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आदिकवि भगवान महाऋषि वाल्मीकि जी की पावन प्रकट दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं : कुमारी खुशबू

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आदिकवि भगवान महाऋषि वाल्मीकि जी की पावन प्रकट दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं : कुमारी खुशबू

रिपोर्टर पदम

महाऋषि वाल्मीकि जी का जन्म शरद पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है । महाऋषि वाल्मीकि संस्कृत के आदि कवि यानी प्रथम कवि थे । उन्होंने संस्कृत में महाकाव्य रामायण की रचना की जिसमें 24000 श्लोक हैं । बाल्मीकि जी का परिचय हमारे बीच रामायण के रचयिता के रूप में है । महाऋषि वाल्मीकि ने अपने रचना महाग्रंथ रामायण के सहारे प्रेम , तप , त्याग इत्यादि दर्शाते हर मनुष्य को सद्भावना के पद पर चलने के लिए मार्गदर्शन किया । पूरे भारतवर्ष में बाल्मिक जयंती श्रद्धा भक्ति एवं हर्ष उल्लास के साथ मनाई जाती है । हम सब को इस बात का गर्व होना चाहिए कि हमारी धरती पर एक महान संत पैदा हुए, जिन्होंने अपने प्रकाश से चारों तरफ अपनी मानता का उजाला फैलाया अगर सभी संसार के लोग उनके इस प्रकार को अपने जीवन में उतार ले तो देश और समाज में काफी बदलाव आ सकता है । उन्होंने रामायण की रचना बहुत साल पहले ही कर दी थी। जिसमें उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम चंद्र जी के जीवन का परिचय दिया । ऐसे महान ऋषि को कोटि-कोटि नमन ।

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