वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 लागू, केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया कैविएट
वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 लागू, केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया कैविएट : 10 याचिकाओं पर 15 अप्रैल से हो सकती है सुनवाई
वक्फ (संशोधन) अधिनियम-2025 मंगलवार (8 अप्रैल 2025) से लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर इसे हकीकत में बदल दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को इसे मंजूरी दी और अब अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने इसे लागू कर दिया है।
इस बीच, इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 10 से ज्यादा याचिकाएँ दायर हो चुकी हैं। डीएमके, कॉन्ग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद, AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी, राजद के मनोज झा, फैयाज अहमद और आप के अमानतुल्ला खान ने इसे चुनौती दी है। जमीयत उलमा-ए-हिंद और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी खिलाफ हैं। इनका कहना है कि ये कानून गलत है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर चोट करेगा।
सुप्रीम कोर्ट 15 अप्रैल को इन याचिकाओं पर सुनवाई कर सकता है। दूसरी तरफ, केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट पहुँची है और कैविएट दाखिल कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को सुने बिना बिना कोई भी एकतरफा आदेश पारित नहीं किया जाए। अदालत कोई भी आदेश पारित करने से पहले केन्द्र सरकार की दलील भी सुने।
बता दें कि संसद के दोनों सदनों में खूब बहस और हंगामे के बाद ये कानून पास हुआ था। लोकसभा में 288 सांसदों ने हामी भरी, तो 232 ने विरोध किया। राज्यसभा में 128 वोट पक्ष में और 95 खिलाफ पड़े।
बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल जैसे बड़े वकील जमीयत की ओर से लड़ रहे हैं और सरकार भी तैयार है। अब सबकी नजर 15 अप्रैल पर टिकी है कि आगे क्या होगा।
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