वीआईपी आंखों में चमकने लगा पटौदी नागरिक अस्पताल !
वीआईपी आंखों में चमकने लगा पटौदी नागरिक अस्पताल !
मुख्य कारण पटौदी अस्पताल में कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर
अभी तक 43 रोगियों के लिए बन चुका जीवन तारणहार
फतह सिंह उजाला
पटौदी । किसी भी गंभीर संकट , आपदा या बीमारी के समय में सीमित संसाधनों के बीच जरूरतमंद आम जनमानस की सेवा करना पुण्य का कार्य बताया गया है। फिर यह कार्य चाहे कोई सरकारी संस्था के द्वारा या फिर प्राइवेट संस्था के द्वारा किया जा रहा हो। कोरोना कोविड-19 की दूसरी गंभीर लहर के बीच खासतौर से श्वास लेने अथवा ऑक्सीजन की कमी से परेशान होने वाले रोगियों की सुविधा को अथवा स्वास्थ्य लाभ दिलाने को ध्यान में रखते हुए पटौदी के नागरिक अस्पताल में 25 बेड का कोविड-19 या फिर आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया।
बीते माह 24 अप्रैल को बेहद शॉर्ट नोटिस पर तैयार किए गए पटौदी नागरिक अस्पताल का कोविड-19 अथवा आइसोलेशन सेंटर अब यहां की सुविधाएं और रोगियों को मिल रहे स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए वीआईपी लोगों की नजरों में भी चमकने लगा है । सूत्रों के मुताबिक पटौदी नागरिक अस्पताल में खासतौर से संदिग्ध कोरोना पीड़ित जिन्हें कि सांस लेने में परेशानी हो या फिर उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो, ऐसे पीड़ितों के लिए जीवन तारणहार बना हुआ है । सूत्रों के मुताबिक पटौदी नागरिक अस्पताल में सुविधाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए अब यहां वीआईपी ,रसूखदार और नेताओं के कथित शिफारशी फोन भी बजने आरंभ हो गए हैं । हालांकि इस संदर्भ में पटौदी नागरिक अस्पताल के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नीरू यादव ने कुछ भी कहने से अपने आप को बचाते हुए कहा कि सरकारी अस्पताल में जरूरतमंद रोगी कभी भी आ सकता है । अस्पताल में एडवांस रिजर्वेशन जैसी कोई सुविधा या फिर नीति नहीं होती है ।
उन्होंने कहा पटौदी नागरिक अस्पताल में मौजूद कोविड-19 सेंटर अथवा आइसोलेशन सेंटर में सभी 25 बेड पर रोगी स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं । पटौदी नागरिक अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी और पहली प्राथमिकता यहां आने वाले पीड़ित रोगी को आरंभिक स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध करवाना है । पटौदी नागरिक अस्पताल की सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर यादव के मुताबिक यहां अभी तक कोविड-19 अथवा आइसोलेशन वार्ड में 43 ऐसे रोगी जिन्हें की सांस लेने में परेशानी थी या फिर उनका ऑक्सीजन लेवल कम था उपचार के लिए भर्ती किए जा चुके हैं । इनमें से 5 रोगी पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज हो चुके हैं । 4 रोगी ऐसे भी शामिल हैं जिन्हें कि यहां से अधिक सुविधा उपलब्ध वाले अस्पतालों में रेफर किया गया है । उन्होंने कहा जितने भी सीमित संसाधन है , उन्हीं की बदौलत यहां पर आने वाले पीड़ित अथवा रोगियों का स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारी बेहतर से बेहतर उपचार कर रहे हैं ।
इसी कड़ी में सूत्रों के मुताबिक एक और बेहद महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध हुई है कि पटौदी नागरिक अस्पताल में कथित रूप से आधा दर्जन डॉक्टरों के पद रिक्त पड़े हुए हैं । पटौदी नागरिक अस्पताल के कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में उपचाराधीन सात विभिन्न रोगी ऐसे भी हैं जो कि स्वस्थ होने के बाद बिना किसी मेडिकल एडवाइज के रवाना होने वालों में शामिल है । वही तीन पीड़ित अथवा रोगी ऐसे भी बताए गए हैं जोकि कोई ना कोई बहाना बनाकर यहां से गायब होने वालों में भी शामिल है, ऐसे लोगों के विषय में जो नियमानुसार कार्यवाही संभव थी वह पूरी की जा चुकी है । कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर में उपलब्ध सभी 25 बेड पर ऑक्सीजन उपलब्ध है । वहीं सूत्रों की माने तो 25 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी उपलब्ध है , जिससे कि आपात स्थिति में यहां उपचाराधीन रोगी को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े ।
कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर अथवा वार्ड में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने वाले रोगी के यहां एडमिट किया जाने से पहले तमाम आवश्यक टेस्ट भी किए जाते हैं । इन्हें टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर और प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए आने वाले रोगियों को स्वास्थ्य लाभ के लिए एडमिट किया जा रहा है। एसएमओ ंने कहा कि यहां उपचार के लिए आने वाले सभी पीड़ितों अथवा रोगियों को या फिर उनके तीमारदारों को पहले ही अवगत करा दिया जाता है कि जो भी संसाधन अथवा सुविधाएं उपलब्ध हैं उनके माध्यम से ही उपचार किया जाएगा। यदि आवश्यकता हुई तो रोगी को पटौदी अस्पताल के कोविड-19 अथवा आइसोलेशन सेंटर के मुकाबले अधिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाएगा । बहरहाल पटौदी नागरिक अस्पताल के कोविड-19 अथवा आइसोलेशन सेंटर या फिर वार्ड में उपचाराधीन पीड़ित और रोगी सहित उनके तीमारदार पूरी तरह से संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं।
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