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ऑस्टियोपोरोसिस की गिरफ्त में तेजी से आ रही युवा आबादी       

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           ऑस्टियोपोरोसिस की गिरफ्त में तेजी से आ रही युवा आबादी                                                                                                                        मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम ने ऑस्टियोपोरोसिस को लेकर किया जागरूक                                                                    ऑस्टियोपोरोसिस होने के कारण व इसके बचाव के तरीके बताए गए                                                                                                                    भारत में 61 मिलियन लोग ऑस्टियोपोरोसिस की गिरफ्त में, 80 फीसदी महिलाएं                                                                                              फतह सिंह उजाला                                      गुरुग्राम 17 अगस्त । मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम  ने ऑस्टियोपोरोसिस को लेकर एक अवेयरनेस कार्यक्रम आयोजित किया. खासकर युवा आबादी में बढ़ रही ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डी की समस्याओं को लेकर इस सत्र में बातचीत की गई.

इस जागरूकता सत्र को मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम में ऑर्थोपेडिक, नेक एंड स्पाइन के डायरेक्टर डॉक्टर राजेश वर्मा ने संबोधित किया और ऑस्टियोपोरोसिस होने के कारण व इसके बचाव के तरीके बताए. डॉक्टर राजेश के बाद मैरिंगो गुरुग्राम में फैसिलिटी डायरेक्टर नीता रजवार ने अपनी बात रखी। इस जागरूकता सत्र में ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए 20 साल की उम्र से ही हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने पर जोर दिया. हालांकि, इस तरह की समस्याओं के कई इलाज उपलब्ध हैं लेकिन ऑस्टियोपोरोसिस से होने वाला रीढ़ की हड्डी का फ्रैक्चर पीठ दर्द,  हाइट में कमी और रीढ़ की हड्डी की विकृति पैदा कर सकता है. इससे रूटीन लाइफ पर काफी ज्यादा असर पड़ने का खतरा रहता है.

मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम में ऑर्थोपेडिक, नेक एंड स्पाइन के डायरेक्टर डॉक्टर राजेश वर्मा ने इस मौके पर कहा, ”भारत में ऑस्टियोपोरोसिस  के मामले काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं, खासकर रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर से जुड़े केस. आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में 61 मिलियन लोग ऑस्टियोपोरोसिस की गिरफ्त में हैं जिनमें 80 फीसदी महिलाएं हैं. ऑस्टियोपोरोसिस, एक छिपा हुआ दुश्मन है जो धीरे-धीरे हड्डियों को कमजोर करता है, विशेष रूप से रीढ़ के अंदर फ्रैक्चर कर देता है. इसका असर ये होता है कि पीड़ित को तेज दर्द होता है, तमाम तरह की परेशानियां होती हैं, जीवन मुश्किल हो जाता है, खासकर बुजुर्गों को बहुत दिक्कत हो जाती है.”

कैसे करें अपना बचाव

डॉक्टरों ने ऑस्टियोपोरोसिस के खिलाफ लड़ाई में चार महत्वपूर्ण कदमों को स्पष्ट किया है. कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर बैलेंस डाइट का सेवन, वजन सहन करने वाली एक्सरसाइज, स्मोकिंग और ज्यादा शराब के सेवन से बचना और हड्डियों के घनत्व का आकलन व उसके लिए दी जाने वाली दवाओं का पालन. इन चार अहम बातों पर अमल करके समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है. मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम की फैसिलिटी डायरेक्टर नीता रजवार ने कहा, ”हमारी कोशिश है कि ऑस्टियोपोरोसिस के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. खासकर  युवा आबादी में रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर से इसके कनेक्शन के बारे में लोगों को बताना. इसके अलावा बचाव के तरीके बताना और एडवांस इलाज के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी देकर हमारा मिशन अपने समाज के लोगों की हड्डियों को स्वस्थ रखना और इस बीमारी को बढ़ने से रोकना है.” मारेंगो एशिया अस्पताल इस तरह के अवेयरनेस सेशन जैसी पहल के माध्यम से पब्लिक हेल्थ को लेकर चिंतन को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. ऑस्टियोपोरोसिस की समझ और इसके खिलाफ लड़ाई को मजबूत करके, मैरिंगो अस्पताल समाज को मजबूत करने में अपना अहम रोल निभाता है. अस्पताल में रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या को दूर करने के लिए पर्याप्त मेडिकल फैसिलिटी भी उपलब्ध हैं.

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