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चंबल में डूबे एमपी के 7 श्रद्धालु करौली में कैलादेवी दर्शन करने जा रहे थे अब तक 3 शव मिले

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चंबल में डूबे एमपी के 7 श्रद्धालु:करौली में कैलादेवी दर्शन करने जा रहे थे; अब तक 3 शव मिले

करौली

मध्य प्रदेश से कैला देवी के दर्शन करने जा रहे 7 पदयात्री चंबल नदी में डूब गए। गोताखोरों और एसडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। मामला करौली जिले के मंडरायल थाना इलाके के रोधई घाट क्षेत्र का है। अब तक 3 शव निकाले जा चुके हैं।
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के चिलांद गांव से श्रद्धालुओं का एक जत्था कैला देवी के दर्शन के रवाना हुआ था। इसमें 17 पैदल यात्री शामिल थे। इस बीच, शनिवार सुबह करीब 7 बजे मंडरायल के रोंधई गांव के पास छोई घाट पर चंबल नदी में ये हादसा हो गया। पदयात्री गहरे पानी में फंस गए और एक के बाद एक डूबते चले गए। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे।
सात घंटे से चल रहा रेस्क्यू
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुबह करीब सात बजे हुए हादसे के करीब आधे घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था। दोपहर दो बजे तक दो पुरुष व एक महिला का शव निकाला जा चुका है। इनमें से एक व्यक्ति की पहचान नहीं हुई है। मृतकों की पहचान देवकीनंदन (50) और महिला कल्लो के तौर पर हुई है। वहीं, रुक्मणी (24) पत्नी दीपक, लवकुश (12) पुत्र थानसिंह, ब्रजमोहन (17) पुत्र पप्पू, अलोपा बाई (45) पत्नी देवकीनंदन और रश्मि (19) पत्नी सुनील लापता है।

मौके पर तीन मेडिकल टीम है और 4 लोगों को इलाज के लिए मंडरायल हॉस्पिटल भेजा गया है। जत्थे में से 10 लोग सुरक्षित बताए जा रहे हैं। करीब तीन घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। 4 लोग अभी भी लापता हैं। कलेक्टर अंकित कुमार सिंह और एसपी नारायण टोगस भी मौके पर पहुंचे। घटना को लेकर मंत्री रमेश मीणा ने कलेक्टर से बात की है।
कलेक्टर ने बताया कि चंबल में 7-8 पद यात्रियों के डूबने की सूचना मिली थी। अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं। मेडिकल और सिविल डिफेंस की टीमें भी मौके पर हैं। बताया जा रहा है कि जिस जगह हादसा हुआ है, वहां नदी पार करने के लिए कोई पुल या नाव की व्यवस्था नहीं है। लोग पैदल ही नदी पार करते हैं।

समय बचाने के लिए नदी में उतरे

जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश से पद यात्रियों का जत्था 4 दिन पहले रवाना हुआ था, जो करीब 350 किलोमीटर का सफर तय कर यहां पहुंचा था। अगर पद यात्री सड़क के रास्ते से जाते तो उनको करीब 2 दिन का समय लगता, लेकिन इस रास्ते से जाने पर सिर्फ 5 घंटे में कैलादेवी पहुंच जाते तो ज्यादातर पद यात्री नदी पार करके ही जाते हैं।

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