Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.
Rajni

“हां ! हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं, प्रतिबद्ध हों

6

“हां ! हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं, प्रतिबद्ध हों

वर्ल्ड टीबी डे पर जिला के विभिन्न स्थान पर जागरूकता अभियान

जिला क्षय रोग विभाग के सहयोग से कई कार्यक्रम आयोजित किए गए

जागरूकता रैली निकालते हुए पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया

फतह सिंह उजाला 

पटौदी । ह्यूमन पीपल टू पीपल संस्था ने वर्ल्ड टीबी डे पर गुरुग्राम में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया, जिसमें जिला क्षय रोग विभाग के सहयोग से कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अभियान का उद्देश्य टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इस बीमारी के इलाज के लिए प्रेरित करना था।

विश्व क्षय रोग दिवस 2025 की थीम: “हां! हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं: प्रतिबद्ध हों, निवेश करें, परिणाम दें”।

पीएचसी कसन और भोंडसी में आशा वर्कर्स के साथ टीबी के बारे में विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें टीबी के लक्षणों, इलाज और रोकथाम के बारे में जानकारी दी गई। कासन की हाइलक्स ऑटोइलेक्ट फैक्ट्री में टीबी की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें कर्मचारियों को टीबी के बारे में जानकारी दी गई और उन्हें स्क्रीनिंग के लिए प्रेरित किया गया। पीएचसी गढ़ी हसरू में टीबी की जागरूकता के लिए सेल्फी स्टैंड बनाया गया, जिसमें लोगों को टीबी के बारे में जानकारी दी गई और उन्हें सेल्फी लेने के लिए प्रेरित किया गया। इसके अलावा, स्कूल के बच्चों के साथ मिलकर रैली निकाली गई, जिसमें बच्चों ने टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए नारे लगाए और पोस्टर्स दिखाए।

पीएचसी बादशाहपुर और वजीराबाद में समुदाय में जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें लोगों को टीबी के बारे में जानकारी दी गई और उन्हें इलाज के लिए प्रेरित किया गया। पीएचसी नख़रोला में पेंटिंग प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों और ग्रामीणों को टीबी के इलाज के प्रति जागरूक किया गया। सेंटर पथरेडी में टीबी के जागरूकता कार्यक्रम में रैली निकाली गई, जिसमें लोगों ने टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए नारे लगाए और पोस्टर्स दिखाए।एसजीटी यूनिवर्सिटी  बुढेरा में स्टूडेंट्स के साथ रैली का आयोजन किया । इन कार्यक्रमों में पीएचसी के मेडिकल ऑफिसर, स्वास्थ्य अधिकारी और ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस अभियान का उद्देश्य टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इस बीमारी के इलाज के लिए प्रेरित करना था।

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading