दुराचार के समानार्थक शब्द हैं कुकर्म, दुष्कर्म, भ्रष्टाचार, अन्याय, निन्दनीय व्यवहार आजकल सामान्य धारणा है कि जो लोग अनैतिक साधनों से धन कमाते हैं वे सुखी देखे जाते हैं।!-->!-->!-->…
सफल एवं श्रेष्ठ शिक्षक आप भी बन सकते है।
सफल एवं श्रेष्ठ शिक्षक आप भी बन सकते है।सफल शिक्षक कैसा होता है❔शिक्षा एक मानवीय प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति पर प्रभाव डालता है । प्रभाव डालने वाले व्यक्ति को शिक्षक और प्रभाव!-->…
यजुर्वेद
घर , कुटुंब , परिवार ,समाज ,राष्ट्र , विश्व संसार मे घर : संस्कारों का उपवन है।॥ पुनन्तु मा देवजनाः पुनन्तु मनसा धियः॥॥ पुनन्तु विश्वा भूतानि जातवेदः पुनीहि मा ॥
( यजुर्वेद : 19/39 )
ऋषियों ने!-->!-->!-->!-->!-->…
राम से बड़ा राम का नाम माना क्यों माना जाता है. यह कहानी इस वाक्य को सिद्ध करती है.*
राम से बड़ा राम का नाम माना क्यों माना जाता है. यह कहानी इस वाक्य को सिद्ध करती है.*
हनुमान जी श्री राम के सबसे प्रिय भक्त हैं. क्या आप जानते हैं ऐसा क्या हुआ कि श्री राम को हनुमान जी को मृत्युदंड!-->!-->!-->…
धर्म स्थल पर किया गया पुण्य तीर्थ से कम नहीं
धर्म स्थल पर किया गया पुण्य तीर्थ से कम नहींजाटोली में बाबा हरदेवा मंदिर परिसर में विशाल भंडारागो सेवक-गो संरक्षक बाबा हरदेवा के प्रति अगाध श्रद्धाफतह सिंह उजालापटौदी । धार्मिक स्थल, मंदिर ,!-->…
12 ज्योतिर्लिंगों का महत्व व महिमा
12 ज्योतिर्लिंगों का महत्व व महिमा
भगवान शिव की भक्ति का विशेष दिवस शिवरात्रि है। शिवमहापुराण के अनुसार एकमात्र भगवान शिव ही ऐसे देवता हैं, जो निष्कल व सकल दोनों हैं। यही कारण है कि एकमात्र!-->!-->!-->!-->!-->…
कितने प्रकार के कालसर्प योग होते हैं जानिए
कितने प्रकार के कालसर्प योग होते हैं जानिए
कालसर्प एक ऐसा योग है जो जातक के पूर्व जन्म के किसी जघन्य अपराध के दंड या शाप के फलस्वरूप उसकी जन्मकुंडली में परिलक्षित होता है। व्यावहारिक रूप से!-->!-->!-->!-->!-->…
राधा शब्द के दो अर्थ है–
राधा शब्द के दो अर्थ है--1--आराधिका( कृष्ण की आराधना करने वाली सा राधा )2--आराध्या ( जिसकी सब आराधना करे सा राधा)--- जब भगवान रास के समय अंतर्धान हो गये थे तो तब गोपियो ने देखा की भगवान अकेले ही!-->…
परिक्रमा का महत्व
परिक्रमा का महत्व〰〰🌼🌼〰〰🚩जब हम मंदिर जाते है तो हम भगवान की परिक्रमा जरुर लगाते है | पर क्या कभी हमने ये सोचा है कि देव मूर्ति की परिक्रमा क्यों की जाती है? शास्त्रों में लिखा है जिस स्थान पर मूर्ति!-->…
हनुमान चालीसा को रोज सुबह 4 बजे सात बार जाप करें, तो जीवन में क्या बदलाव आएगा?
