खरा सवाल
शहीद स्मारक-कोर्ट के बगल का अतिक्रमण कब हटेगा !
पटौदी के एमएलए के ऑफिस और कोर्ट के पास अतिक्रमण
कोर्ट के लिहाज से बेहद संवेदनशील आसपास का इलाका
पटौदी नागरिक अस्पताल के पास से हटाया अतिक्रमण
फतह सिंह उजाला
पटौदी । शहर को अतिक्रमण मुक्त करना या फिर अवैध रूप से खान-पान का सामान बेचने वाले खोखे या फिर अस्थाई ढाबे जैसे अतिक्रमण को हटाया जाना हो तो बिना किसी भेदभाव के कार्यवाही होनी चाहिए। पटोदी नगर पालिका प्रशासन के द्वारा पटौदी के ही नागरिक अस्पताल के प्रवेश द्वार के बाहर चाय पान के रखे गए अस्थाई खोखे को पालिका प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर लोहे लक्कड़ इत्यादि से बने इन खो-खो को ही एक एक प्रकार से पूरी तरह नष्ट कर दिया गया । लाख टके का सवाल यह है कि पालिका प्रशासन को अतिक्रमण हटाना था या फिर अस्पताल के गेट के साथ में बने या फिर रखे गए अस्थाई खो-खो इत्यादि को नष्ट करना था ?
इस मामले में पटौदी पालिका के ही अधिकारी का कहना है कि पटौदी नागरिक अस्पताल प्रशासन के द्वारा अस्पताल गेट के पास से चाय पान के खोखे इत्यादि हटाने की शिकायत पुलिस को दी गई थी । इसके बाद में पालिका प्रशासन के द्वारा संबंधित स्थान से खोखे व अस्थाई बिक्री के बनाए गए ठिकानों को हटाया गया है । वही पीड़ितों सहित जानकारों का कहना है कि खोके अथवा ऐसा कई ठिकानों को उठाकर ले जाना और उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर लेना दोनों में जमीन आसमान का अंतर है । पीड़ित लोगों का पालिका प्रशासन से सीधा और खरा सवाल है कि जो भी तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई , क्या कार्यवाही से पलिे नोटिस दिए गए ? इस प्रकार की तोड़फोड़ की कार्रवाई क्या किसी सक्षम कोर्ट अथवा न्यायधीश के लिखित आदेश के बाद की गई है और की गई है तो किस कानून की धारा के तहत उनके अस्थाई खोखे व अन्य ठिकानों को नष्ट किया गया है ?
बताया गया है कि पटोदी नागरिक अस्पताल के गेट के बराबर में ही रखे हुए कुछ चाय पान व खानपान के लोहे व अन्य अस्थाई खोखे सहित ठिकानों को अतिक्रमण हटाने के नाम पर इन्हें बुरी तरह से नष्ट करके गरीब वर्ग के लोगों का मोटा आर्थिक नुकसान भी कर दिया गया है । पालिका प्रशासन के द्वारा हटाए गए अतिक्रमण में समेटा गया खोखा व अन्य प्रकार का सामान फिर से इस्तेमाल करने लायक हालत में ही नहीं बचा है । वही इन खानपान के ठिकानों पर रखा काफी सामान में पालिका प्रशासन के द्वारा जब्त किया जाना बताया गया है । पीड़ितों का यह भी कहना है कि एक तरफ तो सरकार गरीब रेहड़ी, खोखों, फेरी वालों के लिए कोरोनाकाल के बाद में सरकार की योजनानुसार पंजिकरण करते हुए स्व रोजगार वास्ते दस-दस हजार के बैंक लोन की सुविधा की प्रक्रिया भी पालिका प्रशासन के द्वारा ही करवाई गई ।
पटौदी शहर में ही अस्पताल परिसर से कुछ ही आगे शिव मूर्ति पार्क के पास भी फुटपाथ पर खानपान के थाई ठिकाने बने हुए हैं । लेकिन अतिक्रमण हटाने के नाम पर शिव मूर्ति पार्क के आसपास पालिका के फुटपाथ पर बने अथवा बनाए गए अस्थाई ढाबों को तो छोड़ दिया गया और गरीबों के अस्थाई ठिकानों पर मनमानी करके पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया । अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में पालिका प्रशासन गंभीर और पारदर्शी है , तो सबसे पहले आप पटौदी के एमएलए के आफिस और पटौदी कोर्ट के बगल में बने हुए खानपान, चाय- नाश्ता के बनाये हुए ठिकानों को भी बिना किसी भेदभाव के वहां से बिना देरी किए हटाकर अपनी पारदर्शी कार्यप्रणाली के साथ-सथ ईमानदारी का भी परिचय देना चाहिए।
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