बाड़मेर बाबा रामदेव विवादित बयान पर महिला आयोग अध्यक्ष का तंज
बाड़मेर बाबा रामदेव विवादित बयान पर महिला आयोग अध्यक्ष का तंज:बिना नाम लिए कहा- दिल्ली में सलवार कुर्ता पहनकर संत को भागते देखा
बाबा रामदेव ने बाड़मेर धर्मसभा में इस्लाम व नमाज व अन्य धर्मो को लेकर विवादित टिप्पणी की बाद मामला बढ़ता जा रहा है। सोमवार को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती ने बाबा रामदेव का बिना लिए तंज कसते हुए कहा है कि मैंने दिल्ली में स्टेज से सलवार कुर्ता पहनकर संतो को भागते हुए ही देखा है। एक समय था समाज को आइना दिखाने वाले साधु संत हुआ करते थे।
दरअसल, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना अपने एक दिवसीय दौरे पर बाड़मेर पहुंची थी। सर्किट हाउस में जन सुनवाई करते हुए महिलाओं की समस्याओं का सुना। वहीं अधिकारियों को समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए थे।
बिना नाम लिए बाबा रामदेव पर तंज- मैंने दिल्ली में स्टेज से सलवार कुर्ता पहनकर भागते हुए भी देखा है
रेहाना ने मीडिया से बातचीत करने हुए कहा कि बाबा ने जो बोला है वो मैंने सुना है। मुझे ऐसा लगता है कि बाबा रामदेव की दैवीय सोच हो सकती है। किसी को किसी के पहनावे, खान-पान और धर्म पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। अलग-अलग भाषाओं में इबादत होती है। भगवान, खुदा, गॉड अल्लाह, सब एक ही तो है। एक जाति का बिरादरी के खिलाफ ऐसे टिप्पणी करना अच्छी बात नहीं है। एक समय समाज को आइना दिखाने वाले साधु संत हुआ करते थे। रेहाना ने बाबा रामदेव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली में स्टेज से सलवार पहनकर कूद कर भागे थे। उस समय पहनावे में कोई दिक्कत नहीं था। अब आज इस तरीके से समाज को बंटाने की जो बातें है। इसको हम लोग अच्छा नहीं मानते है। सभी भाईचारें के साथ रहते है।
रेहाना ने कहा- धर्म विशेष टिप्पणी करने से पहले उसे अच्छा पढ़ना चाहिए
रेहाना ने मीडिया से कहा कि किसी धर्म विशेष पर टिप्पणी करने से पहले उसे अच्छे पढि़ए। मैंने बाइबल, कुरान पढ़ा है। पांच बार नमाज पढ़ो और उसके कुछ भी करों सब जायज है इस सवाल के जवाब में में कहा कि रामदेव का निजी धर्म है। सनातन धर्म , ईसाई धर्म में नही है और कुरान मेने खुद ने पढ़ा है लेकिन किसी में भी जिहादी या किसी को भागने के लिए और ना ही भेदभाव के बारे में कही भी नहीं है। ऐसे में किसी के बारे में बोलने से पहले गहराई से जानकारी लेकर फिर बोलिए।
किसी भी धर्म में नहीं लिखा है कि आप इंसान के खिलाफ हो जाओ
रेहाना ने मामले में कांग्रेस के नेताओं और सरकार की चुप्पी के सवाल जवाब में कहा कि यह कोई टिप्पणी करने के लायक बात नहीं है इसलिए कोई भी टिप्पणी नहीं कर रहे है। उन्होंने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है ना ही धर्म कोई मुद्दा है। मुद्दा रोजगार है और सांप्रदायिक सद्भावना मुद्दा के साथ शिक्षा और देश में बढ़ती महंगाई मुद्दा है। रेहाना ने कहा कि मानवता को मजबूत करने के लिए भाईचारे को बढ़ाने के लिए धर्म होता है। भाईचारे को खत्म करने के लिए नहीं होता है। किसी भी धर्म में नहीं लिखा है कि आप इंसान के खिलाफ हो। आप इबादत कर सकते हो यह निजी मसला है।
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