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अब कहां हैं सत्तापक्ष और सरकार के नेता एवं बड़े मंत्री !

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अब कहां हैं सत्तापक्ष और सरकार के नेता एवं बड़े मंत्री !

नामित आरोपियों और सीबीआई जांच की मांग को लेकर भूख हड़ताल

सोसायटी के गेट पर ही बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं का प्रदर्शन जारी

तीखा सवाल अभी तक क्यों नहीं की गई आरोपियों की गिरफ्तारी

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । 
 देश की राजधानी के दक्षिणी दिल्ली के साथ लगते साइबर सिटी गुरुग्राम में चिंतल पैराडिसो सोसाइटी हादसे के बाद जहां स्थानीय निवासियों में गम है , वहीं सत्तापक्ष और सरकार के नेताओं सहित मंत्रियों के गायब रहने को लेकर भी जबरदस्त गुस्सा दिखाई दे रहा है। चिंतल पैराडिसो सोसाइटी में बीती 10 फरवरी को हुए एक बेहद चौकानेवाले हादसे में 1 फ्लोर के 6 फ्लैट धराशाई होने के कारण दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई तथा दो अन्य घायल होने वालों में शामिल है । इसके बाद इस हादसे को लेकर अलग-अलग दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं ।

यहां फ्लैट धराशाई होने के साथ ही रहने वालों में से दो की मौत के 5 दिन बीत जाने के बाद भी एफआईआर में नामदज आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर स्थानीय निवासियों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है । यहां सोसाइटी के गेट पर ही स्थानीय निवासियों में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्गो ने भूख हड़ताल सहित विरोध प्रदर्शन का मोर्चा खोल दिया है । भूख हड़ताल पर बैठी सोसाइटी की महिलाओं के मुताबिक हमारा नाम जरूरी नहीं, यहां तो सभी लोग भूख हड़ताल सहित विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं। हमारे नाम से अधिक जरूरी यह है कि एफआईआर में नामदज सभी आरोपियों की अविलंब गिरफ्तारी की जाए । भूख हड़ताल पर बैठी महिलाओं ने तीखा सवाल किया कि हादसे सहित दो लोगों की मौत और घायल होने के बाद आज तक सत्तापक्ष और सरकार के नेता और बड़े-बड़े मंत्री आखिर है ? कहा पहले तो नेता और मंत्री जब चाहे चले आते थे, क्या अब सत्ता में बैठे लोगों और मंत्रियों को यहां हुए हादसे सहित किस प्रकार से मलबे में दबकर दर्दनाक हुई मौत दिखाई नहीं दे रही।

यहां भूख हड़ताल पर महिलाओं के हाथों में हमें न्याय चाहिए, आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए, हादसे की सीबीआई जांच हो, जैसे पोस्टर बैनर मौजूद दिखाई दिए। सोसायटी के लोगों में किस हद तक शासन और प्रशासन के खिलाफ रोष सहित गुस्सा बना हुआ है, उसका इस बात से ही अंदाजा हो जाता है जब उनके द्वारा अपने ही चुने हुए जनप्रतिनिधियों को कटघरे में खड़ा कर दिया गया। धरने पर बैठे लोगों के बीच कथित रूप से यहां तक चर्चा सुनी गई, कागज काले करने की बजाय काले कारनामे करने वालों को काबू किया जाए। गौरतलब है कि चिंतल पैराडिसो सोसायटी हादसे के मामले में अलग-अलग चार कंपनियों के निदेशक ,आर्किटेक्ट, कंसलटेंट, ठेकेदार व अन्य लोगों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज करवाए गए हैं । यहां धरने पर बैठी महिलाओं ने सवाल किया आज यहां के निवासी किस हाल में है,  कितने सुरक्षित हैं ? इनका किस प्रकार से रहना और खाना हो रहा है, बच्चे और बुजुर्ग आज भी डर के मारे फ्लैट में जाने का साहस नहीं जुटा पा रहे । क्या सरकार के प्रतिनिधियों को हमारी इस परेशानी और पीड़ा का भी कोई एहसास अभी तक हुआ है या नहीं हुआ है ? मौत क्या होती है और मलबे में 2 दिन तक दबे रहने की क्या पीड़ा हो सकती है ? यह तो वही जानता है, जिन परिवारों के साथ अथवा जिन लोगों के साथ यह सब घटना घटी है ।

यहां भूख हड़ताल पर बैठे लोगों का साफ-साफ कहना है कि जब तक सोसाइटी के मालिक, इसको बनाने वाले तथा तथा सभी प्रकार की क्लीयरेंस देने वालों के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश सरकार अविलंब जारी करें । भूख हड़ताल पर बैठे लोगों का यह भी आरोप है कि जिस बिल्डिंग अथवा फ्लोर पर यह हादसा हुआ उसके आसपास की बिल्डिंगों का भी बुरा हाल है।  जिनके बारे में पहले भी कई बार पुलिस और संबंधित विभाग को शिकायतें दी जा चुकी हैं । वही इस बात को लेकर भी रोष बना हुआ है कि हादसे के बाद जो फ्लैट अथवा स्थान रहने के लिए उपलब्ध करवाए गए हैं , वहां पर पर्याप्त सुविधाएं भी नहीं है । आज भी यहां रहने वाले लोगों के बीच में हर समय अपनी जिंदगी को लेकर चिंता बनी रहती है और हमेशा डर सताता रहता है । एक ही कारण है कि जिस प्रकार का यह हादसा हो चुका है अन्य टावर अथवा बिल्डिंग को देखते हुए ऐसे ही हादसे का डर हमेशा सताता रहता है। भूख हड़ताल सहित धरना प्रदर्शन करने वालों का साफ-साफ कहना है कि न्याय नहीं मिलने तक उनका यह विरोध प्रदर्शन तथा भूख हड़ताल इसी प्रकार से जारी रहेगी। 

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