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.. कौन लेगा जिम्मेदारी और कौन करेगा नुकसान की भरपाई

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.. कौन लेगा जिम्मेदारी और कौन करेगा नुकसान की भरपाई

1 वर्ष पहले दी गई बिजली का पोल दुरुस्त करने के लिए एप्लीकेशन

पिछली शाम पड़ासोली गांव में शॉर्ट सर्किट से 5 पशु जिंदा जले 5 झुलसे

सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर पाया काबू

फतह सिंह उजाला 

पटौदी । समाधान शिविर में समस्याओं का समाधान। तय समय सीमा में समस्या का हल हो। कोई भी शिकायत लंबित नहीं रखी जाए। इसी प्रकार के स्लोगन और प्रचार, शासन – प्रशासन के द्वारा लगातार सुनने और पढ़ने के लिए मिल रहे हैं। दूसरी तरफ हालत यह है कि मात्र एक बिजली का पोल अथवा खंबा ठीक करने या सुधारने के लिए 1 वर्ष पहले दी गई शिकायत पर भी कोई ध्यान ही नहीं दिया गया । अब यह भी निश्चित रूप से जांच और खोज का विषय हो सकता है कि दी गई शिकायत आखिर बिजली विभाग में किस कोने अथवा किस फाइल की शोभा बढ़ा रही होगी ? या फिर दी गई शिकायत फरियाद होगी भी या नहीं होगी ?

उपलब्ध जानकारी के मुताबिक पिछली शाम को पटौदी क्षेत्र की ही गांव पड़ासोली में एक डेरी में आग लग गई । बताया गया है कि घटना के समय डेरी में लगभग एक दर्जन दुधारू पशु मौजूद थे। दयानंद पुत्र रोशन लाल के द्वारा बोहराकला बिजली विभाग के एसडीओ को 28 जून 2024 को शिकायत देकर बिजली के पोल अथवा खंबे को सीधा करने या मजबूती के साथ लगाने के लिए अनुरोध किया गया। दयानंद के द्वारा दी गई शिकायत में आशंका जाहिर की गई  कि बिजली का पोल अथवा खंबा कभी भी गिर सकता है। लेकिन बिजली का खंबा जैसा था, वैसा की वैसा ही रहा । जिसका परिणाम यह हुआ कि शॉर्ट सर्किट होने से डेरी में आग भड़क गई।

उफनते हुए पार के बीच में लगी आग कितनी भयंकर और बेकाबू रही होगी ? जिससे कि पांच पशु मौके पर ही जलकर मर गए । इसके अलावा इतने ही पशु बुरी तरह से झुलस गए । डेरी में रखा हुआ पशुओं का चारा भी राख हो गया । जैसे ही आग भड़कने की जानकारी मिली मौके पर पहुंचे लोगों ने आग बुझाते हुए जानवरों को बचाने का भी प्रयास किया , लेकिन नाकाम रहे । बिना देरी किए फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई , मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम के द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद आज पर काबू पाया। लेकिन तब तक बेजुबान पशुओं की जान जा चुकी थी और कुछ पशु आग में झुलसने के बाद तड़पते रहे। पशुओं के उपचार के लिए मौके पर  पशु चिकित्सकों को भी बुलाया गया। अनुमान के मुताबिक लगभग 6 लख रुपए से अधिक का नुकसान होना बताया जा रहा है। पीड़ित के अलावा ग्रामीणों ने मांग की है कि लापरवाह और जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर पीड़ित को उचित मुआवजा भी दिया जाए।

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