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1894 के कानून की आड़ में सरकार किसानों से जमीन हड़पना चाहती: नवीन

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पचगांव किसान महापंचायत

1894 के कानून की आड़ में सरकार किसानों से जमीन हड़पना चाहती: नवीन

किसान महापंचायत में लेकर फरसा, नवीन खट्टर सरकार पर बरसा

महापंचायत ने फैसला कि 9 अक्टूबर को दोबारा किसान महापंचायत

नवीन बोले अहीरवाल क्षेत्र के नेता, सांसद, विधायक, और कमजोर

फतह सिंह उजाला
पचगाव/पटौदी। 
 किसानों की 1810 एकड़ जमीन अधिग्रहण को रद्द करवाने के लिए संडे को पचगांव में एक महापंचायत की गई। जिसमे नवीन जयहिन्द फरसा लेकर पहुंचे व पूरे प्रदेश से सभी सरदारी मौजूद रही। किसानों ने सरकार व प्रशासन को 2 बजे तक का समय दिया, जिसके बाद सरकार व प्रशासन की तरफ से महापंचायत में गुरूग्राम के एडीसी विश्राम कुमार मीणा पहुंचे। ऐडीसी ने किसानों को कोई सन्तोषजनक जवाब नही दिया। महापंचायत ने फैसला लेते हुए बताया कि 9 अक्टूबर को दोबारा महापंचायत करेंगे।

जयहिन्द ने एडीसी व एसीपी के सामने ही सीएम को खरी-खरी कहना शुरू कर दिया। नवीन जयहिन्द ने सीएम मनोहर लाल खट्टर को चेतावनी देते हुए कहा कि ये जमीन किसी के बाप की घर की जमीन नही। ये जमीन किसानों की हैं और 36 बिरादरी की जमीन हैं। अगर किसानों का मन करेगा तो सरकार को जमीन देगे ओर किसानों का मन नही करेगा तो किसान सरकार को जमीन नही देगे। सरकार को किसानों के साथ दबाव की राजनिति नही करनी चाहिए। जयहिन्द ने कहा कि देश 1947 मे आजाद हो चुका हैं और अंग्रेज देश को छोड़कर जा चुके हैं, लेकिन खट्टर सरकार किसानों के भूमि अधिग्रहण के लिए 1894 के कानून को ढाल बनांकर किसानों से जमीन हड़पना चाहती हैं, जो कि न्याय संगत नही हैं। जयहिन्द ने कहा कि अंग्रेजो के काले कानून किसानों पर थोपना गलत हैं और 36 बिरादरी किसानो के साथ हैं।इतनी हिम्मत नही सीएम किसान की जमीन छीने

जयहिन्द ने किसानों में जोश भरते हुए कहा कि जिस इलाके में आप रहते हो ये इलाका वीरों की भूमि रहा हैं, यहां के लोग उन्ही वीरों की संतानें हैं। लेकिन यहां के नेता, विधायक, ओर सांसद कमजोर हैं जो किसानों की आवाज नही उठा रहे। अगर विधायक और सांसद किसानों की आवाज उठाएं तो सरकार की इतनी हिम्मत नही हैं कि वो किसानों की जमीन किसानों से छीन ले। जयहिन्द ने सीएम आवास का नाम मुख्यमंत्री द्वारा कबीर कुटीर रखने पर भी तंज कसा ओर मुख्यमंत्री आवास का नाम मुख्यमंत्री के कार्याे के कारण कबीर कुटीर की जगह कंस कुटीर रखने की बात दोहराई ओर कहा कि उस कंस को मारने वाले ये ही किसान हैं जो समय आने पर कंस को मार देंगे।फरसे के दम पर जमीन को वापिस ली

नवीन जयहिन्द ने किसानों को पहरावर गांव में स्थित गौड़ संस्था की जमीन का उदहारण देते हुए बताया कि सरकार द्वारा ब्राह्मणों की 16 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया गया था, लेकिन समाज की 36 बिरादरी ने मिलकर सरकार से उस जमीन को फरसे के दम पर वापिस छीन लिया जबकि ये गुरुग्राम की जमीन तो 1810 एकड़ हैं जिसे किसी भी कीमत पर सरकार के हवाले नही किया जाएगा। साथ ही जयहिन्द ने 102 वर्षीय किंग दादा दुलीचंद का उदाहरण भी दिया की कैसे एक बुजुर्ग व्यक्ति ने सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया।किसान अपने अपने लठ्ठ उठा लो

जयहिन्द ने किसानों को यदुवंशी भगवान  कृष्ण से प्रेरणा लेने की बात कही और वर्तमान में इन कलयुग के कंस का नाश करने के लिए एक आवाज बनकर लड़ने की बात कही । अगर मिलकर इस कंस की सरकार से लड़ाई नही लड़ सकते तो यदुवंशी भगवान श्री कृष्ण का नाम लेने का कोई फायदा नही हैं। क्योकि भगवान श्री कृष्ण ने अपना चक्कर कंस का वध करने के लिए उठाया था और अब कलयुग के इस कंस को खत्म करने के लिए ओर अपने हक के लिए सभी किसान अपने अपने लठ्ठ उठा लो । हमे किसी से लड़ना नही हैं, लेकिन अपने हक के लिए पीछे भी नही हटना हैं। अपने हक की लड़ाई लड़ते हुए प्राण भी चले जाएं लेकिन हक की लड़ाई में पीछे नही हटना चाहिए।

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