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उत्तर प्रदेश राजपूत मुख्य मंत्री एव मंत्री

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उत्तर प्रदेश राजपूत मुख्य मंत्री एव मंत्री

योगी आदित्यनाथ मुख्य मंत्री

कबिनेट
(1)जयवीर सिंह,मैनपुरी कबिनेट

स्वतन्त्र कार्यभार मंत्री-

(2)दयाशंकर सिंह, बलिया
(3)दिनेश प्रताप सिंह,एमएलसी

राज्य मंत्री-
(4) मयंकेश्वर सिंह,तिलोई अमेठी
(5)बृजेश सिंह,देवबन्द सहारनपुर
(6)जेपीएस राठौर,एमएलसी शाहजहाँपुर

माननीय योगी जी का हार्दिक आभार नव नियुक्त मन्त्रीगणो को हार्दिक शुभकामनाएं व उज्वल भविष्य की शुभकामनाये ढेरो बधाई 🌹🌹🌹🌹🙏🙏

(1)ठाकुर योगी आदित्यनाथ जी उत्तर प्रदेश के दोबरा मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ का मूल नाम अजय सिंह बिष्ट है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त है। योगी जी का जन्म 05 जून 1972 को उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल जिले में स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचूर गांव के एक गढ़वाली क्षत्रिय राजपूत परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट है जो फॉरेस्ट रेंजर थे। इनकी माता सावित्री देवी एक कुशल गृहिणी है। इनके परिवार में इनके तीन बहनें और तीन भाई है। जिसमें योगी आदित्यनाथ पांचवें नंबर पर है हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से गणित और विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।मात्र 22 वर्ष की उम्र में योगी ने सांसारिक जीवन को त्यागकर संन्यास आश्रम में प्रवेश किया।15 फरवरी 1994 को मंहत अवैद्यनाथ ने योगी को नाथ संप्रदाय की गुरु दीक्षा दी और उन्हें अपना शिष्य बना लिया। इसके बाद अजय सिंह बिष्ट का नाम बदलकर योगी बने🙏🙏🌹🌹

(2)ठाकुर जयवीर सिंह पूर्व मंत्री और भाजपा के प्रत्याशी मैनपुरी सदर विधानसभा सीट ने सपा प्रत्याशी विधायक राजकुमार यादव को 7264 मतों के अंतर से पराजित कर दिया। भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह को 99445 वोट मिले। वहीं सपा के राजकुमार यादव 92181 मत ही पा सके। इस सीट पर कांग्रेस और बसपा की जमानत जब्त हो गई। ठाकुर जयवीर सिंह ने अपना राजनीतिक करियर ग्राम प्रधान पद के चुनाव से शुरू किया था. वहां से होते हुए वो प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा तक पहुंचे है. ठाकुर जयवीर सिंह के परिवार के कई सदस्य राजनीति में सक्रिय हैं. ठाकुर जयवीर सिंह का जन्म 2 अक्तूबर 1958 को फिरोजाबाद जिले के गांव करहरा में हुआ था. उनके पिता वेदपाल सिंह एक साधारण जमींदार थे जयवीर सिंह की प्राथमिक शिक्षा सिरसागंज के एक स्कूल से हुई. ग्रेजुएशन करने के बाद ठाकुर जयवीर सिंह ने राजनीति का रुख किया पहला चुनाव ग्राम प्रधान का लड़ा. वो अपने गांव करहरा के ग्राम प्रधान चुने गए. इसके बाद वो कांग्रेस में शामिल हो गए. उन्हें कांग्रेस का ब्लाक अध्यक्ष बनाया गया था. जयवीर पहली बार 2002 के चुनाव में मैनपुरी जिले की घिरोर से विधायक चुने गए. साल 2003 में उन्हें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया. वो 2007 में दोबारा विधायक चुने गए. उन्हें मायावती की सरकार में सिंचाई यांत्रिक विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए. ठाकुर जयवीर सिंह के साथ उनके परिवार के सदस्य भी राजनीति में सक्रिय हैं. उनकी पत्नी रीता सिंह जिला सहकारी बैंक जनपद फिरोजाबाद की अध्यक्ष रह चुकी हैं. ठाकुर जयवीर सिंह के 2 बेटे हैं. उनके बेटे अतुल प्रताप सिंह अभी फिरोजाबाद जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष हैं. उनकी पत्नी अमृता सिंह ब्लाक प्रमुख हैं. वहीं जयवीर सिहं के दूसरे बेटे सुमित प्रताप सिंह परिवार का व्यवसाय संभालते हैं. उनकी पत्नी हर्षिता सुमित प्रताप सिंह फिरोजाबाद की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. ठाकुर जयवीर सिंह का परिवार व्यवसाय से जुड़ा हुआ है. उनका परिवार कोल्ड स्टोरेज, पेट्रोल पंप, रिजार्ट और गाड़ियों के व्यवसाय से जुड़ा हुआ है.🙏🙏🌹🌹