इतना ही नहीं, हनुमान चालीसा को लेकर कहा जाता है कि अगर कोई मनुष्य अपने जीवन में नियमित ढंग से हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो वह इस भवसागर से मुक्त हो जाएगा और बैकुंठ में श्री राम के चरणों में उसे!-->…
हनुमान जी कौन हैं
हनुमान जी कौन हैं
पार्वती जी ने शंकर जी से कहा:---भगवन अपने इस भक्त को कैलाश आने से रोक दीजिए वरना किसी दिन मैं इसे अग्नि में भस्म कर दूंगी यह जब भी आता है मैं बहुत असहज हो जाती हूँ। यह बात मुझे!-->!-->!-->…
2 अप्रैल से हिंदू नववर्ष यानी विक्रम संवत 2079 का आरंभ हो रहा है
2 अप्रैल से हिंदू नववर्ष यानी विक्रम संवत 2079 का आरंभ हो रहा है।इसके साथ ही पंचांग भी बदलेगा और साथ ही साल के राज मंत्री और उनका मंत्रीमंडल भी बदलेगा।इस बदलाव का प्रभाव और!-->…
गुरु (तारा) उदय, कवियत्री महादेवी जयन्ती
गुरु (तारा) उदय, कवियत्री महादेवी जयन्ती26 मार्च,1907 जयंती कवियत्री महादेवी वर्मा हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से थीं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभो में से!-->…
सबसे पहले उत्पन्न हुए भगवान विश्वकर्मा
सबसे पहले उत्पन्न हुए भगवान विश्वकर्मा
विश्वकर्माऋग्वेद और यजुर्वेद के अलावा महाभारत , वायु पुराण, स्कंद पुराण आदि में भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का निर्माता बताया गया है। ऋग्वेद में 11 ऋचाएं हैं।!-->!-->!-->…
शीतला अष्टमी पर संदेश
शीतला अष्टमी पर संदेशमित्रों!शीतला अष्टमी को बसोड़ा भी कहा जाता है।शीतला माता के हाथों में झाड़ू,सूप, नीम,कलश और वाहन गधा है।आज के दिन इनको बासी भोजन चढ़ाने की परम्परा है।संदेश:- गर्मी शुरू होने से!-->…
सुपात्र को ही दान करें
सुपात्र को ही दान करें 🌺〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️यह महाभारत काल की पौराणिक कहानी है। युद्ध समाप्त हो गया था। महाराज युधिष्ठिर ने दो अश्वमेघ यज्ञ किये। उन यज्ञों के बाद उन्होने इतना दान किया कि उनकी ख्याती!-->…
नर-नारायण एवं सहस्र कवच
नर-नारायण एवं सहस्र कवच🌻
.एक असुर था दम्बोद्भव -;उसने सूर्यदेव की बड़ी तपस्या की। सूर्य देव जब प्रसन्न हो कर प्रकट हुए और वरदान मांगने को कहा तो उसने अमरत्व का वरदान माँगा। सूर्यदेव ने कहा यह संभव!-->!-->!-->…
जो हो रहा है उसे होने दो !!
जो हो रहा है उसे होने दो !!
रामकृष्ण परमहंस जी को गले का कैंसर था। पानी भी भीतर जाना मुश्किल हो गया,भोजन भी जाना मुश्किल हो गया। तो विवेकानंद ने एक दिन अपने गुरुदेव रामकृष्ण परमहंस से कहा कि - आप!-->!-->!-->…
अंतिम ऋण चिता की लकड़ी…
अंतिम ऋण चिता की लकड़ी…
क्या आप जानते हैं मृत्यु के बाद भी कुछ ऋण होते हैं जो मनुष्य का पीछा करते रहते हैं।हिंदू धर्म शास्त्रों में पांच प्रकार के ऋण बताए गए हैं देव ऋण,पितृ ऋण, ऋषि ऋण,भूत ऋण और!-->!-->!-->…
भगवान ऋषभदेव जयन्ती
भगवान ऋषभदेव जयन्ती
भगवान ऋषभदेव जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव थे। उनके पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत वर्ष पड़ा। ऐसा कहा जाता है कि उनके पहले इस देश में लोगों को कृषि कला का!-->!-->!-->…
संकल्प का प्रभाव
संकल्प का प्रभाव🔸🔸🔹🔸🔸न जाने क्यों, वह भगवान के नाममात्र से ही भड़क उठता था। यहाँ तक कि किसी आस्तिक से बात करना भी वह गुनाह समझता था। एक बार उसके गाँव में एक बड़ महात्मा प्रवचन देने के लिये आए। पूरा!-->…
वृन्दावन आखिर है क्या…
वृन्दावन आखिर है क्या….?
