घोड़ी पर चढ़ीं दुल्हनें तो खाफ पंचों ने परिवार का हुक्का पानी किया बंद,
बाड़मेर: घोड़ी पर चढ़ीं दुल्हनें तो खाफ पंचों ने परिवार का हुक्का पानी किया बंद, सुनाई ऐसी सजा कि रूह कांप जाएगी.
बाड़मेर: राजस्थान के बाड़मेर में दुल्हनें घोड़ी पर सवार हुईं तो खाप पंचों ने तुगलकी फरमान सुना दिया।कहा जाता है कि अब समाज लड़का-लड़की में भेदभाव नहीं करता है। लोग बेटे और बेटियों को एक बराबर मानते हैं। मगर अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जो बेटियों को बराबरी का ओहदा नहीं देना चाहते। इस घटना को ही ले लीजिए। राजस्थान के बाड़मेर के सिवाना के मेली गांव में थानाराम ने अपनी दो बहनों की शादी धूमधाम से शादी की। परिवार के लोग बेटियों को बेटों के समान मानते हैं। इसलिए उन्होंने दोनों बेटियों की हंसी खुशी से बंदोली निकाली थी। जिसमें सभी परिवार और सभी रिश्तेदार खुशी-खुशी शामिल हए थे। इसी रस्म में दोनों बेटियां घोड़ी पर सवार हुईं थीं।
शादी के ढाई महीने बाद दी सजा:
यही बात कुछ लोगों को पसंद नहीं आई और शादी के ढाई महीने बाद इस मामले पर पंचायत कर दुल्हनों के परिवार को सजा सुनाई गई है। जैसे उन्होंने बेटियों को घोड़ी पर बिठाकर कितना बड़ा पाप कर दिया हो। परिवार को क्या पता था कि अपनी बेटियों को मान देने के बदले उन्हें इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी कि समाज के लोग उनसे मुंह मोड़ लेंग। आज के जमाने में भला ऐसी पिछड़ी सोच कौन रखता है
🌾रिवार को समाज से किया बाहर:
असल में दोनों लड़कियों की शादी 06 फरवरी को हुई थी। खाप पंचों को लड़कियों को घोड़ी पर बिठाने वाली बात पंसद नहीं आई और उन्होंने अब इस बात के पंचायत बुलाकर परिवार को सजा दी है। उन्होंने परिवार को समाज से बाहर कर उनका हुक्का पानी बंद कर दिया। उन्होंने यह फरमान दिया कि लड़कियों के परिवार से कोई मतलब नहीं रखेगा। उनके घर ना कोई आएगा ना जाएगा। ना बात करेगा, ना ही कोई उनके घर का पानी पीएगा। इसके साथ ही खाफ पंचों ने परिवार पर 50 हजार रूपए का जुर्माना भी लगा दिया। इसके बाद पीड़ित परिवार ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई है।
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