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गर्मी की शुरुआत के साथ ही यह हाल तो आगे आगे और क्या होगा !

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गर्मी की शुरुआत के साथ ही यह हाल तो आगे आगे और क्या होगा !

पटौदी जाटोली मंडी परिषद के विभिन्न वार्डों में टैंकर से पानी की आपूर्ति

पानी आपूर्ति के समय बिजली नहीं और बिजली हो तो पानी आपूर्ति का समय नहीं

आधी रात तक पानी के लिए टकटकी लगाने को मजबूर आम जनता

फतह सिंह उजाला 

पटौदी । जल ही जीवन है ।पानी की एक-एक बूंद कीमती ।पानी की एक-एक बूंद को बचाया जाए। ऐसे नारे’ स्लोगन पढ़ने और सुनना एक सामान्य बात है । पटौदी और हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र के साथ ही साथ लगते नो गांव को मिलाकर पटौदी जाटोली मंडी परिषद बना दिया गया। लेकिन समस्याएं वही पुरानी ही है और समाधान के लिए नए विकल्प, नए विचार, नए उपाय के इंतजार में है । पानी मूलभूत जरूरत है आम इंसान और सभी जीवो के लिए। गर्मी शुरू होने के साथ ही पटौदी जाटोली मंडी परिषद सीमा क्षेत्र में पानी का संकट बढ़ता चला जा रहा और इसका ठोस समाधान निकट भविष्य में होता हुआ भी दिखाई नहीं दे रहा है । नहरी पानी आधारित पानी की आपूर्ति समय के साथ-साथ अपर्याप्त साबित होते हुए गंभीर चुनौती बनती जा रही है। इसका मुख्य कारण बादली से पानी की आपूर्ति अक्सर बाधित होना बताया जाता है। सोशल मीडिया पर बिजली और पानी जैसी समस्याओं को बताने और उनके समाधान के लिए ग्रुप भी बनाए गए हैं । लेकिन ग्रुप में अधिकांश यही मैसेज होते हैं बिजली कब आएगी ? बिजली क्यों नहीं आ रही ? पानी की आपूर्ति कब होगी ? इस मोहल्ले में तीन दिन हो गए पानी नहीं आया ? पानी कब आएगा? बिजली की और पानी की अपडेट ? इस प्रकार के मैसेज एक के बाद एक ग्रुप में घूमते ही रहते हैं।

जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के संज्ञान में पीने के पानी का संकट और इसकी आपूर्ति सुनिश्चित किया जाने के लिए कई बार लाया जा चुका है ।लेकिन समस्या दिन प्रतिदिन घटने के विपरीत बढ़ती चली जा रही है । पिछले गर्मी के दौरान भी जब जबरदस्त तरीके से विभिन्न वार्डों में पानी के संकट को देखते हुए आम लोगों के द्वारा गुस्सा जाहिर किया गया, तो जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के द्वारा कुछ वाटर सप्लाई आरंभ कर दी गई । खास बात यह है कि 2017 में जब नहरी पानी आधारित पानी की आपूर्ति के बूस्टर का उद्घाटन किया गया । उसके बाद पुराना पटौदी और हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र के लगभग सभी ट्यूबवेल को भी विभाग के द्वारा बंद कर दिया गया । पेयजल आपूर्ति की नई व्यवस्था शुरू से ही नियमित अंतराल पर परेशानी का कारण बनती  दिखाई दी । इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया और नहीं विशेष ध्यान दिया गया।

आम लोगों के द्वारा सोशल मीडिया पर ही बताया जा रहा है कि पानी रात को 11:00 बजे आया। पानी रात को 12:00 बजे आया । आज पानी कब आएगा। हमारी गली में तीन दिन से पानी नहीं आ रहा । रात को 12:00 तक पानी के लिए जागरण करें और सुबह कम पर भी जाना होता है। आज तो हमारे बच्चे गर्मी में भी बिना नहाए ही स्कूल गए हैं। इस प्रकार के मैसेज साफ बताते हैं कि पानी का संकट संकट बनता चला जा रहा है । सोशल मीडिया पर ही ग्रुप में यह मैसेज डाला जाता है पानी 8:00 बजे आएगा। पानी 9:00 बजे आएगी ।आज पानी नहीं आएगा। टैंक में पानी का लेवल कम है, प्रेशर नहीं बनेगा । लेकिन ग्रुप में ही जुड़े हुए विभाग के अधिकारियों के द्वारा कोई ठोस आश्वासन अथवा योजना आम लोगों तक नहीं पहुंचाई जा रही । गर्मी के मौसम में तपती दोपहरी में टैंकर से आपूर्ति हो रहे पानी को अपने-अपनी जरूरत के मुताबिक बर्तनों में भरकर नागरिक ले जाने के लिए मजबूर होते जा रहे हैं । इंतजार है तो केवल और केवल जीवन की मूलभूत जरूरत पीने के पानी की समस्या का समाधान किस प्रकार से होगा।

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