दुष्कर्म के दोषी, अपहरण में साथ देने वाले को 12 साल की सजा
दुष्कर्म के दोषी, अपहरण में साथ देने वाले को 12 साल की सजा
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एटा। अपहरण कर दुष्कर्म के दोषी तथा अपहरण में साथ निभाने वाली दोषी महिला को सात साल की सजा सुनाई गई है। दोनों को सजा सुनाने के साथ ही अर्थदंड से दंडित भी किया गया है। एडीजीसी प्रभात चौहान, सर्वेश चौहान के अनुसार दो जनवरी 2014 को पिता ने थाना सकरौली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें बताया कि बेटी को आरोपी उर्मिला पत्नी प्रमोद निवासी बदनपुर थाना सकरौली अपने साथ बाजार ले जाने की कहकर गई थी उसके बाद से बेटी घर नहीं लौटी थी और महिला घर आ गई थी। कड़ाई से पूछताछ के बाद महिला ने आरोपी धर्मेन्द्र पुत्र रामप्रसाद निवासी नगला मंदा थाना सकरौली का नाम बताते हुए गांव लेकर गई थी। बेटी का पता नहीं चला था। पुलिस ने किशोरी को बरामद किया। जांच के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दुष्कर्म की धारा बढ़ाई गई। बुधवार को दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं ने दलील पेश की। दलील सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश एक्सक्लूसिव, पॉक्सो एक्ट विपिन कुमार तृतीय ने दोनों को दोषी माना। न्यायाधीश ने दोषी धर्मेन्द्र को दुष्कर्म में 12 साल, 50हजार का अर्थदंड, अपहरण में सात साल, 20हजार का अर्थदंड से दंडित किया। दोषी उर्मिला को लैगिंग अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अपराध में 12 साल, अपहरण में साथ देने में सात साल, बीस हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड में से 60 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को दी जाएगी।
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