लोग क्यों यहां एक बार जाकर केवल तन से वापस आते हैं, मन वहीं छूट जाता है?
वृन्दावन का आध्यातमिक अर्थ है-"वृन्दाया तुलस्या वनं वृन्दावनं"
तुलसी का विषेश वन होने के!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
सुंदरकाण्ड से जुड़ी पांच मुख्य बातें
सुंदरकाण्ड से जुड़ी पांच मुख्य बातें 👌🎈
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अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं!-->!-->!-->!-->!-->…
महावर वैश्य सभा ने उठाया भूतेश्वर मंदिर चौक पर
महावर वैश्य सभा ने उठाया भूतेश्वर मंदिर चौक परकलश यात्रा के भव्य स्वागत का बीड़ा: डॉ. मंदीप किशोर गोयल
प्रधान संपादक योगेश
गुरुग्राम। दो अप्रैल को अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की गुरुग्राम जिला!-->!-->!-->!-->!-->…
वैश्य दिवस एवं नव संवत सर के अवसर पर गुरुग्राम में भव्य शोभा एवं कलश यात्रा
वैश्य दिवस एवं नव संवत सर के अवसर पर गुरुग्राम मेंभव्य शोभा एवं कलश यात्रा: डॉ. मंदीप किशोर गोयल
प्रधान संपादक योगेश
अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन जिलाग गुरुग्राम द्वारा 2 अप्रैल को नव संवत सर!-->!-->!-->!-->!-->…
भारतवर्ष सदैव ही अपनी संस्कृति और परंपरा से पौषित रहा हैं।-गौप्रेमी आचार्य मनीष
भारतवर्ष सदैव ही अपनी संस्कृति और परंपरा से पौषित रहा हैं।-गौप्रेमी आचार्य मनीष
होली का ये पावन पर्व सदभाव , समानता का त्योहार है, और भारत तो सदा से ही अपनी संस्कृति और परंपरा से पौषित रहा है,!-->!-->!-->…
होलिका की कहानी होलिका कौन थी
होलिका की कहानी होलिका कौन थीसतयुग में महर्षि कश्यप की कई पत्नियाँ थी जिनमें से एक दिति भी थी। दिति के गर्भ से ही जन्में बच्चों को दैत्यों की संज्ञा दी गयी थी। उसकी कोख से मुख्यतया दो बालक व एक!-->…
हम होली क्यो मनाते हैं?
हम होली क्यो मनाते हैं? प्रस्तुत प्रस्तुति में हम आपको होली से संबंधित कुछ पौराणिक कथायें संक्षेप में बतायेगें।
होली भारत के सबसे पुराने पर्वों में से है। यह कितना पुराना है इसके विषय में ठीक!-->!-->!-->…
सूर्य अर्घ्य का वैज्ञानिक रहस्य
ये है सूर्य अर्घ्य का वैज्ञानिक रहस्य!!!!!!!!!
