धर्म के बिना, मनुष्य और पशु में कोई अन्तर ही नहीं: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द
धर्म के बिना, मनुष्य और पशु में कोई अन्तर ही नहीं: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द
धर्म पालना ही मानव के चराचर जगत में मनुष्य होने की विशेषता
सनातन धर्म के दस प्रमुख लक्षण है जिसमें अहिंसा भी प्रमुख गुण
अपने धर्म के सम्बर्धन एवं संरक्षण हेतु अपनी भूमिका सुनिश्चित करें
फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। सनातन धर्म किसी के भी प्रति द्वेष भाव की स्वीकृति या शिक्षा नहीं देता। संसार में एकमात्र धर्म सनातन धर्म ही है । सनातन धर्म के दस प्रमुख लक्षण हैँ। जिसमें अहिंसा भी एक प्रमुख लक्षण है । लेकिन सनातन धर्म कायरता की भी शिक्षा नहीं देता । धर्म ही मानव को सही अर्थों में इस चराचर जगत में मनुष्य होने की विशेषता प्रदान करता है । यदि मनुष्य में से धर्म को विलग कर दिया जाय तो मनुष्य और पशु में कोई अन्तर ही नहीं रह जायेगा। श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने प्रतापगढ़ जनपदान्तर्गत आँवला नगरी ग्राम- गोड़े (चिलबिला) में ‘‘गोल्डी फ्रूट्स द्वारा आयोजित ऊर्ध्वाम्नाय के ‘दिव्य दर्शन एवं आशिर्वचन कार्यक्रम में पधारे सनातन धर्मावलम्बियों का मार्ग दर्शन करते हुए यह बात कही। यह जसनकारी शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द के निजी सचिव स्वामी बृजभूषणानन्द सरस्वती महाराज के द्वारा मीडिया सेसांझा की गई है।
‘दिव्य दर्शन एवं आशिर्वचन कार्यक्रम में पूज्य शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द महाराज ने कहा कि “आहार निद्रा भय मैथुनं च सामान्यमेतत् पशुभिर्नराणाम् । धर्माे हि तेषामधिको विशेषरू धर्मेण हीनाः पशुभिः समानाः। इसका भावार्थ आहार, निद्रा, भय और मैथुन,दृ ये मनुष्य और पशु में समान हैं। इन्सान में विशेष केवल धर्म है, अर्थात् बिना धर्म के व्यक्ति पशुतुल्य है । इसलिए हमें अपने धर्म पर दृढ़ रहते हुए अपने धर्म के सम्बर्धन एवं संरक्षण हेतु अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी चाहिए ।
यह सम्पूर्ण कार्यक्रम यज्ञ सम्राट् सार्वभौम विश्व गुरु स्वामी करुणानन्द सरस्वती महाराज की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। यहां आगमन पर पूज्य शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द महाराज का वैदिक मन्त्रोच्चारण के साथ पूजन आयोजक परिवार के साथ-साथ प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता, सदर विधायक, नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष तथा अन्य गणमान्य लोगों द्वारा किया गया। इस अवसर पर महन्त स्वामी अखण्डानन्द तीर्थ महाराज, महन्त स्वामी श्रवण देव आश्रम महाराज, स्वामी बृजभूषणानन्द सरस्वती महाराज, लाल बाबा सहित सैकड़ों सनातन धर्मावलम्बी एवं श्रद्धालु धर्मलाभ हेतु उपस्थित रहे।
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