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हवाई जहाज का फ्यूल टैंक कहां होता है और अधिकतम कितना ईंधन भरा जा सकता

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आइए जानते हैं कि हवाई जहाज का फ्यूल टैंक कहां होता है और अधिकतम कितना ईंधन भरा जा सकता है?

जब भी हम हवाई जहाज की बात करते हैं तो ज्यादातर यह बताया जाता है कि उसका इंजन कितना दमदार है और उसमें कितने यात्री एक साथ यात्रा कर सकते हैं। हम सभी जानते हैं कि हवाई जहाज में जो बॉडी दिखाई देती है उसका ज्यादातर हिस्सा यात्रियों एवं कर्मचारियों के उपयोग के लिए होता है एवं शेष हिस्से में सामान (लगेज) भरा होता है। सवाल यह है कि जब आगे से पीछे तक की पूरी बॉडी यात्री और कर्मचारियों के लिए उपयोगी होती है तो फिर हवाई जहाज का फ्यूल टैंक कहां होता है?

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि बाइक से लेकर बस तक सभी वाहनों की फ्यूल टैंक उनकी मैन बॉडी में होते हैं परंतु हवाई जहाज का फ्यूल टैंक उसके विंग्स यानी उसके पंखों में होते हैं। हवाई जहाज के दोनों पखों में फ्यूल भरा होता है। यह जानकारी भी बड़ी मजेदार और आपको स्पेशल बनाती है कि एक हवाई जहाज में लगभग 125000 से लेकर 350000 लीटर तक फ्यूल भरा होता है। 

📌हवाई जहाज का फ्यूल उसके पखों में क्यों होता है👉🏻
हवाई जहाज को हवा में उड़ाने के लिए फिजिक्स के सिद्धांत के अनुसार लिफ्ट फोर्स का बैलेंस होना बहुत जरूरी होता है। उड़ान भरने के लिए एरोप्लेन के वजन के बराबर लिफ्ट फोर्स का होना जरूरी होता है। आसमान पर एयरक्राफ्ट का बैलेंस बनाए रखने के लिए विंग्स के बैलेंस की जरूरत होती है। यह सब कुछ तभी संभव होता है जब फ्लाइट के विंग्स में तरल पदार्थ हो। 

अगर फ्यूल प्लेन की मेन बॉडी के पीछे वाले हिस्से में स्टोर किया जाए तो हो सकता है कि टेकऑफ के वक्त सेंटर ऑफ ग्रैविटी पीछे होने से प्लेन का अगला हिस्सा उठ जाए या फिर लैंडिंग के वक्त फ्यूल कम होने पर पिछले हिस्से का बैलेंस न बने। इस तरह की दिक्क्तों से बचने के लिए विंग्स में फ्यूल स्टोर करना सबसे अच्छा ऑप्शन है। 

📌हवाई जहाज का इंजन कहां होता है👉🏻
एयरक्राफ्ट के विंग्स काफी बड़े होते हैं लेकिन हमेशा अंदर से खोखले होते हैं। फ्यूल के अलावा उनका कोई दूसरा उपयोग नहीं किया जा सकता। हवाई जहाज के दोनों विंग्स में फ्यूल होता है और दोनों तरफ से बराबर मात्रा में ईंधन का उपयोग किया जाता है। मजेदार बात यह है कि हवाई जहाज का इंजन भी उसके विंग्स में ही होता है

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