स्वस्थ रहने के लिए जितनी शुद्ध हवा आवश्यक है, उतना ही प्रकाश भी आवश्यक है इसीलिए कहा जाता है कि प्रकाश में मानव शरीर के कमजोर अंगों को फिर से बलशाली!-->!-->!-->…
सफल एवं श्रेष्ठ शिक्षक आप भी बन सकते है।
सफल एवं श्रेष्ठ शिक्षक आप भी बन सकते है। ✒️क्रमशः-------📡{04}अध्ययन ;----(02/02)शिक्षक में कुछ विषेश गुणों की उम्मीद की जाती है।जैसे__🙏🏻शिक्षक में शील का गुण होना चाहिए । शील का वास्तविक अर्थ है!-->…
कल्पना चावला शाखा द्वारा कवि सम्मेलन के साथ किया होली परिवार मिलन समारोह का आयोजन
भारत विकास परिषद **कल्पना चावला शाखा *द्वारा कवि सम्मेलन के साथ किया होली परिवार मिलन समारोह का आयोजन
गुरूग्राम:- समाज के नैतिक मूल्यों के लिए अग्रणी संस्था भारत विकास परिषद कल्पना चावला शाखा!-->!-->!-->…
भक्त और भगवान्
भक्त और भगवान्
शरद पूर्णिमा – धार्मिक मान्यता
शरद पूर्णिमा से ही स्नान और व्रत प्रारम्भ हो जाता है। माताएं अपनी संतान की मंगल कामना से देवी-देवताओं का पूजन करती हैं। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
आध्यात्मिक आनन्द एवं ध्यान
आध्यात्मिक आनन्द एवं ध्यान
सुख बाह्य जगत से सम्बन्धित है। आनन्द आत्मा से सम्बन्धित अनुभूति है। पंच ज्ञानेन्द्रियों से मिलने वाले सुख को हम स्पर्श, स्वाद, ध्वनि, सुगन्ध और दृश्य के माध्यम से अनुभव!-->!-->!-->…
शबरी
🙏🙏🌹🙏🙏 शबरी 🙏🙏🌹🙏🙏
शबरी एक आदिवासी भील की पुत्री थी। देखने में बहुत साधारण, पर दिल से बहुत कोमल थी। इनके पिता ने इनका विवाह निश्चित किया, लेकिन आदिवासियों की एक प्रथा थी की किसी भी अच्छे कार्य से!-->!-->!-->…
भगवान श्री राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ तो उनकी पत्नी माँ सीता ने भी सहर्ष वनवास स्वीकार कर लिया।
भगवान श्री राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ तो उनकी पत्नी माँ सीता ने भी सहर्ष वनवास स्वीकार कर लिया।परन्तु बचपन से ही बड़े भाई की सेवा मे रहने वाले लक्ष्मण जी कैसे राम जी से दूर हो जाते! माता सुमित्रा से!-->…
श्री प्रत्यंगिरा देवी
🔱श्री प्रत्यंगिरा देवी🔱प्रत्यंगिरा देवी भगवती काली का ही प्रचण्ड स्वरुप हैं। शरभ तथा गंडभेरुंड अवतार के बीच भीषण युद्ध 18 दिनों तक चलता रहा। उनके युद्ध के कारण तीनों लोको में त्राहिमाम मच गया।तब माँ!-->…
भूत-प्रेत का अस्तित्व एवं सत्यता
भूत-प्रेत का अस्तित्व एवं सत्यता
संसार में बहुत सी संस्कृतियों के लोग भूत-प्रेत में विश्वास रखते हैं। कुछ लोग भूत-प्रेत के नाम पर मानसिक रोग से पीड़ित मनुष्यों का आर्थिक शोषण भी करते हैं। लेकिन!-->!-->!-->…
आज का प्रेरक प्रसंग
आज का प्रेरक प्रसंग ⚜️
!! अहंकार !!
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बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक मूर्तिकार ( मूर्ति बनाने वाला ) रहता था| वह ऐसी मूर्तियाँ बनता था, जिन्हें देख कर हर किसी को!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
दुर्गा अष्टमी, रोहिणी व्रत, होलाष्टक प्रारंभ, श्रीजी मन्दिर में लड्डूओं की होली बरसाना एवं दादू दयाल…
सादर् सुप्रभातम्
सृष्टि संवत् 1,96,08,53,123 युगाब्द् संवत् 5,123 विक्रमी संवत् 2,078 दिन - गुरुवार तिथि - अष्टमी माह - फाल्गुननक्षत्र - रोहिणी पक्ष - शुक्ल ऋतु - वसंत सूर्य - उत्तरायण
!-->!-->!-->!-->…
सुंदरकांड
सुंदरकांड पढ़ते हुए 25 वें दोहे पर थोड़ा रुक गया । तुलसीदासजी ने सुन्दर कांड में, जब हनुमान जी ने लंका मे आग लगाई थी, उस प्रसंग पर लिखा है -
हरि प्रेरित तेहि अवसर चले मरुत उनचास।अट्टहास करि गर्जा!-->!-->!-->…
सद-चिन्तन
🌻सद-चिन्तन🌻
हर मनुष्य सहानभूति का भूखा होता है l दु:ख में संवेदना,दया किसी कीमती दवा से कम नहीं होती है l इसलिए मनोवैज्ञानिकों ने इस ओर शोधकार्य करने भी शुरू कर दिए है l दया,करुणा, ममता,प्रेम!-->!-->!-->…
भाव संवेदना विहीन होते हुए पश्चिम सभ्यता से प्रभावित आधुनिक परिवार !!🌻
भाव संवेदना विहीन होते हुए पश्चिम सभ्यता से प्रभावित आधुनिक परिवार !!🌻
एक वृद्ध व्यक्ति अपने बहु-बेटे के यहाँ शहर रहने गया। उम्र के इस पड़ाव पर वह अत्यंत कमजोर हो चुका था,उसके हाथ कांपते थे और!-->!-->!-->…
:शिवजी के पिनाक धनुष की कथा:::
::::शिवजी के पिनाक धनुष की कथा::::
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🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱भगवान श्री राम ने सीता जी के स्वयंवर में गुरु विश्वामित्र जी की आज्ञा से शिवजी का कठोर धनुष तोड़ कर सीता जी से विवाह किया था।!-->!-->!-->!-->!-->…
भगवान शिव क्यों कहलाए त्रिपुरारी?”
