शिक्षण को रुचिकर बनाने का प्रयास करें: डॉ. अश्विनी
शिक्षण को रुचिकर बनाने का प्रयास करें: डॉ. अश्विनी
व्याख्यान बच्चों को निर्देश देने तक सीमित नहीं रहना चाहिए
छात्रों में ज्ञान प्राप्त करने की उत्सुकता पैदा करनी चाहिए
विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा दें कि उनका सर्वांगीण विकास हो
फतह सिंह उजाला
पटौदी। फर्रूखनगर शहर के राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में सहायक खण्ड संसाधन संयोजकों और खण्ड संसाधन व्यक्तियों की बैठक का आयोजन किया गया।
शिक्षक पर्व 22- 23 के अंतर्गत आयोजित खंड स्तर पर आयोजित किये जा रहे व्याख्यान के अंतर्गत फर्रूखनगर खंड में डाइट गुरुग्राम से विषय विशेषज्ञ डॉ. अश्विनी शर्मा ने उपस्थित सहायक खण्ड संसाधन संयोजकों और खण्ड संसाधन व्यक्तियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब अध्यापकों को विषय को रुचिकर बनाते हुए विद्यार्थियों को पढ़ाना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी इसी बात पर बल देती है। शिक्षण केवल व्याख्यान देने और बच्चों को निर्देश देने तक सीमित नहीं रहना चाहिए। जितना हम बच्चों के साथ बात करेंगे और अधिगम के लिए नए प्रयोग कर उन्हें शिक्षित करने का प्रयास करेंगे,हम उसमें अधिक सफल होंगे।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को नए-नए तरीकों से पढ़ा कर उनमें ज्ञान प्राप्त करने की उत्सुकता पैदा करनी चाहिए। जिज्ञासा सीखने के लिए बहुत आवश्यक है। जिस बालक में जिज्ञासा अधिक होगी , वह उतना ही अधिक सीख पायेगा। इसलिए हम सभी का दायित्व है कि विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा दें कि उनका सर्वांगीण विकास हो सके और वे जीवन मे आगे बढ़ सकें। उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिये गए आदेशों के अनुसार राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद हरियाणा के मार्गदर्शन में शिक्षक पर्व 2022-23 का आयोजन किया जा रहा है। 5 सितम्बर से 30 सितंबर तक आयोजित होने वाले शिक्षक पर्व में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। जिले में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गुरुग्राम के प्राचार्य परमजीत चहल के निर्देशन में शिक्षक पर्व मनाया जा रहा है। इसी क्रम में सभी डाइट प्राध्यापकों, सहायक खण्ड संसाधन संयोजकों और खण्ड संसाधन व्यक्तियों को प्रत्येक क्लस्टर और विद्यालय में जाकर इनोवेटिव पैडागोजी पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए अध्यापकों को प्रेरित करना है।
इस अवसर पर उपस्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय,फर्रूखनगर के प्राचार्य जितेन्द्र यादव ने भी अपने सम्बोधन से सभी को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि एक अध्यापक का दायित्व केवल विद्यालय तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। अपितु प्रत्येक विद्यार्थी का संपूर्ण विकास ही उसके जीवन का ध्येय होना चाहिए। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय,भारत सरकार की पहल की सराहना करते हुए डाइट के विषय विशेषज्ञ डॉ. अश्विनी शर्मा का विद्यालय में आने पर स्वागत और आभार प्रकट किया। इस अवसर पर खण्ड फर्रूखनगर के समस्त सहायक खण्ड संसाधन संयोजक और खण्ड संसाधन अधिकारी मौजूद रहे।
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