ग्रेटर नोएडा में देश की पहली मोटो जीपी बाइक रेसिंग का रास्ता साफ, यमुना अथॉरिटी ने बीआईसी के लिए एनओसी दी –
ग्रेटर नोएडा में देश की पहली मोटो जीपी बाइक रेसिंग का रास्ता साफ, यमुना अथॉरिटी ने बीआईसी के लिए एनओसी दी –
ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा शहर के लिए बड़ी खबर है। यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) ने मोटो जीपी (Moto GP Bike Race) के लिए एनओसी दे दी है। अब देश में होने वाली पहली अंतरराष्ट्रीय बाइक रेस का रास्ता साफ हो गया है। आयोजकों ने यमुना अथॉरिटी से अनपत्ति प्रमाण पत्र मांगा था। प्राधिकरण ने कुछ शर्त लगाई हैं। एनओसी गुरुवार को जारी कर दी गई है। यह जानकारी मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरूणवीर सिंह ने दी है। ख़ास बात यह है कि इस अकेले आयोजन से ग्रेटर नोएडा शहर को करीब 450 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
इन दो शर्तों के साथ दी गई एनओसी
मोटो जीपी बाइक रेसिंग का आयोजन कर रही कंपनी ने एनओसी मांगी है। सीईओ ने बताया कि दो शर्तों के साथ अनपत्ति दी गई है। पहली शर्त यह है कि आयोजन से होने वाली सभी आय एक एस्क्रो एकाउंट में जमा की जाएंगी। एस्क्रो एकाउंट में यमुना अथॉरिटी में शामिल रहेगी। दूसरी शर्त कोर्ट केस से जुड़ी है। बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट को लेकर प्राधिकरण और जेपी समूह के बीच विवाद चल रहा है। अगर अदालत से कोई आदेश आता है तो उसे सभी पक्षकारों को मानना पड़ेगा।
472 करोड़ रुपये का निवेश होगा, 500 लोगों को रोज़गार मिलेगा
सीईओ ने बताया कि फेयर स्ट्रीट स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने राज्य सरकार को एक प्रस्ताव दिया था। जिसमें बताया कि इस आयोजन से ग्रेटर नोएडा में 472 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे क़रीब 500 लोगों को रोजगार मिलेंगे। कंपनी ने सरकार के साथ एमओयू साइन किया है। सीईओ ने आगे कहा कि इस आयोजन पर अथॉरिटी कोई खर्च नहीं करेगी। रेस ट्रैक को आयोजन के लायक़ बनाने की जिम्मेदारी कंपनी पर रहेगी। किसी भी तरह के नियम या कानून को तोड़ने के लिए केवल कंपनी जिम्मेदार होगी।
बीआईसी पर हुई थीं तीन फॉर्मूला वन रेस
बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट ग्रेटर नोएडा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित एक भारतीय मोटर रेसिंग सर्किट है। इस ट्रैक का आधिकारिक उद्घाटन 18 अक्टूबर 2011 को हुआ था। यह 5.125 किलोमीटर लंबा सर्किट जर्मन रेसट्रैक डिजाइनर हर्मन टिल्के ने डिजाइन किया था। बीआईसी वार्षिक फॉर्मूला वन इंडियन ग्रां प्री के आयोजन स्थल के रूप में जाना जाता था, जिसे पहली बार अक्टूबर 2011 में आयोजित किया गया था। हालांकि, ग्रैंड प्रिक्स को 2014 के लिए निलंबित कर दिया गया था और बाद में अखिलेश यादव सरकार के दौरान विवाद के कारण रद्द कर दिया गया था।
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