"भगवान शिव क्यों कहलाए त्रिपुरारी?"
दैत्य तारकासुर के तीन पुत्र थे तारकाक्ष, कमलाक्ष व विद्युन्माली। जब भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध कर दिया तो उसके पुत्रों को बहुत दुःख हुआ।!-->!-->!-->…
गौरी शंकर मंदिर के स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया
गौरी शंकर मंदिर के स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनायाश्री गौरी शंकर मंदिर टोडापुर-हेलीमंडी का आठवां भव्य वार्षिकोत्सवगौरी शंकर मंदिर को रंगीन बिजली की रोशनी से सजाया गयाफतह सिंह उजालापटौदी । पटौदी!-->…
शिव की आराधना से मनुष्य के सभी मनोरथ पूर्ण: शंकराचार्य नरेंद्रानंद
शिव की आराधना से मनुष्य के सभी मनोरथ पूर्ण: शंकराचार्य नरेंद्रानंदभगवान शिव जगत कल्याण के लिए देवताओं के भी महादेवताभगवान शिव का ना तो आदि था और न ही कोई अंत हैफतह सिंह!-->…
अयोध्या के जैसे भगवान राम के रंग में रंगी हेलीमंडी
अयोध्या के जैसे भगवान राम के रंग में रंगी हेलीमंडीतीन दशक के बाद हेलीमंडी अनाज मंडी में रामकथा का आयोजन351 महिलाओं ने राम को समर्पित कलश धारण कर की नगर परिक्रमाबुधवार को आरंभ हुई इस रामकथा का 11!-->…
भगवान शिव के तृतीय नेत्र का रहस्य
भगवान शिव के तृतीय नेत्र का रहस्य
परमेश्वर शिव त्रिकाल दृष्टा, त्रिनेत्र, आशुतोष, अवढरदानी, जगतपिता आदि अनेक नामों से जानें जाते हैं। महाप्रलय के समय शिव ही अपने तीसरे नेत्र से सृष्टि का संहार!-->!-->!-->…
शिव और सर्प के अबूझ रिश्ते
शिव और सर्प के अबूझ रिश्ते
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🕉️🚩भगवान शंकर ने अवधूत अवतार लेकर इंद्र के अंहकार को चूर किया था। धर्म ग्रंथों के अनुसार एक समय बृहस्पति और अन्य देवताओं को साथ लेकर इंद्र शंकर जी के!-->!-->!-->!-->!-->…
स्वास्तिक : हिंदुओ का ही नही अपितु ब्रम्हांड का शक्ति स्वरूप है , जानिए स्वस्तिक क्यों पूजा जाता है
स्वास्तिक : हिंदुओ का ही नही अपितु ब्रम्हांड का शक्ति स्वरूप है , जानिए स्वस्तिक क्यों पूजा जाता है
क्यों पूजा जाता है स्वास्तिकस्वास्तिक एक ऐसा प्रतीक चिन्ह है जिसे आदिकाल से सनातन धर्म में!-->!-->!-->!-->!-->…
महा शिवरात्रि के बारे में 25 कम ज्ञात तथ्य
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🕉️🔱महा शिवरात्रि भगवान शिव के सम्मान में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है, और विशेष रूप से, शिव के विवाह की समाप्ति का दिन है। हिंदू कैलेंडर के प्रत्येक चंद्र-सौर महीने में, महीने!-->!-->!-->…
भगवान के साथ एक नाता
भगवान के साथ एक नाता
बरसाना मे एक भक्त थे ब्रजदास।उनके एक पुत्री थी, नाम था रतिया। यही ब्रजदास का परिवार था।ब्रजदास दिन मे अपना काम क़रतेऔर शाम को श्री जी के मन्दिर मे जाते दर्शन करते और जो भी संत!-->!-->!-->…
महापुरुष बनने के दस उपाय
महापुरुष बनने के दस उपाय
(1) प्रात: जागरण : सूर्योदय से पूर्व उठकर उष: स्नान करना । तत्पश्चात् भ्रमण एवं योग करना ।
(2) शौच : आदि से निवृत्त होकर आसन व्यायाम करना ।
(3) साधना एवं यज्ञ :!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
शिव में छिपे रहस्य”
शिव में छिपे रहस्य"🔱🕉️
1. भस्म
हमारे धर्म शास्त्रों में जहाँ सभी देवी-देवताओं को वस्त्र-आभूषणों से सुसज्जित जित बताया गया है वहीं भगवान शंकर को सिर्फ मृग चर्म (हिरण की खाल) लपेटे और भस्म!-->!-->!-->…
महादेव के प्रति समर्पित भक्त भी पूजनीय: जरावता
महादेव के प्रति समर्पित भक्त भी पूजनीय: जरावताब्रह्माकुमारीज सद्भावना भवन हेलीमंडी में मनाया 86वां शिव जन्मोत्सवसाक्षात भगवान के दर्शन तो नहीं लेकिन भक्तों के दर्शन सुलभकेवल भगवान शंकर को ही कहा गया!-->…
चार आश्रम व्यवस्था
चार आश्रम व्यवस्था
( 1 ) ब्रह्मचर्य :- कम से कम 25 वर्ष तक वेद आदि शास्त्रों का अध्ययन करना (भौतिक शिक्षा के साथ-साथ), इन्द्रियों को अपने वश में रखना, ब्रह्म अर्थात् ईश्वर चिंतन, जप व ध्यान करना।!-->!-->!-->…
शिवरात्रि का अर्थ क्या है ?
शिवरात्रि का अर्थ क्या है ?पुराणों में, वेदों में और शास्त्रों में भगवान शिव-महाकाल के महात्म्य को प्रतिपादित किया गया है।भगवान शिव हिन्दू संस्कृति के प्रणेता आदिदेव महादेव हैं। हमारी सांस्कृतिक!-->…
भगवान शिव ने ‘राम-नाम’ कण्ठ में क्यों धारण किया है ?
भगवान शिव ने ‘राम-नाम’ कण्ठ में क्यों धारण किया है ?माता पार्वती भगवान शंकर से पूछती हैं,,,,,
*प्रभु जे मुनि परमारथबादी। कहहिं राम कहुँ ब्रह्म अनादी॥सेस सारदा बेद पुराना। सकल करहिं रघुपति गुन!-->!-->!-->…
एकादशी को चावल खाना वर्जित क्यो…?
एकादशी को चावल खाना वर्जित क्यो…?〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️एकादशी को चावल क्यो नही खाना चाहिए वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण से रोचक तथ्य…?
