एडवांस गन सिस्टम और के-9 वज्र टैंक शामिल होने से मजबूत हुई सेना, विदेश से भी मिल रहे आर्डर
एडवांस गन सिस्टम और के-9 वज्र टैंक शामिल होने से मजबूत हुई सेना, विदेश से भी मिल रहे आर्डर
भोपाल। किसी समय बोफोर्स तोप को भारतीय सेना का सबसे आधुनिक हथियार माना जाता था लेकिन अब यह बीते दिनों की बात हो गई है। सेना के बेड़े में अब न्यू जनरेशन हथियार शामिल हो चुके हैं। आधुनिक गन सिस्टम और के-9 वज्र टैंक से लैस होने से हमारी सेना विश्व की मजबूत सेनाओं में पहली पंक्ति में खड़ी हो गई है।
सेना ने मेक इन इंडिया के नारे को भी सार्थक कर दिखाया है। गन सिस्टम और टैंक भारत में ही बने हैं। एमवीएम मैदान पर लगी शस्त्र प्रदर्शनी में पहली बार ऐसे हथियारों को प्रदर्शित किया गया है। अब तक 1962, 1965 और 1971 के युद्ध में प्रयोग किए गए हथियारों की प्रदर्शनी ही लगती रही है। सेना ने अब सेना की उपलब्धि और गौरवगाथा को पूरे देश के सामने रख दिया है।
एडवांस टो आर्टलरी गन सिस्टम
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के सहयोग से निर्मित एडवांस टो आर्टलरी गन सिस्टम बड़ी ताकत बन चुका है। इसे सबसे अधिक मारक क्षमता वाला गन सिस्टम माना जाता है। इसकी क्षमता 47 किलोमीटर तक है। बोफोर्स तोप पुरानी होने पर इसकी जरूरत महसूस की गई। इसका निर्माण मेक इन इंडिया पालिसी के तहत देश की कंपनी भारत फोर्ज ने किया है। कर्नल गगनदीप सिंह संधू बताते हैं कि युद्ध के मैदान में इसकी उपयोगिता को देखते हुए अरमेनिया सरकार ने इसे खरीदने का आर्डर दिया है। यानि भारत अब हथियार खरीदने नहीं बल्कि सप्लाई करने वाला देश बन रहा है।
के-9 वज्र, सेना का 100 वां टैंक
के-9 वज्र सेना का आधुनिक टैंक है। दुश्मनों को छक्के छुड़ाने के लिए इसमें दूर तक गोला, बारूद फेंकने की क्षमता है। यह भी मेक इन इंडिया का उदाहरण है इसका निर्माण भारत की लार्सन एंड टूब्रो कंपनी ने किया है इसका उपयोग रेगिस्तानी क्षेत्र एवं अधिक तापमान वाले इलाकों में भी किया जा सकता है। नायक सूबेदार संजय बताते हैं कि यह सेना का 100 वां वाहन है। सेना में इसे शामिल करने से सैनिकों को बड़ी मदद मिली है। युद्ध के मैदान में यह टैंक कम संख्या बल होने पर भी डटे रहने में मदद कर सकता है।
थ्री-डी सामरिक नियंत्रण राडार
सेना के बेड़े में हाल ही में शामिल थ्री डी सामरिक नियंत्रण राडार सेना को हवाई लक्ष्य पूरे करने में मदद करता है। मौसम की निगरानी भी यह राडार करता है। विषम परिस्थितियों में ट्रैक वाइस स्कैन करने में मदद करता है। उन्नत तकनीक पर आधारित यह राडार सेना की ताकत बन गया है। सोवियत मूल की मिसाइल प्रणाली भी सेना में शामिल है। यह प्रणाली दुश्मन देश के राडार पर दर्ज नहीं होती इस कारण सेना को लक्ष्य तक निशाना साधने में मदद मिलती है।
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