(3)दयाशंकर सिंह बिहार के बक्सर जिले के छोटका राजपुर के रहने वाले हैं. दयाशंकर सिंह ने बलिया नगर सीट से सपा के पूर्व मंत्री नारद राय को हराया है. दयाशंकर सिंह का बचपन बलिया में ही अपने मामा के घर बीता बैरिया विधानसभा से विधायक रहे उनके मामा मैनेजर सिंह के साथ दयाशंकर सिंह ने राजनीति के गुर सीखे बलिया में 12वीं तक पढ़ाई की, उसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिला लिया. 27 जून 1972 को जन्मे दयाशंकर सिंह ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरूआत छात्र राजनीति से की थी. लखनऊ विश्वविद्यालय में अपने कॉलेज के दिनों में वे आरएसएस के छात्र विंग एबीवीपी के सदस्य थे.
पूर्व में योगी सरकार में मंत्री रहीं स्वाति सिंह के पति हैं. दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह महिला और बाल विकास मंत्री थीं. इससे पहले लखनऊ की सरोजनी नगर सीट पर टिकट को लेकर दयाशंकर सिंह और उनकी पत्नी स्वाति सिंह दोनों ही दावा ठोक रहे थे, लेकिन बीजेपी ने यहां से दोनों का ही पत्ता काट आईपीएस राजेश्वर सिंह टिकट दिया🙏🙏🌹🌹

(4) ठाकुर दिनेश प्रताप सिंह रायबरेली के कद्दावर नेता का राजनीतिक कद बढ़ गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया है। लगता है भाजपा फिर सोनिया गांधी के गढ़ में इसी परिवार को आगे कर चुनाव में उतरेगी। 2019 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ मजबूती से लड़ने का इनाम तीन साल बाद ही सही पर मंत्री बनाकर दे दिया है। इसी के साथ रायबरेली की राजनीति में पंचवटी का वैभव भी बढ़ गया है। 2024 में होने वाले आम चुनाव की तस्वीर भी काफी कुछ साफ हो गई है। भाजपा एक बार फिर सोनिया गांधी के गढ़ में इसी परिवार को आगे कर रायबरेली के चुनावी दंगल में उतरेगी। अनजान से गांव गुनावर कमंगलपुर से निकला एक परिवार, जिसे पंचवटी के नाम से जाना व पहचाना जाता है। पिछले एक दशक से यही परिवार रायबरेली की राजनीति के केंद्र में हैं। छोटे से छोटे व बड़े से बड़े राजनीतिक पद पर इसी परिवार का कब्जा है। एक ही घर की छत के नीचे विधायक, एमएलसी, ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष सभी यहां रहे। पंचवटी नाम का यह आवास एमएलसी व 2019 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के मुकाबले चुनावी रणभूमि में उतरे दिनेश सिंह का है। 2022 के चुनाव में हरचंदपुर सीट से भाई व विधायक राकेश सिंह की हार के बाद विरोधियों को लगा कि राजनीति में पंचवटी का प्रभाव अब घट जाएगा पर ऐसा हुआ नहीं। पहले भाजपा से एमएलसी का टिकट व अब योगी 2.0 सरकार में स्वतंत्र प्रभार का मंत्री पद हासिल कर दिनेश प्रताप सिंह ने यह साबित कर दिया कि पंचवटी का प्रभाव न कम था न ही आगे कम होगा।🙏🙏🌹🌹

(5)मयंकेश्वर शरण सिंह अमेठी के तिलोई विधान सभा से पांचवीं बार विधायक बने मयंकेश्वर शरण सिंह यूपी मंत्रि मंडल में जगह मिली है। चार दशक गुजर जाने के बाद तिलोई राजघराने को मंत्री का ताज मिला है। राहुल गाँधी के प्रभाव ख़त्म करने ईनाम है छठे दशक के अंत से ही लोक सभा व विधान सभा के चुनाव में इस राजघराने की निर्णायक भूमिका रही।मयंकेश्वर शरण सिंह के पिता राजा मोहन सिंह 1969 में भारतीय जनसंघ से विधायक बने। उसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए। 1974 व 1977 में कांग्रेस के विधायक चुने गए। इस दौरान वे सिंचाई आयोग के अध्यक्ष भी रहे। पिता की मृत्यु के बाद मयंकेश्वर सिंह राजनीति में सक्रिया रूप से आ गए। वह भाजपा के टिकट पर पहली बार 1993 में चुनाव लड़े और जीत गए। विस सत्र के दौरान सदन में हुई मारपीट में वह चर्चा में आ गए। 1996 में चुनाव हार गए, लेकिन 2002 में भाजपा की ओर से फिर विजयी हो 2005 में सायकिल पर सवार हो गए और विधान सभा में पहुंचने में कामयाब रहे। 2012 में सपा उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस से पराजित हो गए। उसके बाद समाजवादी पार्टी से उनका मोह भंग हो गया। वापस भाजपा में आ गए और इसी पार्टी से फिर 2017 में विधायक चुन लिए गए। तिलोई की जनता ने इसी दल से पुन: उन्हें क्षेत्र की रहनुमाई सौेप दी। नतीजतन योगी शुक्रवार को बने योगी मंत्रिमंडल में मयंकेश्वर को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई।🙏🙏🌹🌹