एकादशी की एक घटना?〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ऐसा माना गया है कि यह घटना!-->!-->!-->…
आशीर्वाद आपका सुरक्षा कवच है।
आशीर्वाद आपका सुरक्षा कवच है। जब आप परीक्षा देने, यात्रा करने आदि किसी कार्य के लिए घर से निकलते हैं, तो अपने बड़ों से आशीर्वाद लेकर घर से निकलें।"घर से निकलते समय बड़े लोग आपको आशीर्वाद देंगे।!-->…
आज के वैदिक विचार 🌷
आज के वैदिक विचार 🌷
तीन दुःख और उनसे छूटने के उपाय
(1) आध्यात्मिक दुःख : स्वयं की त्रुटि से प्राप्त होने वाला दुःख ।
(2) आधिदैविक दुःख: बाढ़, भूकम्प, अकाल आदि प्राकृतिक विपदाओं से प्राप्त!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
शिक्षा और संस्कार
शिक्षा और संस्कार(10)।।🙏🌻 सुबह का वंदन स्वीकार करें सा🌻✍️बच्चे के शिक्षा और संस्कार में मात-पिता के बाद सबसे महत्ती भूमिका शिक्षक-गुरुजन की होती है।शिक्षक-गुरुजन बच्चे को संस्कारित करने का दायित्व!-->…
विजया एकादशी व्रत, श्री श्रेयांसनाथ जी जयन्ती एवं 27 फ़रवरी 1931 बलिदान दिवस
सम्पूर्ण विश्व के लिए मंगलमय हो.विजया एकादशी व्रत, श्री श्रेयांसनाथ जी जयन्ती एवं 27 फ़रवरी 1931 बलिदान दिवसबड़ी-बड़ी आंखें, बलवान शरीर, मझला कद, चेहरे पर स्वाभिमान और देश प्रेम की चमक, तनी हुई!-->…
धार्मिक ज्ञानवर्धक प्रश्नोतरी??
धार्मिक ज्ञानवर्धक प्रश्नोतरी??प्रश्न.१.श्री कृष्ण के धनुष का क्या नाम था?उत्तर - शारंगप्रश्न.२. अर्जुन के धनुष का क्या नाम है?उत्तर- गांडीवप्रश्न.३. शिव के धनुष का क्या नाम था?उत्तर- पिनाकप्रश्न.४.!-->…
अनमोल जानकारी
अनमोल जानकारी
जिस आदमी ने श्रीमदभगवद गीता का पहला उर्दू अनुवाद किया वो था मोहम्मद मेहरुल्लाह! बाद में उसने सनातन धर्म अपना लिया!
पहला व्यक्ति जिसने श्रीमदभागवद गीता का अरबी अनुवाद किया वो एक!-->!-->!-->!-->!-->…
मूर्ख व्यक्ति दूसरों को दी जाने वाली वस्तु को देने में भी दुःख अनुभव करता है।
दातव्यमपिबालिशः क्लेशेन परिदास्यति ।।
♦️भावार्थ : मूर्ख व्यक्ति दूसरों को दी जाने वाली वस्तु को देने में भी दुःख अनुभव करता है।
👉 संसार में अनेक वस्तुएँ ऐसी हैं जो प्रकृति द्वारा मनुष्य को बिना!-->!-->!-->!-->!-->…
विजया एकादशी पर पढ़ें यह व्रत कथा
विजया एकादशी पर पढ़ें यह व्रत कथा
विजया एकादशी का व्रत भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने बताया था कि फाल्गुन माह (Phalguna Month) के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं. उन्होंने विजया!-->!-->!-->…
गयाजी में सीता माता ने दिया था इन तीन को शाप
गयाजी में सीता माता ने दिया था इन तीन को शापवाल्मिकी रामायण में सीता द्वारा पिंडदान देकर दशरथ की आत्मा को मोक्ष मिलने का संदर्भ आता है। वनवास के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और सीता पितृ पक्ष के!-->!-->!-->…
भीम हनुमानजी प्रसंग –
भीम हनुमानजी प्रसंग –
: धर्म ग्रंथो के अनुसार हनुमानजी और भीम भाई है क्योंकि दोनों ही पवन देवता के पुत्र है। महाभारत में एक प्रसंग आता है जब भीम और हनुमान की मुलाक़ात होती है। आज हम आपको वोही!-->!-->!-->…
गुरुदक्षिणा…
गुरुदक्षिणा….एक ऋषि के पास एक युवक ज्ञान के लिए पहुंचा, ज्ञान प्राप्ति के बाद शिष्य ने गुरु दक्षिणा में गुरु को कुछ देना चाहा….गुरु ने दक्षिणा के रूप में दो चीजें मांगी,एक जो बिलकुल व्यर्थ हो… और!-->…
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