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लोकतंत्र में वोट ही सबसे बड़ी ताकत: लोकेश वशिष्ठ

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लोकतंत्र में वोट ही सबसे बड़ी ताकत: लोकेश वशिष्ठ

अपने अपने वोट की ताकत को सभी अवश्य पहचाने

एक-एक वोट कीमती, 1 वोट से गिरी केंद्र सरकार

अपना वोट बहुत सोच समझ कर ही देना चाहिए

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । 
लोकतंत्र में वोट ही सबसे बड़ी ताकत है और यह ताकत किसी और के पास में नही आम जनता के अपने हाथ में ही है । भारत देश का 18 वर्ष से ऊपर का प्रत्येक व्यक्ति वोट बनवाकर लोकतंत्र की इस सबसे बड़ी ताकत को अपने हाथ में ले सकता है । लेकिन चुनाव के समय बहुत सोच समझ कर वोट रुपी इस ताकत का हस्तांतरण जनप्रतिनिधि चुनते समय किया जाना चाहिए । यह बात राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर वरिष्ठ एडवोकेट एवं गुरुग्राम बार एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट लोकेश वशिष्ठ ने कही ।

उन्होंने कहा कि 18 वर्ष का प्रत्येक युवक-युवती अथवा भारतीय नागरिक वोट बनवाने का अधिकारी है और वोट निश्चित आयु सीमा पर बनवाना भी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान ने प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद के उम्मीदवार को स्वेच्छा से मतदान करने का अधिकार दिया है । लेकिन जहां पर वोट केवल मात्र 18 वर्ष का युवक-युवती अथवा कोई भी भारतीय अपने जनप्रतिनिधि के चुनाव में डाल सकता है, वही चुनाव लड़ने के लिए आयु सीमा 18 वर्ष की नहीं है । ऐसे में इस बात से इंकार नहीं की युवा वर्ग में अवश्य ही जिज्ञासा बंनती होगी कि जब 18 वर्ष की उम्र में मतदान कर सकते हैं तो फिर इसी उम्र में चुनाव क्यों नहीं लड़ सकते ? उन्होंने कहा वोट वह ताकत है और वह अधिकार है, जिसका हम अपने प्रतिनिधि का चुनाव इस अपेक्षा के साथ में करते हैं की चुना हुआ जनप्रतिनिधि जनता के हक हकूक का ही पक्षधर हो ।

लेकिन लोकतंत्र में चुनावी और चुनाव के बाद की व्यवस्था भी ऐसी है कि जिससे मतदाताओं की भावनाओं को आहत भी होना पड़ जाता है । जो कुछ सरकार बनाने के लिए उच्च स्तरीय राजनीतिक खेल खेला जाता है , आज वह किसी से छिपा नहीं रह सका है । शायद इसीलिए चुनाव आयोग में अब मतदाताओं के सामने नोटा का विकल्प भी उपलब्ध करवाया है । यदि चुनावी मैदान में मतदाता को कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है या फिर मतदाता की उपेक्षा पर खरा उतरने में नाकाम महसूस किया जाता है, तो फिर नोटा का बटन दबाकर अपने वोट का भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। एडवोकेट लोकेश वशिष्ठ ने कहा की समय की जरूरत है अपने, समाज के और राष्ट्र के हित को ध्यान में रखते हुए ही बेदाग छवि के योग्य और शिक्षित उम्मीदवार के चयन के लिए वोट के माध्यम से ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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