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प्लास्टिक का प्रयोग कम से कम करें और वैकल्पिक साधनों को अपनाएं – डीसीपी दीपक

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प्लास्टिक का प्रयोग कम से कम करें और वैकल्पिक साधनों को अपनाएं – डीसीपी दीपक

यह अभियान स्थानीय नागरिकों के सामूहिक प्रयास का उत्कृष्ट उदाहरण

पुलिस लाईन मानेसर में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल

यह केवल एक सफाई अभियान नहीं, बल्कि एक जन-जागरूकता आंदोलन 

फतह सिंह उजाला 

मानेसर । पुलिस लाईन मानेसर में  पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया। दीपक पुलिस उपायुक्त मानेसर, गुरुग्राम के निर्देशान में प्लास्टिक मुक्त अभियान का आयोजन किया गया, जिसमे आर डब्ल्यू ए पुलिस लाईन मानेसर के प्रधान सहायक-उप-निरीक्षक श्री संदीप यादव की अगुवाई में आर डब्ल्यू ए टीम और पुलिस कॉलोनी के निवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

दीपक , पुलिस उपायुक्त मानेसर ने कहा, “यह केवल एक सफाई अभियान नहीं, बल्कि एक जन-जागरूकता आंदोलन है। हमें अपने घर, कॉलोनी और समाज को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों से मुक्त करने के लिए निरंतर प्रयास करना होगा व यह ठानना होगा कि रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक का प्रयोग कम से कम करें और वैकल्पिक साधनों को अपनाएं।” यह अभियान स्थानीय नागरिकों के सामूहिक प्रयास का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो न केवल साफ-सुथरे वातावरण की ओर प्रेरित करता है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का संदेश भी देता है।

अभियान में महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भाग लेकर एकजुटता दिखाई और प्लास्टिक उन्मूलन की शपथ ली। क्षेत्र में फैली प्लास्टिक सामग्री को एकत्र कर उचित तरीके से निस्तारित करने तथा लोगों को इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया। अभियान में आर डब्ल्यू ए पुलिस लाईन मानेसर के प्रधान सहायक-उप-निरीक्षक संदीप यादव द्वारा प्लास्टिक के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए, यह बताया गया कि प्लास्टिक- मिट्टी और जल प्रदूषण का प्रमुख कारण बनता है, जिससे फसलें और पीने का पानी प्रभावित होते हैं। नॉन-बायोडिग्रेडेबल (अविघटनशील) होने के कारण सैकड़ों वर्षों तक पर्यावरण में बना रहता है। प्लास्टिक जलाने से निकलने वाली जहरीली गैसें वायु प्रदूषण को बढ़ावा देती हैं और श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बनती हैं। समुद्री जीवन को भी गंभीर खतरा होता है — लाखों समुद्री जीव हर साल प्लास्टिक निगलने या उसमें फंसने के कारण मर जाते हैं। मानव शरीर में भी माइक्रोप्लास्टिक कण पहुंच रहे हैं, जो कैंसर, हार्मोनल असंतुलन और अन्य बीमारियों को जन्म दे सकते हैं।

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