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शहीद सम्मान यात्रा में तिरंगा और मचा अब घमासान !

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शहीद सम्मान यात्रा में तिरंगा और मचा अब घमासान !

शहीद परिजनों सहित ग्रामीणों द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप

जहां से यात्रा हुुई आरंभ उसी गांव में अनदेखी के आरोप

एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश की नहीं मिली प्रतिक्रिया

इनेलो के बैनर तले मामले को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
हरियाणा प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के द्वारा शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा पखवाड़े के तहत पटौदी क्षेत्र में निकाली गई शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा को लेकर अब एक प्रकार से घमासान भी आरंभ हो गया है। इस मुद्दे को लेकर इनेलो के बैनर तले प्रबुद्ध ग्रामीणों के द्वारा शहीदों के और शहीद परिवारों के अपमान को लेकर राज्यपाल के नाम पटौदी एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा गया है ।

एक दिन पहले जिस गांव से शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा आरंभ हुई ,उसी गांव में ही शहीद और शहीद परिवार की अनदेखी का मामला तूल पकड़ गया । इतना ही नहीं कथित रूप से शहीद की अनदेखी से आहत होकर शहीद के परिजनों के द्वारा गांव में हंगामा खड़ा कर दिया गया। यह मामला पुलिस तक भी पहुंच गया , पंचायत और ग्रामीणों के दखल के बाद विवाद खत्म करवा लिया गया है। लेकिन विभिन्न गांवों में शहीद स्मारक पर शहीदों की प्रतिमाओं की अनदेखी के साथ साथ शहीद परिवारों की उपेक्षा के भी गंभीर आरोप शहीद तिरंगा यात्रा के आयोजकों पर लगाए जा रहे हैं । इस मामले में पटौदी में निकाली गई शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा के संयोजक पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी । इसका मुख्य कारण भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनकड़ के नेतृत्व में निकाली जा रही शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा में उनका व्यस्त रहना बताया गया ।

इनेलो के प्रदेश प्रवक्ता सुखबीर तंवर का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा न तो शहीदों का सम्मान किया जा रहा और ना ही तिरंगे का मान रखा गया । उन्होंने आरोप लगाया कि आर एस एस ने ही वर्ष 2002 से पहले कभी भी तिरंगे को सम्मान नहीं दिया । राजकुमार पपली ने आरोप लगाया कि उनके गांव में भी 2 शहीद और समारक हैं लेकिन शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा और यात्रा के आयोजक सहित इस आयोजन से जुड़ा कोई भी भाजपा का कार्यकर्ता अथवा नेता गांव में शहीद प्रतिमाओं शहीद परिजनों के मान सम्मान के लिए नहीं पहुंचा। रमेश गर्ग सेठी , धर्मपाल बोहड़ा, कुलदीप राठी , राजकुमार व अन्य ग्रामीणों का यहां तक कहना है कि किसान आंदोलन को लेकर उत्तर भारत में जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी और इसके नेताओं के साथ में जननायक जनता पार्टी को भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है । ग्रामीण कृषि कानूनों के मुद्दे को लेकर दोनों पार्टियों के नेताओं को अपने-अपने गांवों में नहीं घुसने दे रहे। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा तिरंगे की आड़ लेकर गांव में घुसने और गिरी हुई साख को बचाने का प्रयास किया जा रहा है ।

वहीं अन्य लोगों का यह भी कहना है कि पटौदी क्षेत्र में ही 50 से अधिक शहीद और शहीद प्रतिमाएं उसके साथ-साथ शहीद स्मारक भी मौजूद हैं । लेकिन शहीद सम्मान यात्रा भाजपा के द्वारा अपनी राजनीति चमकाने और जमाने के लिए निकाली गई । यह इसी बात से साबित हो जाता है कि पटौदी क्षेत्र के करीब आधे शहीद , शहीद स्मारक और शहीद परिवारों की शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा के दौरान पूरी तरह से अनदेखी करते हुए शहीदों का अपमान ही किया गया है । वहीं सूत्रों के मुताबिक यह भी जानकारी सामने आ रही है कि एक दिन पहले शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा के समापन के मौके पर कुछ शहीद प्रतिभाओं और शहीद परिवारों तक नहीं पहुंच पानी की जानकारी यात्रा के संयोजक पटौदी के एमएलए सत्यप्रकाश जरावता के संज्ञान में आई , तो इसके बाद में वह शहीद परिवारों के बीच पहुंचे और अपनी भूल सुधार करते हुए शहीद परिवारों का मान सम्मान भी किया।

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