Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.
Rajni

सफल एवं श्रेष्ठ शिक्षक आप भी बन सकते है।

38

सफल एवं श्रेष्ठ शिक्षक आप भी बन सकते है। ✒️
क्रमशः——-📡{04}
अध्ययन ;—-(02/02)
शिक्षक में कुछ विषेश गुणों की उम्मीद की जाती है।
जैसे__
🙏🏻शिक्षक में शील का गुण होना चाहिए । शील का वास्तविक अर्थ है विनम्रता । विनम्रता महत्वपूर्ण गुण है । शिक्षक बच्चों का भाग्य विधाता होता है । उसमें किसी प्रकार का अहंकार नहीं होना चाहिए । वह इतना विनम्र और सहज हो कि विद्यार्थी उससे अपनी बात खुल कर कह सकें । शिक्षक और विद्यार्थी के मध्य बड़े और लघु का अंतर मिट जाना चाहिए ।
🙏🏻शिक्षक को प्रज्ञावान होना चाहिए अर्थात उसे ज्ञानी होना चाहिए । एक ज्ञानी व्यक्ति ही दूसरे को ज्ञानवान बना सकता है । शिक्षक के ज्ञान से दूसरे लोग लाभान्वित होते हैं । अतः उसका विद्वान होना आवश्यक है ।
🙏🏻ममता या करुणा शिक्षक का तीसरा गुण है । शिक्षक का विद्यार्थी के प्रति करुणा भाव होना चाहिए । उसमें गलतियों को क्षमा करने की शक्ति होनी चाहिए । एक प्रकार से शिक्षक में मां जैसी ममता होनी चाहिए ।
🙏🏻शिक्षक का चौथा गुण आचरण की शुद्धता है । शिक्षक की जिम्मेदारी होती है कि वह बच्चों को चरित्रवान बनाए और एक चरित्रवान व्यक्ति ही बच्चों को चरित्रवान बना सकता है , क्योंकि बच्चे अपने शिक्षक से ही भला – बुरा सीखते हैं ।
🙏🏻शिक्षक का पांचवां गुण अनुशासन और समय की पाबंदी का है । एक अनुशासित व्यक्ति ही किसी दूसरे को अनुशासित रख सकता है । अतः शिक्षक को स्वयं अच्छे आचरण करके विद्यार्थियों को अनुशासन में रहने की सीख देनी होती है ।

शिक्षक के लिए गुणों की लंबी सूची बनाई जा सकती है , क्योंकि शिक्षक जितना अधिक गुणवान होगा उतनी ही आने वाली पीढ़ी गुणवान बनेगी । यदि आपने शिक्षक बनने का निर्णय लिया है तो आप स्वयं अपना मूल्यांकन करें कि आपमें उचित गुण हैं या नहीं । यदि आप स्वयं को शिक्षक के योग्य नहीं पाते तो अभी अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर लीजिए , क्योंकि बाद में आप उपहास का पात्र बनेंगे । अब समय भी बदल गया है । अब शिक्षक मुख्य भूमिका में नहीं रह गया है वरन अब विद्यार्थी मुख्य भूमिका में आ गया है । अब तानाशाही का जमाना नहीं रहा । अब तो शिक्षक को एक मित्र , दार्शनिक और पथ प्रदर्शक की भूमिका अदा करनी होती है । एक शिक्षक में जब तक फुल नालेज , शिक्षण कला , समर्पित एटीट्यूड और अच्छे व्यवहार के गुण नहीं होंगे तब तक वह शिक्षण कार्य में सफल नहीं हो सकेगा । शिक्षण एक कला है और शिक्षक को कलाकार की भूमिका निभानी होगी ।

आपने शिक्षक बनने का ही निर्णय क्यों लिया ? आप और भी तो कुछ बन सकते हैं । आप प्रशासनिक अधिकारी बन सकते है , इंजीनियर या डॉक्टर बन सकते हैं । आप पुलिस या सेना में जा सकते हैं । आप चार्टर्ड एकाउंटेंट या वकील बन सकते हैं , न्यायिक सेवा में जा सकते हैं , कलाकार बन सकते हैं , उद्योगपति या व्यवसायी बन सकते हैं । इन सब क्षेत्रों में भी मान सम्मान है , खूब धन दौलत है , सेवा में संतुष्टि है और आगे बढ़ने तथा अपनी प्रतिभा दिखाने के पर्याप्त अवसर हैं ।

इन सबके बाद भी अगर आपने शिक्षक बनने का निर्णय लिया है तो आप अपने निर्णय में अडिग रहें और शिक्षक बनकर देश – सेवा करें , छात्रों का भविष्य संवारें और देश के लिए अच्छे नागरिक तैयार करें । कहा जाता है कि शिक्षक वह प्रकाश पुंज है जो अपनी आत्मा की ज्योति को समाज के मानस में व्याप्त करके अपने व्यक्तित्व की आभा से अखिल विश्व को प्रदीप्त कर सकता है । शिक्षक समाज से अज्ञान का अंधकार हरण करने वाला प्रकाश स्तंभ है । शिक्षक वह सर्वशक्ति संपन्न व्यक्तित्व है जो भावी नागरिकों के उत्कर्ष और कल्याण के लिए अपना समस्त जीवन अर्पित कर देता है । शिक्षक नैतिक , आध्यात्मिक , मानसिक तथा भौतिक शक्तियों का अथाह भंडार होता है । उसमें राष्ट्र निर्माण की शक्ति होती है और मानवता का विकास करने की अनुपम क्षमता भी होती है । इसी शक्ति और क्षमता का उपयोग करके शिक्षक सुंदर समाज की रचना करता है और इसके विपरीत उसकी असावधानी से समाज का पतन होता है । शिक्षक तथा समाज का घनिष्ठ संबंध होता है । शिक्षक का चरित्र समाज तथा विद्यार्थी के लिए आचरण की पाठशाला होता है । इसीलिए कहा जाता है कि शिक्षक राष्ट्र के भाग्य के निर्णायक होते हैं और शिक्षा के पुनर्निर्माण की महत्वपूर्ण कुंजी होते हैं । कुछ विद्वानों ने तो यहां तक कहा है कि एक सच्चा शिक्षक धन के अभाव में भी धनी होता है । आपने शिक्षक बनने का एक महान निर्णय लिया है और शिक्षक बनकर आप महान शिक्षकों तथा सर्वपल्ली डॉ ० राधा कृष्णन , डॉ ० ए ० पी ० जे ० अब्दुल कलाम , गौतम बुद्ध , सुकरात , कंफ्यूशियस , नानक और कबीर जैसी महान आत्माओं के समकक्ष खड़े हो सकेंगे , क्योंकि यह सभी सच्चे अर्थों में मानव जाति के शिक्षक थे ।

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading