महिलाओं को एनिमिया तथा बच्चों को कुपोषण से मिलेगी मुक्ति
महिलाओं को एनिमिया तथा बच्चों को कुपोषण से मिलेगी मुक्ति
गुरूग्राम जिला को कुपोषण रहित बनाने का रोड़ मैप किया तैयार
गुरूग्राम को आगामी दो वर्ष में कुपोषण रहित बनाने का लक्ष्य
डीसी डा. यश गर्ग के मार्ग दर्शन में चलेगा कुपोषण मुक्त अभियान
सेव द चिल्ड्रन संस्था तथा फोर्टिस अस्पताल देंगे प्रशासन का सहयोग
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । जिला में अब महिलाओं को एनिमिया मुक्त करने तथा बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए अभियान चलेगा जिसके तहत जिला प्रशासन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से बच्चों के वजन, ऊंचाई आदि जांचने का सर्वे करवाएगा। इस अभियान में फोर्टिस मैमोरियल रिसर्च संस्थान तथा ‘सेव द चिल्ड्रन’ नामक संस्था प्रशासन का सहयोग करेंगी। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की 300 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 7 दिन का प्रशिक्षण देकर मास्टर टेªनर बनाया गया है, जो फील्ड मंे जाकर अपनी सहयोगी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों के स्वास्थ्य की जांच ठीक से करने का प्रशिक्षण दंेगी। स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद हाल में आयोजित मास्टर टैªनर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का 7 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हो गया जिसमें डीसी डा. यश गर्ग मुख्य अतिथि थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर उपायुक्त डा. यश गर्ग ने सेव द चिल्ड्रन नामक संस्था के सीईओ सुदर्शन सूची के साथ एक एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए। यह संस्था जिला में बच्चांे के स्वास्थ्य की जांच के सर्वेक्षण में क्षमता संवर्धन अर्थात् कैपेसिटी बिल्डिंग में सहयोग करेगी। पिछले सात दिनो के दौरान भी इस संस्था ने मास्टर टेªनर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चांे के पोषण का स्तर जांचने का प्रशिक्षण दिया जिसमें उन्हें बच्चों का वजन, ऊंचाई तथा मिड आर्म सर्कमफंै्रस अर्थात् हाथ के उपरी हिस्से की मोटाई सही ढंग से मापने का तरीका सिखाया।
हम अपना काम ठीक से नहीं कर रहे
इस मौके पर डीसी डा. यश गर्ग ने कहा कि गुरूग्राम जिला को हरियाणा प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है क्योंकि प्रदेश के राजस्व में सबसे ज्यादा योगदान इस जिला का है और यहां की प्रति व्यक्ति आय भी ज्यादा है। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद स्थापित करते हुए कहा कि आर्थिक रूप से सक्षम होने और आप जैसी सशक्त टीम होने के बावजूद जिला में बच्चे कुपोषित हों और महिलाओं में एनिमिया की शिकायत हो, इसका मतलब यह है कि हम अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रहे। उन्होंने यह भी कहा कि फोर्टिस अस्पताल के सहयोग से आज प्रशिक्षण प्राप्त कर रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताआंे का एचबी लैवल मापा गया जिसमें लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं एनिमिया से ग्रस्त पाई गई हंै। उन्हांेने कहा कि पहले आप स्वयं एनिमिया मुक्त हों, स्वस्थ बने और फिर घर-घर जाकर महिलाओं को एनिमिया मुक्त बनने के लिए पे्ररित करें तथा बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करके उन्हें कुपोषण मुक्त बनने में योगदान दें, इससे बड़ी समाज सेवा नही हो सकती। डा. गर्ग ने कहा कि आपको एनिमिया मुक्त बनने में डा. राहुल भार्गव के नेतृत्व में फोर्टिस अस्पताल की टीम मदद करेगी।
जिला का डैश बोर्ड बनाया जाएगा
डीसी डा गर्ग ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें मिलकर दो साल में गुरूग्राम की महिलाओं को अनिमिया मुक्त तथा बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाना है। इसके लिए पूरे जिला का डैश बोर्ड बनाया जाएगा जिस पर खून की कमी वाली किशोरियों व महिलाओ तथा कुपोषित बच्चों को टैªक किया जाएगा और उनमें पाई गई कमी को दूर किया जाएगा। डा. गर्ग ने कहा कि इस कार्य को पवित्र ध्येय मानकर पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ पूरा करें। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों में कुपोषण और महिलाओं में एनिमिया की कमी मापने के लिए सर्वे करें। उसके बाद उन कमियों को दूर करने की रूपरेखा बनाकर उस पर काम किया जाएगा और इस प्रकार हम जिला में मातृत्व मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर को कम करने में सफल हो पाएंगे।
महिला एवं बाल विभाग के 6 ब्लाॅक
इस मौके पर एडीसी प्रशांत पंवार ने कहा कि महिला एवं बाल विभाग के 6 ब्लाॅक जिला में हैं जिनमें से गुरूग्राम रूरल ब्लाॅक में यह सर्वे पहले करके इसे माॅडल ब्लाॅक बनाया जाएगा। उसके बाद अन्य पांच ब्लाॅक में महिला और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने का काम होगा। इस मौके पर फोर्टिस अस्पताल के डाॅक्टर राहुल भार्गव तथा सेव द चिल्ड्रन संस्था के सीईओ सुदर्शन सूची ने भी अपने विचार रखे और भरोसा दिलाया कि महिला और बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के कार्यक्रम में वे पूरा सहयोग देंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनैना ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया और विश्वास दिलाया कि उनका विभाग इस कसौटी पर खरा उतरेगा।
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