क्या होते हैं CBRN हथियार, एनएसजी और अमेरिकी स्पेशल फोर्स ले रही हैं ट्रेनिंग
क्या होते हैं CBRN हथियार, एनएसजी और अमेरिकी स्पेशल फोर्स ले रही हैं ट्रेनिंग
वर्तमान में पूरी दुनिया के लिए आतंकवाद बहुत बड़ी चुनौती बन गया है. आतंकवादी संगठन हर रोज नए-नए तरीके से इंसानियत को जख्मी कर रहे हैं. तकनीकी हुनर के साथ-साथ अब आतंकवादी साइंस के वो नुस्खे भी सीख चुके हैं, जो बहुत खतरनाक हो सकते हैं. इन्हीं खतरों को ध्यान में रखते हुए अब अमेरिका और भारत ने भी रासायनिक और जैविक हमलों से निपटने के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दिया है. आतंकवादियों के रासायनिक हमलों से निपटने के लिए भारत का नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) और अमेरिका का स्पेशल ऑपरेशन्स फोर्स (SOF) ने अपने छठे संयुक्त आतंकरोधी अभ्यास तरकश में पहली बार केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर हमलों (CBRN) से निपटने और उन्हें विफल करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. कब से कब तक चलेगा अभ्यास इस अभ्यास की शुरुआत 16 जनवरी 2023 को हुई थी
और आज यानी 14 फरवरी को इसका समापन हो रहा है. वर्तमान में सेना इसकी ट्रेनिंग चेन्नई में ले रहे हैं. चार हफ्तों तक चल रहे इस अभ्यास में सेना को रासायनिक हमलों से निपटने के लिए क्या-क्या करना है इसकी खास तौर पर तैयारी की गई है. इस ट्रेनिंग के दौरान चेन्नई के अलग-अलग इलाकों में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड और अमेरिका का स्पेशल ऑपरेशन्स फोर्स के जवानों ने मॉक ड्रिल भी की है. अब समझते हैं कि CBRN हथियार क्या होते हैं. CBRN का मतलब केमिकल, बायलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर. वहीं, अब अगर CBRN हथियार की बात करें, तो ये बड़े पैमाने पर तबाही मचाने वाला हथियार है. इसके इस्तेमाल से एक ही बार में बड़े पैमाने पर लोगों को निशाना बनाया जा सकता है. यही वजह है कि इसे ‘वेपन ऑफ मास डिस्ट्रक्शन’ यानी सामूहिक विनाश के हथियारों के तौर पर देखा जाता है.
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