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कन्या भ्रूण हत्या के संकल्प के साथ वैदिक मनीषी स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती की जयंती मनायी

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कन्या भ्रूण हत्या के संकल्प  के साथ महान समाज सुधारक,शिक्षाविद,स्वतंत्रता आंदोलन के महान सेनानी, वैदिक मनीषी स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती की जयंती मनायी गई :           ;                                           
प्रधान संपादक योगेश

 स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा द्वारा महान समाज सुधारक, शिक्षाविद,स्वतंत्रता सेनानी वैदिक मनीषी स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती की जयंती,स्वामी रामकृष्ण परमहंस की जयंती,हिंदू हृदय सम्राट व धर्म रक्षक मां भारती के वीर सपूत धर्म और राष्ट्रीयता के जीवंत प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती,राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखकर अखंड भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले युग दृष्टा,सामाजिक समरसता के साधक पूज्य गुरु जी माधव सदाशिव गोवलकर की जयंती, माता कस्तूरबा गांधी की पुण्यतिथि, राष्ट्र कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला व सोहनलाल द्विवेदी की जयंती पर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, पटौदी,गुरुग्राम के प्रांगण में पुष्पांजलि अर्पित कर भारत माता की जय और वंदे मातरम के उद्घोष के साथ मनाई गई|                                                              कार्यक्रम के संयोजक डॉ.आर.के. जांगड़ा विश्वकर्मा,सदस्य,स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा ने कहा प्रसिद्ध भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं अपना संपूर्ण जीवन स्वामी दयानंद सरस्वती की शिक्षाओं के प्रचार प्रसार में लगाने वाले हिंदुत्व के  पुरोधा स्वामी  की शिक्षाओं को युवा वर्ग अपनाकर सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है| वे ऐसी महान राष्ट्र भक्त सन्यासियों में अग्रणी थे,जिन्होंने अपना सारा जीवन वैदिक धर्म के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित कर दिया था| उन्होंने कहा स्वामी श्रद्धानंद  ने अंग्रेजों द्वारा जारी शिक्षा पद्धति के स्थान पर वैदिक धर्म तथा भारतीय शिक्षा देने वाले संस्थान  गुरुकुल की स्थापना हरिद्वार में की जिसे गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है| उन्होंने कहा उनका संपूर्ण जीवन देश सेवा को समर्पित रहा|                                                      डॉ.विश्वकर्मा ने कहा स्वामी श्रद्धानंद जी का संपूर्ण जीवन स्वराज हासिल करने,देश को अंग्रेजो की दासता से छुटकारा दिलाने,दलितों को उनका अधिकार दिलाने और वैदिक शिक्षा प्रणाली का प्रबंध करने जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्य करने में व्यतीत हुआ|सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि वह 18वीं सदी में हिंदुओं और मुस्लिमों के सर्वमान्य नेता थे| उन्होंने दलितों की भलाई के कार्य को निडर होकर आगे बढ़ाया| डॉ.विश्वकर्मा ने महापुरुषों,महान संतों और भारतीय संस्कारों के साथ युवाओं के प्रेरणा स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को जीवन में अपनाकर युवा वर्ग देश को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व गुरु बनाने ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है| उन्होंने बेटियों से कहा जीवन में उच्च कोटि की सफलता हेतु स्वामी विवेकानंद के उठो जागो और जब तक लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाये तब तक नहीं रुकना को आत्मसात करना आवश्यक है| डॉ.विश्वकर्मा ने अखंड भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले युग दृष्टा सामाजिक समरसता के साधक  माधव सदाशिव गोलवलकर के राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने के संदेश युवा शक्ति को हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे|उन्होंने महात्मा गांधी कि जीवनसंगिनी कस्तूरबा गांधी, पदम श्री राष्ट्रीय कवि सोहन लाल द्विवेदी,आधुनिक हिंदी के महानतम कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के आदर्शों को जीवन में अपनाने की अपील की| डॉ. विश्वकर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर अपनी मातृभाषा हिंदी पर गर्व करने और अधिक से अधिक उपयोग करने का आग्रह भी किया गया| उन्होंने कहा देश की आजादी से लेकर आधुनिक भारत बनाने में नारी शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है|इस अवसर पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पर्यावरण संरक्षण,स्वच्छ भारत अभियान एवं देश को विश्व गुरु बनाने में नारी शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका हेतु संकल्प भी दिलवाया गया| होनहार प्रतिभावान छात्राओं को स्वामी विवेकानंद की जीवनी और सामाजिक बुराइयों को दूर करने का साहित्य भेंट कर सम्मानित भी किया गया| प्राचार्य अनीता अरुणा ने सभी छात्राओं को शिक्षा और खेलों के विशिष्ट उपलब्धियों हेतु आगे बढ़ने के लिए छात्राओं को प्रेरित भी क़र उनके उज्जवल भविष्य की कामना की|पर्यावरण संरक्षण अभियान के तहत महापुरुषों व अमर शहीदों की याद में पौधारोपण भी किया गया| इस अवसर पर अनीता अरोड़ा,  पुष्पा जोशी, सुपर्णा गुलाटी,रजनी, नीरू आनंद,पूजा राठी, नीलम, उमेश,मानवी,बृजमोहन बंजारा,  महावीर सिंह,प्रवीण कुमार,हर्ष मुदगिल आदि अध्यापक गण सहित विशाखा,नेहा,चंचल, आकांक्षा,सीमा,मुस्कान,एकता, वर्षा,किरण,सोनिया,खुशबू आदि सैकड़ों छात्रायें उपस्थित थी|                                     

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