(6) बृजेश सिंह रावत बीजेपी से सहारनपुर जिले के देवबंद मुस्लिम बहुल विधान सभा क्षेत्र 20 हजार वोटो से समाज वादी पार्टी से कार्तिकेय राणा विजयी हुए है दोनों उम्मीदवार राजपूत रहे बृजेश सिंह रावत कुशल राजनेता और उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश के युवा एवं कद्दावर नेताओं में शामिल है। बृजेश सिंह का जन्म देवबंद के गांव जड़ौदाजट में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ठाकुर मुकुंद सिंह (दादा) के घर हुआ था। उनके पिता डॉ. राजकुमार रावत गुरुकुल कांगड़ी फार्मेसी हरिद्वार में मैनेजिंग डायरेक्टर पद से सेवानिवृत्त है। बृजेश सिंह की प्रारंभिक शिक्षा देवबंद में केएल जनता इंटर इंटर कॉलेज में हुई। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट उन्होंने ज्वालापुर (हरिद्वार) से किया था। हरिद्वार से ही आयुर्वेद भास्कर में चार वर्ष की डिग्री लेकर आयुर्वेदाचार्य बने। 2017 में देवबंद विधानसभा सीट से पहला चुनाव लड़ा और करीब 16 हजार वोटों से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में भी उन पर भरोसा कर पुन: टिकट दिया। इस बार वह करीब 7100 वोटों से विजयी हुए मुस्लिम गढ़ मे बीजेपी पताका फराने का ईनाम भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने राज्यंत्री बनाकर इनाम दिया है।🙏🙏🌹🌹

(7)जयेंद्र प्रताप सिंह राठौर भाजपा के नए युवा क्षत्रिय चेहरे के तौर पर उभरे हैं। संगठन ने हमेशा जेपीएस राठौर की प्रबंधन क्षमता पर भरोसा जताया। विधान मंडल के किसी सदन का सदस्य न होने के बावजूद उन्हें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का दायित्व देने का फैसला सभी के लिए चौंकाने वाला है गांव मोहनपुर ममरेजपुर निवासी बलराम सिंह राठौर और स्व.सोराज राठौर के बेटे जेपीएस राठौर की पत्नी प्रिया सिंह राठौर हैं। उनके दो बच्चे हैं। जेपीएस ने पैतृक गांव के प्राथमिक विद्यालय से शिक्षा ग्रहण करने के बाद राजकीय इंटर कॉलेज से इंटर किया। इसके बाद वह उच्च शिक्षा के लिए बीएचयू चले गए। आईआईटी बीएचयू से उन्होंने बीटेक और एमटेक किया। जेपीएस राठौर के छोटे भाई डीपीएस राठौर शाहजहांपुर जिला को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष हैं। बहन सरिता चौहान शिक्षिका हैं।एमटेक करने के बाद 1996 में छात्र संघ अध्यक्ष बने थे। आठ फरवरी 1996 को हुए उनके शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी शामिल हुए थे।आईटी प्रकोष्ठ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने प्रदेश की राजनीति में संगठन में जेपीएस हमेशा पार्टी की ओर से दी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन कर एक-एक सीढ़ी चढ़ते चले गए। जेपीएस आईटी प्रकोष्ठ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने।भाजपा शाहजहांपुर के सदस्यता प्रभारी तथा कांट मंडल के प्रभारी रहे। चुनाव प्रबंधन प्रमुख, पंचायत, निकाय आदि चुनावों के प्रभारी भी रहे हैं। भारतीय जनता युवा मोर्चा के वह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे। उन्हें पार्टी ने प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी देने के साथ ही बूथ इंचार्ज बनाया। वह भाजपा के बृज क्षेत्र के महामंत्री भी रहे। प्रदेश टीम में दो बार उपाध्यक्ष पद पर रहने वाले राठौर को प्रदेश हाईकमान ने महामंत्री पद सौंप कर उनकी जिम्मेदारी में इजाफा किया।वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे थे।

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